सोनभद्र के डीएम व एसपी हटाए गए, कई अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
लखनऊ। यूपी के सोनभद्र जिले में गत 17 जुलाई को हुए नरसंहार पर जांच के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट रिपोर्ट मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज सोनभद्र के जिलाधिकारी अंकित कुमार एवं पुलिस अधीक्षक सलमान ताज पाटिल को हटा दिया है। इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।
तीन सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ये कार्रवाई की गई।कल देर रात मुख्यमंत्री को अपर मुख्य सचिव (राजस्व) रेणुका कुमार ने करीब एक हजार पेज की ये रिपोर्ट सौंपी। जांच कमेटी में प्रमुख सचिव (श्रम) सुरेश चंद्रा और कमिश्नर मिर्जापुर एके सिंह शामिल थे।
एसराम लिंगम सोनभद्र के नये डीएम एवं प्रभाकर चौधरी नये एसपी बनाये गये हैं। हटाए गए डीएम व एसपी के ख़िलाफ़ विभागीय कार्रवाई भी शुरू की गई है वहीं 1989 में राबर्ट्सगंज के तहसीलदार, एसडीएम के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज होगा। मौजूदा एसडीएम, सीओ, सहायक परगना अधिकारी, एसओ, एसआई, सहायक निबंधक को भी सस्पेंड किया गया है तथा जितने भी जिम्मेदार जीवित हैं सब पर मुकदमा दर्ज होगा।
सोनभद्र कांड में गलत ढंग से जमीन अपने नाम कराने वाले दो पूर्व आईएएस अफसरों की पत्नियों के खिलाफ भी मुकदमा होगा। पूरे मामले की जांच डीआईजी (एसआईटी) जे रविंद्र गौड़ के नेतृत्व में होगी, 3 महीने में इस पूरे मामले में दर्ज किए गए सभी मुकदमों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। तेरह सौ बीघा की जमीन आदर्श सेवा समिति ने अपने नाम की है जिसके ऊपर कारवाई कर कर या सरकारी दस्तावेज में कार्रवाई पर जमीन दर्ज की जाएगी।
इस पूरे मामले में 8 अफसरों को हटाया गया है डीएम, एसएसपी, एक एडिशनल एसपी, 3 सीओ समेत 8 अफसरों को हटाया गया है। इसके अलावा तीन इंस्पेक्टर, एक सब इंस्पेक्टर, दो सिपाहियों पर भी कार्यवाही की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सोनभद्र और मिर्जापुर में एक लाख हेक्टेयर से अधिक की भूमि फर्जी सोसाइटी गठित करके हड़पने का अधिकांश काम कांग्रेस के समय हुआ है। जांच समिति 3 महीने में अपनी रिपोर्ट देगी जिसके आधार पर आगे कार्यवाही की जाएगी। जांच के लिए नई गठित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कब्जाई गई जमीन वापस ग्राम पंचायत के नाम दर्ज होगी फिर भूमिहीनों को दी जाएगी। फर्जी सोसायटी बनाकर जहां भी जमीनों को हड़पने का कार्य हुआ है उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के तत्कालीन एमएलसी ने फर्जी सोसाइटी बनवाई, जिसमे उनके 12 रिश्तेदार थे। उसी फर्जी सोसाइटी के नाम गलत तरीके से जमीन दर्ज कराई गई। बिहार के रहने वाले थे कांग्रेस के ये एमएलसी। सोसाइटी के जो भी जीवित सदस्य हैं उनके नाम भी एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।