नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा का समय कम करने के बाद अब किश्तवाड़ से माछिल के बीच आयोजित होने वाली पारंपरिक माछिल यात्रा को भी बंद करने का आदेश दिया गया है। पूर्व में इस यात्रा की शुरुआत 25 जुलाई से हुई थी, लेकिन अब इसे सुरक्षा कारणों से बंद करने का फैसला किया गया है। दूसरीं तरफ कश्मीर में खस कर श्रीनगर की सड़कों पर पर्यटकों की भीड़ भीड़ ही दिखाई ओढ़ रही है। नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर के राज्यपाल से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि राज्यपाल भी इस बात से नावाकिफ हैं कि कश्मीर में क्या चल रहा है।
किश्तवाड़ में स्थित चंडी माता मंदिर को जम्मू-कश्मीर के एक पारंपरिक देवस्थान के रूप में जाना जाता है। हर साल यहां एक पारंपरिक माछिल यात्रा होती है, जिसमें हिस्सा लेने के लिए राज्य के अलावा पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और उत्तराखंड के तमाम श्रद्धालु यहां आते हैं
इस साल इस यात्रा को 25 जुलाई को शुरू किया गया था और जिसमें लगातार श्रद्धालुओं का आना जारी था। इसी बीच शनिवार को राज्य सरकार ने इस यात्रा को समय से पूर्व ही स्थगित करने का फैसला किया, जिसके बाद किश्तवाड़ और यात्रा रूट पर सभी यात्रियों को वापस अपने घर लौटने के निर्देश जारी किए गए। इससे पूर्व यात्रा को पांच सितंबर तक संचालित करने के इंतजाम किए गए थे।।
श्रीनगर में हालात बेकाबू, हर तरफ भीड़ ही भीड़
पूरी कश्मीर घाटी में इस समय अफरा-तफरी के हालात हैं। शुक्रवार को जब से एडवाइजरी जारी की गई उसके बाद से हालात और बिगड़ गए है। सरकार की तरफ से अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को तुरंत घाटी छोड़ने के लिए कह दिया गया है। इसके बाद से ही यहां के नागरिक और परेशान हो गए हैं और श्रीनगर के पेट्रोल पंपों के अलावा एटीएमों के बाहर भीड़ देखी जा सकती है।
श्रीनगर में सड़कों पर भीड़ ही भीड़ है और एटीएम के बाहर लंबी लाइनें लगी हैं। इन तमाम हालातों के बाद डीजीसीए ने सभी एयरलाइंस को एक्स्ट्रा फ्लाइट्स ऑपरेट करने को कह दिया है। एक स्थानीय नागरिक ने बताया, ‘लोग दहशत में हैं। कल से पहले तक राज्यपाल कह रहे थे कि घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन हालात बहुत बिगड़ गए हैं। हम सरकार से अपील करते हैं कि वह स्थिति पर जारी दुविधा को खत्म करें और सब कुछ स्पष्ट करें।
मुंबई के रहने वाले आशुतोष मोदी जो कश्मीर में थे उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि हर जगह बस भीड़ ही भीड़ है। लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए। गौरतलब है कि सरकार की ओर से अमरनाथ तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए एडवाइजरी सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जारी की गई। इस एडवाइजरी में कहा गया था कि पाकिस्तान के आतंकी अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की फिराक में हैं।
राज्यपाल को भी नहीं पता कि क्या हो रहा है: उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर में तेजी से हो रही हलचल को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सूबे के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से शनिवार को मुलाकात की। शनिवार को गवर्नर से मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति के बारे में जानना चाहते हैं। जब हमने अधिकारियों से इसके बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि यहां कुछ हो रहा है, लेकिन किसी ने नहीं बताया कि वास्तव में यहां क्या हो रहा हैं?
उन्होंने कहा कि जब सोमवार को संसद में कार्यवाही शुरु होगी तो केंद्र सरकार बयान जारी करके बताए कि अमरनाथ यात्रा रोकने के आदेश और यात्रियों को कश्मीर छोड़ने के क्यों कहा गया? हम संसद में ये सुनना चाहते हैं कि लोगों को डरने की कोई जरूरत नहीं है। हमने गवर्नर को बताया कि 35ए, 370, परिसीमन और राज्य को तीन हिस्सों में बांटने की अफवाहे हैं। गवर्नर ने हमें आश्वासन दिया कि इन सभी मुद्दों मे से किसी के ऐलान के लिए कोई तैयारी नहीं की जा रही है।
उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि राज्यपाले के शब्द जम्मू-कश्मीर पर अंतिम शब्द नहीं हैं। जम्मू-कश्मीर पर अंतिम शब्द भारत सरकार के हैं। इससे अधिक राज्यपाल जो भी कुछ भी सार्वजनिक रूप से बताते हैं, मैं निश्चित तौर पर भारत सरकार से सार्वजनिक तौर पर सुनना चाहते हैं कि लोगों के लिए चिंता करने की बात नहीं है।