एस वाई एल मामले में पंजाब सरकार को झटका

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सतलुज-यमुना लिंक पर निर्माण कार्य जारी रहेगा : सुप्रीम कोर्ट

” कानून बनाने का पंजाब को अधिकार नहीं “

पंजाब कांग्रेस के विधायकों का सामूहिक इस्तीफा  

नई दिल्ली : सतलुज यमुना लिंक नहर मामले में पंजाब सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट की सवैधानिक पीठ  ने अपने आदेश में साफ कर दिया है कि पंजाब को इस ममाले में एकतरफा कानून बनाने का कोई अधिकार नहीं है. सतलुज-यमुना लिंक पर निर्माण कार्य जारी रहेगा. खबर है कि कोर्ट के इस फैसले के बाद पंजाब कांग्रेस के विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. पंजाब कांग्रेस के प्रमुख कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की है.

 

सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया है. जल बंटवारे को लेकर इस विवाद में पंजाब और हरियाणा अक्सर आमने सामने हो जाता है. दोनों राज्यों के राजनितिक दल इसको लेकर राजनीती चमकाते रहे हैं. पंजाब ने वर्ष 2004 में विधान सभा में एक तरफ़ा कदम उठाते हुए इस फैसले को रद्द कर दिया गया था।

कैप्टन अमरिंदर ने भी लोकसभा से इस्तीफा दिया

न किसानों को देना गलत है. कोर्ट ने कहा कि समझौता रद्द करने का अधिकार पंजाब को नहीं है. खबर है कि कोर्ट के इस फैसले के बाद पंजाब कांग्रेस के विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है . पंजाब कांग्रेस के प्रमुख कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

 

न्यायमूर्ति ए आर दवे की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय एक संविधान पीठ ने 12 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. दरअसल, केंद्र ने 2004 के अपने रूख को कायम रखा था जिसके तहत कहा गया था कि संबद्ध राज्यों को खुद से इस विषय पर अपने विवादों को सुलझाना चाहिए. 

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