नई दिल्ली : श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा, उदासीन के प्रमुख महंत महेश्वर दास ने कहा कि राम हमारे सांस्कृतिक गौरव हैं . राम जन्म भूमि के मसले पर कोई समझौता स्वीकार्य नहीं है. जन्म स्थान नहीं बदला जा सकता क्योंकि जन्म स्थान तो एक ही होता है. इस मसले पर अदालत के निर्णय के बाद वर्तमान केंद्र सरकार से सकारात्मक पहल की हमें अपेक्षा है जबकि आम जनमानस जम्मू कश्मीर के मामले में भारतीय संविधान से धारा 370 व 35 ए को निरस्त करने की मांग कर रहा है.
महंत महेश्वर दास ने धार्मिक व सामाजिक एवं राष्ट्रीय विषयों पर thepublicworld.com न्यूज पोर्टल के संपादक, सुभाष चौधरी से ख़ास बातचीत में बेबाकी से विचार व्यक्त किया. श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन के इतिहास की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह संस्था अनादि काल से काम कर रही है. पौराणिक काल में अलग अलग राजा के राज्य थे. 75 साल पूर्व केंद्रीय सत्ता आई. तब राजा का मौखिक आदेश ही कानून था. लोगो में आध्यात्मिक भाव बना रहे इसके लिए जागरूकता पैदा करने को संतों ने बीड़ा उठाया.
उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज हमारे सांस्कृतिक प्रतीक हैं. उनके प्रति सम्मान और आदर हमारा कर्तव्य है. लोगों में अपने कर्तव्यों का बोध रहे, सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के प्रति लोगों को संवेदनशील बनाये रखने के लिए आम जनमानस को जागरूक करना हमारी संस्था का मुख्य उद्देश्य है.
महंत महेश्वर दास से बातचीत के ख़ास बिंदु :
- श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा, उदासीन में तीन विभाग बनाये गए
- भ्रमणशील विभाग के संत काबुल तक जाते थे
- आज भी हमारे पास इसके रिकॉर्ड हैं जिससे इस बात का पता चलता है
- ईश्वरीय कार्य का निष्पादन करना हमारा उद्देश्य है
- संत अपने जीवनदर्शन से संदेश देते थे
- 18 अखाड़े सीधे मेरे प्रशासन में हैं
- सभी अखाड़े पर एक समान नियम लागू हैं
उन्होंने बताया कि :
- उदासीन आचार्य श्री चंद्रदेव जी संस्था के संगठक हैं
- उदासीन परम्परा के आदि आचार्य हैं भगवान हंस
- भगवान नारायण ने हंस के रूप में अवतार लिया
- भगवान हंस ने सनकादिक ऋषियों को उपदेश दिया
- हंस गीता में जीवन के सभी दृषिकोण परिभाषित
महंत महेश्वर दास ने बताया कि :
- श्रीचंद भगवान श्री गुरु नानकदेव जी के बड़े पुत्र थे
- श्रीचंद भगवान, नानकदेव जी आज्ञा से उदासीन संत बने
- 149 वर्ष की आयु तक श्रीचंद भगवान रहे
श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन के बारे में बताया कि :
- आज भी पुरानी मर्यादाओं का पालन हो रहा है
- हमारे यहां सर्वसम्मति से निर्णय लिया जाता है
- अध्यात्म में दो लोगों की अनुभूति एक जैसी नहीं
- दो संत एक जैसे नहीं होते, अनुभव अलग अलग
- हमें गुरु के वचन पर विश्वास है
उन्होंने बताया कि :
- संत सती और शूरमा के विना पृथ्वी नष्ट हो जाएगी
- जो छपते हैं वे संत नहीं : जो छुपे हैं वे संत
- संत स्वभाव का नाम है वेशभूषा का नाम नहीं
- जो दूसरे के दुख में दुखी हो वही संत हैं
महंत जी ने कहा कि :
- सनातन धर्म का न आदि है और न अंत है
- हिन्दू क्रांतिकारी हो सकता है
- हिन्दू कभी आतंकवादी नहीं हो सकताहै
- सर्वसमाज के समावेशी सिद्धान्त पर चलते हैं
- हमारे गुरु बताते थे कि सेवा से ही सारी रिद्धि सिद्धि प्राप्त होती है
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के परिणाम पर उन्होंने कहा कि :
- 2019 लोकसभा का चुनाव राष्ट्रवाद पर हुआ
- जनता ने यह सिद्ध कर दिया कि राष्ट्रवाद प्रमुख मुद्दा
- राष्ट्रहित सबसे प्रमुख विषय
- राष्ट्र हमारे लिए पूजनीय है, राष्ट्र सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए
- नरेंद्र मोदी सरकार से हमारी तीन अपेक्षाएं हैं
महंत महेश्वर दास जी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार से हमारी तीन अपेक्षाएं हैं :
- पहला : अर्थव्यवस्था को गांव से शहर की ओर ले जाना होगा
- दूसरी अपेक्षा : विकास के लिए पर्यवरण से समझौता नहीं होनी चाहिए
- पीड़ित पक्ष के पुनर्वास की व्यवस्था जरूरी, अन्यथा विकास अधूरा है
- तीसरी अपेक्षा : हमारे सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण जरूरी
- राम हमारे सांस्कृतिक गौरव हैं
- राम मन्दिर बनना चाहिए , चाहे कोर्ट से या कानून से
- मध्यस्थता कर रहे लोगों ने हमलोगों से अब तक संपर्क नहीं किया है
- आम जनमानस की मांग है कि राम मंदिर बने
- अखाड़ा परिषद से भी अभी तक किसी ने संपर्क नहीं किया है
महंत महेश्वर दास जी ने स्पष्ट किया कि :
- रामजन्म भूमि से कोई समझौता नहीं हो सकता
- माननीय उच्चतम न्यायालय की जिम्मेदारी है
- हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे
- अखाड़ा परिषद ने कई बार इस संबंध में प्रस्ताव किया है
- अदालत के निर्णय के बाद सरकार विचार करेगी
जम्मू कश्मीर के मसले पर उन्होंने कहा कि :
- संविधान से धारा 370 व 35 ए को हटाया जाना चाहिए
- पूरे देश में एक सामान कानून लागू हो
- किसी धर्म विशेष के लिए ख़ास व्यवस्था नहीं होनी चाहये
- चार लाख लोग वहां से विस्थापित हुए , क्या यह संवेदनशील मुद्दे नहीं है
- सबके साथ एक समान व्यवहार होना चाहिए
उत्तर भारत के धार्मिक शहरों की स्थिति पर उन्होंने कहा कि :
- उत्तर भारत में सत्ता में बैठे लोगों ने धार्मिक शहरों की उपेक्षा की
- दक्षिण भारत के धार्मिक स्थलों/शहरों को व्यवस्थित रूप दिया गया
- दक्षिण भारत में धार्मिक स्थलों को वहां की सरकारों ने विकसित किया
- पिछले 5 वर्ष में गंगा सफाई पर काफी काम हुआ
- नरेंद्र मोदि सरकार ने इस दिशा में कारगर कदम उठाये हैं
- अभी और काम करने की जरूरत है
- इसके लिए लोगों में जागरूकता होनी चाहिए
चुनाव के दौरान राजनेताओं द्वारा मंदिरों के चक्कर लगाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि :
- मंदिर में सम्मान देना हमारी संस्कृति है
- किसी भी दल से हो उनका स्वागत है
- लेकिन दिखावे के लिए धर्म का उपयोग गलत
- आसमानी राजनीतिज्ञ जनता को बेवकूफ समझते हैं
- लेकिन जनता सब कुछ समझती है
- धार्मिकता दिखाने के लिए नहीं आचरण से व्यक्त की जाती है
- जो हैं आप अपने लिए चाहते हैं वही दूसरों के लिए चाहें
युवाओं के लिए ख़ास सन्देश :
- युवाओं को अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कभी भी शोर्ट कट रास्ता नहीं अपनाना चाहिए
- खाली बैठना ठीक नहीं है
- अपनी मेहनत से जीवन को बनाने की कोशिश करनी चाहिए
- आज के युग में युवाओं में पहले से अधिक चेतना है