नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने आम आदमी के लिए बड़ी राहत भरा फैसला लिया है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार रेपो रेट को छह फीसदी से घटाकर 5.75 फीसदी कर दिया गया है।
एमपीसी के सभी छह सदस्यों ने रीपो रेट में कटौती का समर्थन किया। रेपो रेट के अतिरिक्त रिवर्स रीपो रेट में भी कटौती की गई है। नई मौद्रिक नीति के तहत रिवर्स रीपो रेट घटकर 5.50 फीसदी पर आ गया है, जबकि बैंक रेट छह फीसदी पर है। छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की।
केंद्रीय बैंक ने आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिए इस साल फरवरी और अप्रैल में रेपो रेट में 25-25 आधार अंकों (0.25 फीसदी) की कटौती की थी। हालांकि अप्रैल में जब आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कटौती की गई थी, तब कुछ ही बैंकों ने इसका लाभ लोगों को दिया था।
इसके साथ ही आरबीआई ने आरटीजीएस और एनईएफटी पर बैंकों के साथ अपनी ओर से वसूले जाने वाले चार्जेस को पूरी तरह से हटा दिया है। इसका मतलब साफ है कि ग्राहक अब बैंकों की ओर से वसूले जाने वाले चार्जेस ही चुकाएंगे। ऐसे में आरटीजीएस और एनईएफटी करना सस्ता हो जाएगा।