नई दिल्ली। राफेल पर किचकिच के बीच केंद्र सरकार ने संसद में कैग रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट के मुताबिक एनडीए सरकार के दौरान हुई डील यूपीए सरकार की तुलना में 2.86 फीसद सस्ता था। रिपोर्ट के पेश किए जाने के बाद अब राजनीतिक हल्कों से प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं।
सत्ता पक्ष का कहना है कि देश की जनता को इस मुद्दे पर आज तक गुमराह किया गया। लेकिन विपक्ष का कहना है कि इस रिपोर्ट से मोदी सरकार अपने को पाकसाफ न समझे। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने इसे सत्य की जीत करार दिया। उन्होंने कहा कि विरोधी दल खासतौर पर कांग्रेस सुनियोजित तरीके से केंद्र सरकार को बदनाम करने की कोशिश में जुटी थी।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले और कैग रिपोर्ट से स्पष्ट है कि मोदी सरकार की नीयत में खोट नहीं थी। एक तरफ सरकार की तरफ से अपने पक्ष में कैग रिपोर्ट को बताया गया तो बीएसपी मुखिया ने कैग रिपोर्ट पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये रिपोर्ट राफेल के सभी पक्षों पर प्रकाश डालने में नाकाम रही है।