वॉशिंगटन: अमरीका में बने रहने के लिए एक फर्जी विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के मामले में गिरफ्तार सभी 129 भारतीय सहित सभी 130 छात्रों को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सभी छात्रों पता था कि वे अपराध कर रहे हैं। भारतीय छात्रों को हिरासत में लिए जाने पर नई दिल्ली में अमरीकी दूतावास को ‘डिमार्शे’ जारी करने के कुछ दिनों बात अमरीका के विदेश मंत्रालय ने यह बयान दिया है।
130 विदेशी छात्रों को किया गया गिरफ्तार
गौरतलब है कि अमरीकी अधिकारियों ने कथित रूप से देश में बने रहने के लिए एक फर्जी विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के सिलसिले में 130 विदेशी छात्रों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 129 भारतीय हैं। आव्रजन एवं सीमाशुल्क विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को यह गिरफ्तारियां कीं। ‘पे एंड स्टे’ गिरोह का भंडाफोड़ करने के लिए ग्रेटर डेट्रॉइट इलाके में डीएचएस की जांच ईकाई ने ‘फर्जी’ ‘यूनिर्विसटी ऑफ फर्मिंगटन’ स्थापित की थी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में सोमवार को कहा, यूनिर्विसटी ऑफ फर्मिंगटन में दाखिला लेने वाले सभी लोगों को पता था कि इसके कोई शिक्षक नहीं हैं और ना ही इसकी कोई कक्षाएं होती हैं। उन्हें यह भी पता था कि वे अमरीका में अवैध तरीके से रहने के लिए अपराध कर रहे हैं।
छात्रों को किया गया अदालत में पेश
भारत ने हिरासत में लिए गए छात्रों तक राजनयिक पहुंच की मांग भी की थी। इस बीच, आठ छात्रों को मिशिगन की एक संघीय अदालत में पेश किया गया जहां उन्होंने खुद को निर्दोष बताया। फनीदीप करनाती, भरत काकीरेड्डी, सुरेश कंडाला, प्रेम रामपीसा, संतोष समा, अविनाश थक्कलपल्ली, अश्वन्थ नूने और नवीन प्रथीपती को मिशिगन पूर्वी जिले में न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया। करनाती के वकील जॉन डब्ल्यू ब्रूस्टार ने आरोप लगाया कि संघीय सरकार इस तरह के अभियान चलाकर लोगों को फंसा रही है। उन्होंने कहा, ‘यह सब साजिश है।’ ब्रूस्टार ने बताया करनाती के पास एच-1बी वीजा है और वह करीब पिछले 10 सालों से अमेरिका में आईटी इंजीनियर हैं। दोषी पाए जाने पर इन आठों को पांच साल तक की सजा हो सकती है।