नितिन गडकरी ने किया ‘जल चर्चा’ पत्रिका के प्रथम अंक का लोकार्पण

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  • पत्रिका का ई-संस्‍करण लांच किया गया

  • गडकरी ने जल संरक्षण में सफल कार्यों को लागू करने की आवश्‍यकता पर बल दिया

नई दिल्ली : केन्‍द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज नई दिल्‍ली में जल संसाधन मंत्रालय की मासिक पत्रिका ‘जल चर्चा’ का विमोचन किया। श्री गडकरी ने विश्‍व में जल संरक्षण में सफल कार्यों को लागू करने की आवश्‍यकता पर बल देते हुए कहा कि महाराष्‍ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना तथा कर्नाटक जैसे राज्‍यों ने इस दिशा में अनेक कदम उठाये हैं और फिर से चार्ज किये गये कुओं के रूप में सकारात्‍मक परिणाम दिख रहे हैं जिसके परिणामस्‍वरूप लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।

जल के पुनरावर्तन तथा कचरे का धन के रूप में पुनरावर्तन के महत्‍व को दोहराते हुए श्री गडकरी ने कहा कि महाराष्‍ट्र में उनके निर्वाचन क्षेत्र में 350 खेल मैदानों तथा 78 बागों की पहचान की गई है, जहां पुनरावर्तित जल का उपयोग छिड़काव में किया जाता है जो स्‍वत: ताजा जल का संरक्षण करता है।

पुनरावर्तित जल का इस्‍तेमाल निर्माण कार्यों में भी किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि मथुरा में पुनरावर्तित जल के फिर से उपयोग के लिए स्‍वच्‍छ गंगा राष्‍ट्रीय मिशन और इंडियन ऑयल के बीच समझौता ज्ञापन की चर्चा की। श्री गडकरी ने कहा कि दिल्‍ली सरकार ने भी यमुना के वजीराबाद से ओखला तक साफ किये गये जल का फिर से उपयोग करने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की है। यह दिखाता है कि पानी संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। उन्‍होंने कहा है कि जल संरक्षण के गंभीर मामले में स्‍वयंसेवी संगठनों, सामाजिक संगठनों तथा राज्‍यों को शामिल किये जाने की जरूरत है। श्री गडकरी ने कहा कि जल क्षेत्र में सफलता के लिए सहयोग, समन्‍वय और संचार महत्‍वपूर्ण है। उन्‍होंने कहा कि यह पत्रिका जल संरक्षण को प्रोत्‍साहित करने के लिए उचित मंच प्रदान करेगी।

जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्‍य मंत्री डॉ. सत्‍यपाल सिंह ने पत्रिका के ई-संस्‍करण को लांच किया। पत्रिका का ई-संसकरण mowr.gov.in पर उपलब्‍ध है।

जल संसाधन सचिव यू पी सिंह ने बताया कि ‘जल चर्चा’ मंत्रालय द्वारा प्रकाशित की जाने वाली तीसरी पत्रिका है। स्‍वच्‍छ गंगा के लिए राष्‍ट्रीय मिशन द्वारा ‘नमामी गंगे’ पत्रिका और केन्‍द्रीय जल आयोग द्वारा ‘जलांश’ पत्रिका प्रकाशित की जाती है। जल चर्चा का 25 पृष्‍ठ का प्रथम अंक एक यात्रा का प्रारंभ है जिसका उद्देश्‍य लोगों को भागीदार बनाना है।

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