भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ 17 दिसंबर को अपराह्न डेढ बजे भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। वह प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री होंगे।
कमलनाथ शुक्रवार की सुबह करीब 11 बजे राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलने पहुंचे और उन्होंने प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश कर शपथ की तारीख और समय पर करीब 50 मिनट उनसे चर्चा की।
राज्यपाल से मिलने के बाद बाहर आते वक्त वहां मौजूद मीडिया कर्मियों को प्रफुल्लित कमलनाथ ने बताया, ‘’17 दिसंबर को डेढ़ बजे शपथ ग्रहण समारोह होगा और लाल परेड ग्राउंड में होगा।’’ इसके बाद वह सभी का अभिवादन करते हुए वहां से रवाना हो गए।
इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दीपक वाबरिया, अजय सिंह, विवेक तनखा, अरूण यादव एवं सुरेश पचौरी उनके साथ मौजूद थे।
एक नवंबर 1956 को मध्यप्रदेश का गठन होने के बाद से कमलनाथ प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री होंगे।
11 दिसंबर को आए चुनाव परिणाम में मध्य प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं। वह बसपा के दो, सपा के एक और चार अन्य निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बना रही है। पार्टी का दावा है कि उसके पास फिलहाल 121 विधायकों का समर्थन हासिल है।
राज्यपाल ने कमलनाथ को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री नियुक्त करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं और कहा कि मध्यप्रदेश विधानसभा के कांग्रेस विधायक दल के निर्वाचित सदस्यों ने सर्व सम्मति से आपको कांग्रेस पार्टी का नेता निर्वाचित किया है। आपको बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों तथा नवनिर्वाचित निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है।
आनंदीबेन ने आगे लिखा है, ‘‘कांग्रेस विधायीदल को विधानसभा में बसपा, सपा एवं निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त होने से प्रदेश में सबसे बड़े दल के नेता के नाते भारत के संविधान के अनुच्छेद 164 के अंतर्गत आपको (कमलनाथ) मुख्यमंत्री नियुक्त करती हूं तथा मंत्रिमंडल का गठन करने के लिए आमंत्रित करती हूं।’’