संस्कृत विवि के डीन निलम्बित, विवि में हड़कंप

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 प्रशासdr-nilima-singh-vc-darbhanga-sanskrit-university-1निक व शैक्षणिक माहौल में बदलाव के आसार 

दरभंगा :  कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के अध्यक्ष छात्र कल्याण  व स्नातकोत्तर धर्मशास्त्र विभाग के असोसिएट प्रोफेसर डा0 दिलीप कुमार झा को आज निलम्बित कर दिया गया है। इससे संस्कृत विवि के सभी विभागों में हडकंप मचा हुआ है. निलंबन के इस आदेश से अब विवि के प्रशासनिक व शैक्षणिक माहौल में जबरदस्त बदलाव आने के आसार हैं. इससे विवि की कार्य संस्कृति में आशातीत सुधार होंगे.

डीन पर अराजक स्थिति उत्पन्न करने के आरोप 

बताया जाता है कि डा0 झा के खिलाफ अनुशासनहीनता, वीसी के साथ दुर्व्यवहार, विवि के कार्य कलापों में बाधा डालने, विवि में उपद्रवी तत्वों को बढ़ावा देने तथा अराजक स्थिति उत्पन्न करने की ढेरों शिकायतें लगातार आ रहीं थीं.  इनके क्रियाकलाप के कारण विवि के स्टाफ व छात्र सभी परेशान थे. यहाँ तक कि कई मामले में डॉ. झा मनमानी पर उतर आते थे और कुलपति के आदेश की भी अवहेलना करने से नहीं चूकते थे. इनकी कार्यशैली विवि परिसर व इससे संबद्ध कालेजों में भी चर्चा का विषय बनी  हुयी थी . समझा जाता है कि इन परिस्थितियों को देखते हुए ही कुलपति ने विवि के हित में इन्हें निलम्बित करने का आदेश जारी किया जो प्रशासनिक दृष्टि से सही कदम उठाया गया बताया जाता है.

बिहार का एक मात्र संस्कृत विवि

उल्लेखनीय है कि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि बिहार का एक मात्र संस्कृत विवि है जिसका अधिकार क्षेत्र पूरा बिहार राज्य है. संस्कृत के प्रचार प्रसार में बेहद अहम् योगदान इस एक मात्र विवि का माना जाता है. यहाँ धार्मिक ग्रन्थ, दर्शन शास्त्र, रामायण गीतगोविन्द , व्याकरण, तन्त्रम व सप्तशती जैसे कई महान ग्रंथों की पांच हजार से अधिक हस्तलिपियां संकलित की गयी हैं. खास कर बिहार के संस्कृत के क्षेत्र के कालेज इसी विवि से सम्बद्ध हैं. ऐसे में कुलपति  डा0 नीलिमा सिन्हा पर और भी दबाव था कि वे हर हाल में इस विवि के प्रशासनिक व शैक्षणिक वातावरण को रचनात्मक व सुचारू बनाएं.

अन्य अधिकारी व कर्मी भी लेंगे सबक 

विवि के कर्मियों व कई व्यख्याताओं ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि जिस विवि के प्रथम कुलपति महान विद्वान् डॉ उमेश मिश्रा व प्रोफ़ेसर राम कारण शर्मा जैसे संस्कृत के प्रकांड विद्वान् व कवि रहे हैं उनकी विरासत को आखिर बचा कर रखने की  जिम्मेदारी अब वर्तमान कुलपति डा0 नीलिमा सिन्हा पर है. इसलिए इस तरह के सख्त निर्णय प्रशासनिक दृष्टि से लम्बे समय से अपेक्षित थे. अब उम्मीद यही की जानी चाहिए कि कुलपति के इस कदम से अन्य अधिकारी व कर्मी भी सबक लेंगे. बिहार राज्य विवि अधिनियम-1976 की कंडिका 9-11 के आलोक में कुलपति के आदेश से प्रभारी कुलसचिव डा0 अशोक कुमार आजाद द्वारा जारी कार्यालय आदेश में स्पष्ट किया गया है कि निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय र0 मि0 भा0 संस्कृत कालेज, देवरिया, बक्सर रहेगा.

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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