शशि रानी
डीएवाई-एनआरएलएम का लक्ष्य है कि निर्धारित अवधि के अंदर 2011 की जनगणना के आधार पर 8-10 करोड़ ग्रामीण निर्धन घरों तक पहुंच बनाए। इसके अलावा जब तक यह वर्ग गरीबी से बाहर नहीं आ जाता, उनके साथ काम करता रहेगा। आशा की जाती है कि डीएवाई-एनआरएलएम अपनी बचत और उद्यम के जरिए कुपोषण-बीमारी-इलाज पर होने वाला निजी खर्च-गरीबी के दुष्चक्र को तोड़ने में सफल होगा। वह स्वसहायता समूहों और उनके संघों के माध्यम से खाद्यान्न, स्वास्थ्य, पोषण आदि क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाएगा।
उल्लेखनीय है कि डीएवाई-एनआरएलएम ने दस सिद्धांतों पर आधारित एक रणनीति तैयार की है। अपनी शुरूआत के समय से ही अब तक 5.39 महिलाओं को स्वसहायता समूहों के लिए लामबंद किया गया और 47 लाख से अधिक स्वसहायता समूहों का गठन किया गया है। पोषण अभियान के तहत डीएवाई-एनआरएलएम, ग्रामीण विकास मंत्रालय के नोडल एजेंसी भी है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के अलावा पोषण अभियान में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भी शामिल है। सहयोग के चार क्षेत्रों में स्वास्थ्य, पोषण और डब्ल्यूएएसएच कैम्पों (ग्रामीण, स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस-वीएचएसएनडी) संबंधी तयशुदा दिन पर लोगों को जागरूक करना, व्यवहार परिवर्तन सम्पर्क के जरिए सहयोग, महिला समूहों के लिए पोषण आधारित आजीविका को प्रोत्साहन तथा अवरचना के साझा इस्तेमाल के जरिए सहयोग शामिल हैं।