गुरुग्राम, 8 अक्टूबर: आचार्य पुरोहित संघ के अध्यक्ष पंडित अमरचंद भारद्वाज ने शारदीय नवरात्रि की महानता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नवरात्रि शुभ दिन होते हैं और यह दुर्लभ समय मां दुर्गा की आराधना के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। इसमें मां दुर्गा के नौ स्वरुपों का पूजन किया जाता है।
नवरात्रि में हर शुभ कार्य किया जाता है। पंडित अमरचंद ने बताया कि वैसे तो शारदीय नवरात्रि का शुभ मुहुर्त 9 अक्तूबर को ही शुरु हो जा रहा है लेकिन शुभारंभ की उदया तिथि10 अक्टूबर है। ऐसे में 10 अक्टूबर से ही माता के प्रथम व द्वितीय रुप की पूजा शुरु होगी। कलश स्थापना भी 10 अक्टूबर को ही होगा। पं. अमरचंद भारद्वाज ने बताया कि साल में नवरात्रि दो बार मनाई जाती है।
पहला चैत्र मास में और दूसरा अश्विन मास की शारदीय नवरात्रि। शारदीय नवरात्रि में दसवें दिन दशहरा जिसे विजयादशमी भी कहते हैं, मनाया जाता है। शारदीय नवरात्रि में हर तरह के शुभ कार्य किए जा सकते हैं। नवरात्रि के 9 दिन बहुत शुभ होते हैं। इसमें किसी विशेष कार्य के लिए मुहूर्त देखने की जरुरत नहीं होती। इन खास दिनों पर लोग गृह प्रवेश और नई गाडिय़ों की खरीददारी करते हैं।
पंडित अमरचंद ने कहा कि पंचांग के अनुसार 10 अक्टूबर. नवरात्रि का प्रथम दिन है। इस तिथि को कलश स्थापना के साथ मां शैलपुत्री व मां ब्रह्मचारिणी का पूजन होगा। वहीं 11 अक्टूबर नवरात्रि द्वितीय और दिन तृतीय है। इस दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होगी। इसी प्रकार से 12 अक्टूबर को तृतीया कुष्मांडा पूजा, 13 अक्टूबर चतुर्थी स्कंदमाता पूजा, 14 अक्टूबर पंचमी मां सरस्वती पूजा, 15 षष्ठी कात्यायनी पूजा, 16 अक्टूबर सप्तमी कालरात्रि सरस्वती पूजा, 17अक्टूबर अष्टमी मां महागौरी दुर्गा नवमी पूजन, 18 अक्टूबर नवमी हवन व नवरात्रि पारण और 19 अक्टूबर को दुर्गा विसर्जन और विजयदशमी का पर्व मनाया जाएगा।