सुभाष चौधरी/प्रधान सम्पादक
नई दिल्ली। देश में चल रही राजनीतिक गहमागहमी के बीच संसद का मानसून सत्र आगामी 18 जुलाई से 10 अगस्त तक चलेगा। यह जानकारी केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने आज दी। जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू करने के प्रस्ताव को पारित कराने सहित दर्जनों विधेयक इस सत्र में पेश किए जाने की संभावना है।इस बार के सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच खींचतान बढ़ने की आशंका है क्योंकि दिल्ली में उपराज्यपाल निवास पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल व उनके केबिनेट द्वारा धरना दिए जाने का मुद्दा, बंगाल में राजनीतिक हत्याएं, कर्नाटक में भाजपा को अलग कर कांग्रेस व जेडीएस गठबंधन की सरकार बनने जबकि महाराष्ट्र में भाजपा शिवसेना के संबंधों में आई खटास का असर दिखेगा।
संसद सत्र आहूत करने के फैसले की जानकारी देते हुए श्री कुमार ने कहा कि राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। उनके अनुसार 18 दिन चलने वाले इस सत्र के दौरान सरकार तीन तलाक और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए राष्ट्रीय आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से संबंधित कई विधेयकों को पारित कराने पर जोर दे सकती है।
गौरतलब है कि इस साल का बजट सत्र जो समयावधि के।लिहाज से काफी लाम्बा होता है पूरी तरह से विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया था। इसके कारण कई महत्वपूर्ण बिल पास नहीं हो पाए थे। बजट सत्र में पेट्रोल-डीजल की कीमतों, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जे समेत कई अन्य मुद्दों को लेकर विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा था।
दूसरी तरफ एनडीए के खिलाफ हो रही विपक्षी गोलबंदी का नजारा भी कई मामले में होने वाली चर्चा के दौरान देखने को मिलेगा। उपचुनावों में लगातार हो रही हार के कारण लोक सभा में भाजपा के सांसदों की संख्या कम होने से सरकार को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।