आरएसएस से सर्जिकल स्ट्राइक की प्रेरणा : पर्रिकर

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अहमदाबाद : अनेक शब्द के बदले एक शब्द बोलने वाले देश के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज फिर कुछ ऐसा कह दिया कि विपक्ष को हाय तोबा मचाने का मसाला हाथ लग गया. उन्होंने सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक के लिए आरएसएस की प्रशंसा कर डाली है. अहमदाबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि शायद आरएसएस की शिक्षा ही सर्जिकल स्ट्राइक की प्रेरणा बनी। पर्रिकर ने चुटीले अंदाज में कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के संदर्भ में पीएम मोदी और उनका तालमेल लोगों को समझ में नहीं आ रहा था।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के राज्य से पीएम मोदी हैं और गोवा से वे स्वयं हैं इसलिए सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में दोनों के बीच यह ताल मेल लोगों के समझ में नहीं आ रहा था। रक्षा मंत्री ने कहा कि इस तालमेल का मूल मंत्र संभव है कि आरएसएस की सीख थी जो सर्जिकल स्ट्राइक के लिए दोनों के लिए प्रेरणा बनी।

निरमा विश्वविद्यालय में ‘नो माई आर्मी (मेरी सेना को जानें)’ नाम के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगने वाले विपक्ष के नेताओं पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद देश में दो अच्छी घटनाएँ हुई हैं। पहली तो यह कि कुछ राजनेताओं को छोड़ कर सभी देशवासी एक स्वर में बोल रहे हैं और हमारे बहादुर सैनिकों के समर्थन में खड़े हैं। दूसरी बात यह कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर हम (भारतीय) बेहद संवदेनशील हो गए हैं। इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन के लिए पर्रिकर ने विश्वविद्यालय की प्रशंसा की ओर सेना में शामिल होने के लिए युवाओं का आह्वान किया।

बाद में, संवाददाताओं के साथ बातचीत में पर्रिकर ने दावा किया कि उनकी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बेहद गंभीर है। गुजरात की पाकिस्तान से लगने वाली सीमा से देश में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले लोगों के मुद्दे पर पर्रिकर ने कहा कि बीएसएफ सीमा पर सुरक्षा को और कड़ी कर रहा है। आप जानते हैं कि यह इलाका दलदली है जहां हम बाड़ नहीं लगा सकते। लेकिन हम तकनीक के इस्तेमाल के जरिए इस कमी को पूरा करेंगे ताकि हमारे इलाके में कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति प्रवेश ना कर सके। एक सवाल के जवाब में उनोने कहा कि भारतीय सेना पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे संघर्ष विराम के उल्लंघन का करारा जवाब दे रही है।

उन्होंने माना कि लगातार पांच-छह वर्षों से संघर्ष विराम का उल्लंघन हो रहा है . लेकिन अब अंतर है कि हम उन्हें करारा जवाब देते हैं।

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