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– प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
– 5 गांवों को अवैध बताकर ग्रामीणों को थमाए जा रहे नोटिस
हिसार, मई 2018 : पांच गांवों की संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में आज उपायुक्त के माध्यम से पांच गांवों के ग्रामीणों ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। इस प्रदर्शन की अध्यक्षता पूर्व सरपंच फूलचंद ने की व संचालन संघर्ष समिति के सदस्य संदीप सिवाच ने किया।
यह जानकारी देते हुए गांव बीड़ के सरपंच मनोज शर्मा ने बताया कि आज सुबह ही पांच गांवों बीड़, ढंढूर, बीड़ बबरान, डिग्गी ताल, सी-ब्लॉक, चिकनवास (झिड़ी) व पीरांवाली गांवों ग्रामीण हजारों की संख्या में सरकार के खिलाफ 46 डिग्री के तापमान में जोरदार नारे लगाते हुए उपायुक्त कार्यालय पर पहुंचे। जहां पर जुलूस आम सभा में बदल गया। आज के प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्व जिला पार्षद कामरेड सुरेश कुमार, मनोज सरपंच, रामस्वरूप गोदारा सरपंच, मनविंद्र सरपंच व गुरदयाल पूर्व सरपंच, सतपाल ईला ने किया और बताया कि 1955 से बसे पांचों गांव के लोग बसे हुए हैं जिसमें सरकारी स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र, बिजली, पानी की लाईन व पांच चुनी हुई पंचायतें कार्य कर रही हैं। अब सरकार इन गांवों को उजाडऩा चाहती है जिसे लेकर मजबूरन ग्रामीणों को प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं।
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन द्वारा बीड़ हिसार के बीड़ बबरान, सी-ब्लॉक चिकनवास झिड़ी, ढंढूर बीड़, ढाणी पीरांवाली आदि में मकान मालिकों को नोटिस थमा दिए गए जिसमें लिखा गया था कि उनके मकान अवैध हैं। इन गांवों को 1955 में तत्कालीन सरकार ने बसाया था जिनमें 5 पंचायतें भी हैं जिन्हें हरियाणा सरकार ने ही मान्यता दी है। यहां पर पांचवीं से लेकर 12वीं तक सरकारी स्कूल है जिसमें दो हजार से ज्यादा लडक़े-लड़कियां पढ़ते हैं। आंगनवाड़ी केंद्र चलते हैं, पब्लिक हैल्थ द्वारा पानी की सप्लाई, बिजली मीटर भी लगे हुए हैं, जिसका बिल वगैरा भी रेगुलर भरा जाता है। 25000 की कुल जनसंख्या इन गांवों में मौजूद है।
इसके साथ-साथ यहां पर सभी लोग खेतीबाड़ी या अपनी मेहनत-मजदूरी का कार्य करते हैं लेकिन सरकार इन गांवों को अवैध करार देकर ग्रामीणों को नोटिस पर नोटिस दिए जा रहे है। लगभग 2 प्रतिशत लोगों के पास स्थाई रोजगार को छोडक़र बाकी लोगों का गुजारा भी मुश्किल है तो ग्रामीण कहां जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसे लेकर वे कई बार धरने, प्रदर्शन कर जिला प्रशासन व हरियाणा सरकार को अवगत करवा चुके हैं लेकिन जिला प्रशासन ग्रामीणों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा।
उन्होंने कहा कि हम सरकार व जिला प्रशासन से पूछना चाहते हैं कि क्या आज तक यहां के निवासियों ने 60 वर्षों से किसी भी राजनैतिक पार्टी को वोट डाला वह अवैध है क्या सरकार द्वारा यहां खोले गए सरकारी स्कूल अवैध हैं, बिजली-पानी की सप्लाई, आंगनवाड़ी आदि सभी अवैध हैं। यह सरासर की तानाशाही, मनमानी व अन्याय है जिसके आगे ग्रामीण बिल्कुल नहीं झुकेंगे और अंतिम सांस तक इसके लिए संघर्ष करेंगे।
उपायुक्त की अनुपस्थिति में आज ग्रामीणों ने अतिरिक्त उपायुक्त से मुलाकात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि उपायुक्त से आपकी मीटिंग 31 मई को शाम 4 बजे करवा दी जाएगी जिसमें पशुपालन के डायरेक्टर को भी बुलाया जाएगा ताकि आपकी समस्या का समाधान हो सके। उसके बाद संघर्ष समति ने मीटिंग करके निर्णय लिया कि जब तक उपायुक्त से मीटिंग नहीं होगी तब तक ग्रामीण परिजात चौक पर धरना देंगे अगर उपायुक्त की मीटिंग में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो यह धरना अनिश्चितकाल तक चलेगा।
आज के प्रदर्शन को कांग्रेस पार्टी के नेता सतेंद्र मुण्ड, गुलजार काहलो पूर्व सरपंच, माकपा की जिला सचिव शकुंतला जाखड़, कामरेड इंद्रजीत सिंह व इनेलो नेता राजेश गोदारा ने अपना समर्थन दिया। इसके अलावा कामरेड रामकिशन, नंद किशोर, जरनैल सिंह पीरांवाली, रमेश नापा, सोनू पंच, हरदेव पंच, राजकुमार, अनुपाल बी.डी.सी., बी.डी.सी. सदस्य काजला, जयवीर नुनिया आदि सहित अनेक महिलाएं व बच्चे भी शामिल थे।