गुरुग्राम में बाल भिखारियों को मुक्त करवाने का अभियान

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जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा जिला एवं सत्र न्यायधीश आर के सोंधी ने किया आरम्भ 

 
गुरुग्राम, 11 मई। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा जिला एवं सत्र न्यायधीश आर के सोंधी द्वारा आज गुरुग्राम में बाल भिखारियों को मुक्त करवाने के अभियान की शुरुआत की गई। अभियान के अंतर्गत पहले गुरुग्राम न्यायिक परिसर तथा लघु सचिवालय परिसर में भीख मांगते बच्चों को मुक्त करवाया जाएगा।
 
बच्चों को भीख मांगने की प्रवृत्ति से मुक्त करवाने के अभियान की शुरुआत करते हुए जिला एवं सत्र न्यायधीश आर के सोंधी ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण (नालसा) की (फरोम सैकल्युजन टू इनकल्युजन) अकेलेपन से समावेश की योजना है, जिसके तहत गुरुग्राम में यह भीख मांगने वाले बच्चों को मुक्त करवाकर पुनर्वास करके समाज की मुख्य धारा में लाने का अभियान शुरु किया गया है। उन बच्चों को भी उनका बचपन लौटाएंगे। उन्होंने आम जनता से भी आह्वान किया कि हम अपनी सोच को बदले और ‘भीख देना छोड़ें’ क्योंकि कोई धर्म यह नहीं कहता कि किसी बच्चे को भीख देकर उसको उसी नारकीय जीवन में जीने के लिए मजबूर किया जाए। वह लोगों के रहमो करम पर जीये और दुत्कार का पात्र बना रहे।
 
उन्होंने कहा कि हम यह प्रण लें कि हम किसी को भीख नहीं देंगे। भीख देना पुण्य नही है बल्कि ऐसा करके आप पाप के भागी बन रहे हैं क्योंकि भीख मांगने वाला बच्चा सोचता है कि वह केवल अपने मां बाप के लिए पैसे कमाने का साधनभर है और उसका अपना कोई व्यक्तिगत वजूद नही है। इस गठजोड़ को हमें तोडऩा है। इसके अलावा भी जो बच्चा बचपन में भीख मांगता है वह आगे चलकर आपराधिक प्रवृति का हो जाता है और आमतौर पर चोरी, धोखाधड़ी आदि में संलिप्त हो जाता है। अपराध की तरफ जाने से हमें उस बच्चे को रोकना है और समाज की मुख्य धारा में लाकर उसे देश का अच्छा नागरिक बनाना है। 
 
सभी हितधारकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत भीख मांगते पाए जाने वाले बच्चों को मुक्त करवाकर उन्हें चाईल्ड केयर इस्टीट्यूट में भेजा जाएगा। उसके बाद हर बच्चे को एक केस स्टडी मानते हुए उसके पुनर्वास के लिए काम किया जाएगा ताकि वह फिर से उस नारकीय जीवन में ना लौटे। मुक्त करवाए गए बच्चे को पहले यह बताएं कि वह ईश्वर की एक संतान है, विशेष बालक है। कार्यक्रम में उपस्थित जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के पैनल पर सूचिबद्ध अधिवक्ताओं से उन्होंने कहा कि हम जस्टिस, फेयर प्ले तथा इक्विटी में विश्वास रखते हैं और सभी को न्याय मुहैया करवाना हमारा कर्तव्य है, चाहे कोई अमीर हो या गरीब। श्री सोंधी ने कहा कि इस अभियान के  अच्छे परिणाम निकलने चाहिए। इसके लिए एक रोड़ मैप बनाकर सभी हितधारक अपना-अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि आम जनता को भी चाहिए कि जब भी कोई बाल भिखारी नजर आए तो तत्काल चाईल्ड लाईन को सूचित करें। 
 
इससे पहले जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सदस्य सचिव चीफ जुड्शिियल मैजिस्ट्रेट नरेंद्र सिंंह ने बताया कि पिछले दिनों बाल भिखारियों का एक सर्वेक्षण करवाया गया था जिसके बाद गुरुग्राम में  बाल भिखारियों को मुक्त करवाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि भीख मांगते पाए जाने वाले बच्चों को पहले मुक्त करवाया जाएगा और फिर उसके मां बाप या देखभाल करने वाले व्यक्ति से उसके गठजोड़ को तोडऩे के लिए शुरू में उसे चाईल्ड केयर इस्टीट्यूट में रखा जाएगा। उसके बाद हर बच्चे को एक केस स्टडी लेते हुए उसके पुनर्वास के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में 7 चाईल्ड केयर इस्टीट्यूट हैं, जिनमें राजीव नगर का मदर टेरेसा मिशनरी दीप आश्रम, सैक्टर-21 का  आरूषि होम, सैक्टर-10ए का आशा भवन (लडक़ो व लड़कियों के लिए अलग-अलग), गांव दरबारीपुर का द शैल्टर  प्रोग्रैटो इंडिया, नरसिंगपुर का उदयान केयर तथा न्यु पालम विहार  का ओपन शैल्टर होम शामिल हैं। 
 
इस कार्यक्रम में श्रम कानून सलाहकार एडवोकेट आर एल शर्मा, एडवोकेट हरकेश शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता एस एस चौहान, नव ज्योति इंडिया फाउडेशन की प्रतिनिधि चांदनी बेदी, समेकित बाल विकास सेवाएं की जिला परियोजना अधिकारी सुनैना तथा प्राधिकरण के पैनल पर सूचिबद्ध अन्य अधिवक्ता भी उपस्थित थे। 

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