गुरुग्राम शहर को भिखारी मुक्त करने पर हुई चर्चा

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जिला एवं सत्र न्यायधीश हरनाम सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में हुई बैठक 

बच्चों के घरवाले आमदनी बढाने के लिए मंगवाते हैं भीख 

 
गुरुग्राम, 27 अप्रैल। आज जिला एवं सत्र न्यायधीश हरनाम सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित त्रैमासिक सामान्य बैठक में गरुग्राम शहर को भिखारियों से मुक्त करने के बारे में चर्चा की गई। 
 
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव तथा चीफ जुडिशियल मैजिस्ट्रेट नरेंद्र सिंह ने गुरुग्राम शहर की कुछ समस्याओं की ओर सभी सदस्यों का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने बताया कि जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा हाल ही में सडक़ों पर भीख मांगने वाले बच्चों का सर्वेक्षण करवाया गया था, जिसमें पाया गया कि यह कोई रैकेट नहीं है बल्कि उन बच्चों के घरवाले अथवा केयर टेकर अपनी मर्जी से आमदनी बढाने के लिए बच्चों से भीख मंगवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों को बाल कल्याण परिषद तथा चाईल्ड लाईन द्वारा पुलिस के सहयोग से मुक्त करवाया जाना चाहिए और उन्हें बाल कल्याण संस्थानो में रखा जाना चाहिए ताकि वे शिक्षा ग्रहण कर अपना कल्याण कर सकें। उन्होंने बताया कि जिला में 6 बाल कल्याण संस्थान चैरिटेबल आधार पर चलाए जा रहे हैं तथा एक सरकारी संस्थान निर्माणाधीन है। 
 
नरेंद्र सिंह ने बताया कि इन बच्चों की संख्या 100 से 150 तक है, जो या तो स्लम क्षेत्र में रहते हैं या बाहर से आए श्रमिको के बच्चे हैं। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम शहर में भीख मांगने की कुप्रथा को खत्म करने के लिए यह जरूरी है कि इन बच्चों को कम से कम तीन महीने तक बाल कल्याण संस्थान में रखा जाए। उन्होंने जुविनाईल जस्टिस एक्ट की धारा-23 का उल्लेख करते हुए बताया कि इस धारा में जानबूझ कर बच्चों से भीख मंगवाने पर उन बच्चों के अभिभावकों अथवा केयर टेकर के खिलाफ भी दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकती है। जिला एवं सत्र न्यायधीश हरनाम सिंह ठाकुर ने इन सुझावों पर कार्यवाही करने के निर्देश जिला प्रशासन के अधिकारियों को दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत इन बच्चों को नजदीकी स्कूल में भी भेजा जाए। इस कार्य में जिला शिक्षा अधिकारी का सहयोग लिया जाएगा। 
 
श्री सिंह ने गुरुग्राम शहर के 5 स्लम क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं की व्यक्तिगत स्वच्छता तथा वहां रहने वाले बच्चों का स्कूल नही जाने के विषय भी उठाए। इस पर जिला एव सत्र न्यायधीश हरनाम सिंह ठाकुर ने  सिविल सर्जन डा. बी के राजौरा को निर्देश दिए कि वे समय-समय पर इन क्षेत्रों में चिकित्सकों की ड्यूटी लगाकर उन महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच करवाएं तथा उन्हें स्वच्छता के फायदों के बारे में जागरूक करने के कदम उठाएं। इसके साथ उन्होंने कहा कि स्लम क्षेत्रों के बच्चों को स्कूलों में दाखिल करवाने का कार्य जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सहयोग से किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि शहर के बहुत से प्राईवेट स्कूलों में धारा-134 के तहत इन बच्चों का दाखिला करवाया जा सकता है। 
 
आज की बैठक में शारीरिक तथा मानसिक निशक्त जनों के आधार कार्ड बनवाने पर सहमति बनी। जिला एवं सत्र न्यायधीश हरनाम सिंह ठाकुर ने उपायुक्त विनय प्रताप सिंह को इस दिशा में आवश्यक कार्यवाही करने के लिए कहा। इसके अलावा, बैठक में बताया गया कि मानसिक रूप से निशक्त बच्चों के लिए एक एनजीओ द्वारा चलाए जा रहे दीप आश्रम में संख्या उसकी क्षमता से ज्यादा हो गई है। इस पर श्री ठाकुर ने कहा कि इन बच्चों को रोहतक पीजीआई के अधीन चलाए जा रहे स्टेट इस्टीट्यूट ऑफ मैन्टल हैल्थ में भिजवाएं, वहां पर सीटे खाली बताई गई हैं। उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने कहा कि भिजवाने की व्यवस्था जिला प्रशासन कर देगा। इसके अलावा श्री ठाकुर ने यह भी कहा कि जो मानसिक निशक्त बच्चे कुछ ठीक हो गए हैं उन्हें हाफ वे होम गाजियाबाद में भेजा जा सकता है। 
 
बैठक में बेसहारा और बिना घरबार वाले मंद बुद्धि मरीजो के बारे में भी चर्चा की गई। श्री नरेंद्र सिंह ने सुझाव दिया कि ऐसे मामलों में सिविल सर्जन द्वारा मैडिकल बोर्ड गठित करके पहले यह प्रमाणित किया जाए कि वह व्यक्ति, जो सडक़ो पर इधर-उधर पागलों की तरह घूमता हुआ पाया गया है, वास्तव में मंद बुद्धि है। उसके बाद इलाका मैजिस्ट्रेट के हस्तक्षेप से उसे राज्य मैंटल हैल्थ इस्टीट्यूट रोहतक में दाखिल करवाया जाएगा। श्री ठाकुर ने उनके इन सुझावों पर भी मोहर लगाई और कहा कि इस दिशा में संबंधित पक्ष कार्यवाही करें। साथ ही श्री ठाकुर ने कहा कि इस बारे में पुलिस कर्मियों को कम ज्ञान है इसलिए श्री नरेंद्र सिंह पुलिस कर्मियों की बैठक में उन्हें मंद बुद्धि व्यक्तियों के बारे में उपलब्ध कानूनी प्रावधानों की जानकारी देंगे। उन्होंने  यह भी कहा कि मंद बुद्धि बच्चों के यु.डी. आई. डी. सिविल सर्जन गुरुग्राम द्वारा बनाकर दिए जाएंगे, जिससे कि उन्हें सरकारी योजनाओं का भरपूर लाभ मिल सके। 
 
आज की बैठक में उपायुक्त विनय प्रताप सिंह, पुलिस उपायुक्त मुख्यालय दीपक गहलोत, अतिरिक्त उपायुक्त आर के सिंह, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी अभिषेक फुटेला, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी नरेंद्र सिंह, लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता आर के मित्तल व नरेंद्र कुमार, जन स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता राजेश बंसल, लोक निर्माण विभाग इलैक्ट्रिकल के एसडीओ नागेंद्र कुमार, जिला न्यायवादी धमेंद्र राणा तथा अन्य अधिकारीगण भी थे। 

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