हाउसिंग प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड किए विना लोगों को फंसाने के लिए विज्ञापन जारी कर दिया
अदालत ने एक और प्रमुख डेवलपर पर 30 लाख का जुर्माना लगाया था
सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक
गुरुग्राम । प्रमोटरों के खिलाफ सख्त रूख अख्तियार करते हुए हरेरा ने मैसर्स ब्लैकबेरी रीयलकान प्राइवेट लि. पर 10 लाख रु का जुर्माना लगाया है. आरईआरए ने इन्हें अधिनियम, 2016 की धारा 3 (1) का उल्लंघन करने का दोषी मानते हुए 10 लाख रु का जुर्माना लगाया है. अदालत ने कहा कि प्रमोटर को अधिनियम के शुरू होने की तारीख से तीन महीने की अवधि के भीतर चल रही परियोजना के पंजीकरण के लिए आवेदन करने की आवश्यकता थी जो इन्होने नहीं किया । डॉ. के के खंडेलवाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यों वाले प्राधिकरण ने रियल्टर्स के खिलाफ यह फैसला सुनाया .
इस मामले की सुनवाई करते हुए प्राधिकरण ने पाया कि ब्लैकबेरी रीयलकान प्राइवेट लिमिटेड ने 2017 में ड्रीम होम लेने वालों के लिए गुरुग्राम में ‘पारस स्क्वायर’ नामक नई परियोजना लॉन्च की थी। लेकिन कंपनी ने 31 जुलाई 2017 से पहले पंजीकरण के लिए आवेदन नहीं किया. इन्होने आरईआरए अधिनियम के प्रावधानों का पालन नहीं किया। प्राधिकरण ने पाया कि प्रमोटर ने एक महीने की देरी के बाद आवेदन किया था। इसलिए अदालत ने सुनवाई के बाद आरईआरए अधिनियम की धारा 3 का उल्लंघन मानते हुए उक्त कंपनी पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और कंपनी को भविष्य में इस तरह की कारगुजारियों में शामिल न होने की चेतावनी भी दी।
इसी तरह का एक और मामला एक प्रमुख प्रमोटर के खिलाफ भी पंजीकृत किया गया था, जहां उन्होंने इसे पंजीकृत किए बिना अपने प्रोजेक्ट के बारे में एक खरीददारों को लुभाने के लिए विज्ञापन जारी कर दिया था। इसलिए प्राधिकरण ने उक्त मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए इसमें भी धारा 3 का उल्लंघन में पाया. इस मामले में प्राधिकरण ने 30 लाख रुपये का अधिकतम जुर्माना लगाया था।
उल्लेखनीय है कि आरईआरए अधिनियम 2017 में हर सपनों के घर तलाशने वालों की शिकायतों को समयबद्ध तरीके से हल करने और किसी भी बिल्डर या डेवलपर द्वारा नियमों को ताक पर रख कर लोगों को ठगने के अवैध धंधे पर रोक लगाने के लिए हरेरा का गठन किया गया है. इस अदालत ने समयबद्ध तरीके से इसकी सुनवाई कर ऐसे व्यावसायियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.