मेवात में फर्जी सर्टिफिकेट मामले में डीसी ने जिले के 6 सरपंचों को जारी किया कारण बताओ नोटिस

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खास  खबर : 

: पंचायत चुनावों पर शैक्षिणिक योग्यता के तौर पर यूपी से जारी किए सर्टिफिकेट पैश किए थे

: इंब्राहीमबास, तुसैननी, फलैंडी, जमालगढ, गोहाना और जैवंत गांव की महिला सरपंच हैं शामिल

: डीसी द्वारा गठित की गई एसआईटी की जांच के बाद डीसी ने जारी किया है कारण बताओ नोटिस

: एक सप्ताह में जवाब देने के लिए आदेश

 

यूनुस अलवी

 
पुन्हाना :   करीब दो साल पहले पंचायत निकाय चुनावों में शैक्षिणिक योग्यता लागू करना सरपंचों के गले की फांस बनती जा रही है। अब एक दर्जन से अधिक पंच सरपंचों के खिलाफ फर्जी सर्टिफिकेट मामले में धोखाधडी का मामला दर्ज हो चुका है जबकि सैंकडों सरपंचों के खिलाफ उनके सर्टिफिकेटों की जांच चल रही है। नूंह जिला के गांव इंब्राहीमबास की सरपंच सहरूना, तुसैननी की अफसाना, फलैंडी की सावित्री, जमालगढ की संजीदा, गोहाना की बिमलैश और जैवंत गांव की महिला सरपंच आरिफा को एसआईटी की जांच के बाद कारण बताओ नोटिस जारी किए गऐ हैं। सभी सरपंचों को एक सप्ताह में जवाब देने के आदेश दिऐ हैं। जवाब ना देने वाले सरपंचों पर गाज गिर सकती है।
 
    नूंह जिला के उपायुक्त अशोक शर्मा ने बताया कि गांव इंब्राहीमबास, तुसैननी, फलैंडी, जमालगढ, गोहाना और जैवंत की महिला सरपंचों के फर्जी सर्टिफिकेट होने बारे उनको शिकायत मिली थी। लोगों की शिकायत पर उन्होने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, तहसीलदार नूंह और जिला परिषद नूंह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की एक एसआईटी गठित की थी। एसआईटी ने 30 मार्च 2018 को अपनी रिपोर्ट उन्हें पैश कर दी है।
 
  डीसी का कहना है कि एसआईटी ने जो रिपोर्ट पैश की है उसमें सरपंचों के सर्टिफिकेट के फर्जी होने का संदेह जताया गया है। सभी 6 गावों की महिला सरपंचों को एक सप्ताह में जवाब देने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। नूंह उपायुक्त द्वारा दिनांक 18 अप्रैल को हरियाणा पंचायती राज ऐक्ट की धारा 51 के तहत जारी किए गए कारण बताओ नोटिस में साफ आदेश दिए है कि आपका समयावधि व संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया तो सरपंचों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाऐगी।
 
   एसआईटी टीम द्वारा डीसी मेवात को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि इंब्राहीमबास की सरपंच सहरूना, तुसैननी की अफसाना, गोहाना की बिमलैश और जैवंत गांव की महिला सरपंच आरिफा का सर्टिफिकेट उत्तर प्रदेश के जिला मथुरा स्थित प्रेम बाल जुनियर हाई स्कूल लक्ष्मी नगर यमुना पार मथुरा और फलैंडी की सावित्री तथा जमालगढ की संजीदा का सर्टिफिकेट विश्व भारती विद्यामंदिर प्रताप नगर राया रोड मथुरा से जारी किए गऐ थे।
 

एसआईटी टीम ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा

 
  टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उन्होने दोनो स्कूलों का 15 जनवरी 2018 और पहली फरवरी 2018 को टीम के साथ दौरा किया। टीम ने डीसी को भेजी जांच रिपोर्ट में लिखा की उन्हें दोनो विद्यालयों के नीरिक्षण और रिकोर्ड का अवलोकन करने पर पाया की। दोनो विद्यालयों में पढाई के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। रिकोर्ड रजिस्टर देखने में प्रमाण पत्रों के जारी वर्ष के मुकाबले उतने पुराने नहीं थे अर्थात हाल ही में तैयार किए प्रतीत हो रहे थे। सभी प्रमाण पत्र 2015 में द्वितीय डुप्लीकेट प्रतिलिपी के रूप में जारी किए गऐ हैं। एक भी अभ्यार्थी के पास प्रथम लिपि नहीं है। सारा का सारा रिकोर्ड एक ही लिखाई लगभग एक ही पैन द्वारा तैयार किया प्रतीत हो रहा था। विद्यालयों के पास उपलब्ध रिकोर्ड किसी भी उच्च अधिकारी सत्यापित नहीं था। प्रेम बाल जूनियर हाई स्कूल मथुरा और विश्व भारती हाई स्कूल मथुरा दोनो विद्यालयों के पास शिकायती अभ्यार्थियों के अतिरिक्त अन्य किसी भी छात्र का रिकोर्ड उपलब्ध नहीं था। दोनो विद्यालयों में प्राधानाचार्य के अतिरिक्त अन्य कोई कर्मचारी अथ्वा अध्यापक विद्यालय में उपस्थित नहीं था। दोनो विद्यालयों में पुराना अथ्वा नया अध्यापक उपस्थिति रजिस्टर वे वेतन पंजीका या अन्य रिकोर्ड मौजूद नहीं था। विश्व भारती हाई स्कूल के नीरिक्षण के दौरान पाया गया कि मुख्य गैट पर फलैक्स सीट विश्व भारती हाई स्कूल के नाम से चिपगाई गई थी जबकि उसके नीचे सनराईज स्कूल का नाम अंकित था। स्कूल के अंदर भी जो बच्चे पढ रहे थे उनके पास मौजूद आई कार्ड और टाई आदी भी भी सनराईज स्कूल लिखा हुआ था। 
 
वहीं एसआईटी टीम ने अपनी रिपोर्ट में आखिर में लिखा है कि स्कूलों के हालात और रिकोर्ड का अवलोकन करने में प्रथम दृष्टा में प्रतीत होता है कि दोनो विद्यालयों द्वारा इन सभी प्रमाण पत्रों को जारी करने के लिए फर्जी रिकोर्ड तैयार किया गया है।

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