खूबसूरत चीनी मिटटी के बर्तन मिल रहे हैं सूरजकुण्ड मेला में
सूरजकुण्ड, (फरीदाबाद), धर्मेन्द्र यादव : यदि आप चाहते हैं कि आपके घर आने वाले रिश्तेदार व मेहमान आपकी मेहमाननवाजी के कायल हो जाएं तो चले आईए फरीदाबाद के सूरजकुंड के 32वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में लखनउ के कारीगरों द्वारा लगाई गई चीनी मिट्टी से निर्मित खूबसूरत कप-प्लेट, केतली व अन्य सामान की स्टाल पर। इस स्टाल पर सूरजकुंड मेला घूमने आने वाले दर्षक कप-प्लेट, केतली व अन्य सामानों को काफी पंसद कर रहे हैं और उनकी खरीददारी भी कर रहे हैं ताकि मेहमानों व रिष्तेदारों की मेहमाननवाजी में कोई कमी न रहे।
हरियाणा प्रदेश के जिला अंबाला के गांव रायवाली से सूरजकुंड मेला देखने आए पंकज वर्मा तथा चंडीगढ के अनिल टांक व कृष्ण कुमार ने बताया कि वे पहली बार मेला देखने आए हैं और उन्होंने यहां आकर बहुत मौज-मस्ती की और आनंद लिया। उन्होंने बताया कि उन्हें लखनउ के कारीगरों द्वारा चीनी मिट्टी से निर्मित कप-प्लेट व अन्य सामान बेहद पसंद आया और इसलिए उन्होंने यहां पर इनकी भी खरीददारी की है। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति, साहित्य और वातावरण दिल को लुभाने वाला है। यहां विभिन्नता में एकता का दर्शन हो जाता है। आतिथ्य सत्कार जो भारत में है, ऐसा शायद ही किसी देश में है। यहीं कारण है कि हर कोई भारत में घूमना पंसद करता है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति से रूबरू होना उनके लिए यादगार पल रहेगा।
क्रमंाक-2018
बनते हुए हैरीटेज टोकरे देखें सूरजकुण्ड मेला में
ऐ टोकरे वाले भाई…टोकरा कितने का दिया। फरीदाबाद के सूरजकुंड में चल रहे 32वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड षिल्प मेले में बने अपना घर के सामने हरियाणवी हेरीटेज की स्टाॅल टोकरे वाला पर मेला देखने आई महिला द्वारा यह पूछे जाने पर जिला कैथल तहसील पुंडरी गांव हलवाना के हरिकेष कहते हैं कि बहन जी यह टोकरा बेचने के लिए नहीं बल्कि बनते हुए देखने-सीखने के लिए है।
महिला फिर पूछती है कि भईया क्या नाम है आपका? बहन जी हरिकेष नाम है मेरा। हरिकेष भाई कितने का है यह टोकरा? मन्नै आप ताई बताया न बहन जी यो बेचन खातर ना सै। महिला फिर पूछती है कि फिर आप यहां मेले में स्टाल पर बैठकर इसे क्यों बना रहे हो? इस पर षिल्पकार हरिकेष ठेठ हरियाणवी में जवाब देता है कि बहन जी देसा मैं देस हरियाणा, जित दूध दही का खाणा। मैं तो पुरखा की इस विरासत नै आगै बढाण खातर मेले मै टोकरा बनाकै लोगां नै सिखाना चाहूं सूं।
महिला पूछती है कि मेले में टोकरा बनाने से आपको क्या फायदा? हरिकेष का जवाब होता है कि मन्ने फायदा कोनी लेणा मैे तो हरियाणे का नाम मेले में चमकाणा चाहूं सूं। महिला पूछती है कैसे? हरिकेष कहते हैं कि मै ये टोकरे बनाकर मेला में आए लोगां नै यह बताणा चाहू सूं कै जै आदमी के हाथ मै हुनर हो ते वा भूखा नहीं मर सकदा। महिला कहती है कि आप स्किल्ड डवलैपमेंट की बात कर रहे हैं क्या। हां बहन जी या ऐ तो समझाणा चाहूं था मै आपते ताई।
महिला कहती है कि आप हाथ के बहुत अच्छे कारीगर हैं। कितनी सफाई से आप लकडियों को तोड-मरोड कर टोकरों का रूप दे रहे हैं। बहन जी या तो हरियाणा सरकार की मेहरबानी है जिसने हरियाणवी हेरीटेज की ओर तै मेरे ताई मेरे दादा-परदादा की विरासत आप बरगे बडे लोगां ताई पहुंचाण का मौका दिया सै। अर देखियो बहन जी मेला सुथरी ढाल घूमियों मेले मैं सरकार ने बढिया-बढिया चीज ल्या रखी सै आप बरगे मेला देखन आए लोगा खातर। अच्छा भईया धन्यावाद। अच्छा बहन जी राम-राम और महिला मेले में राम-राम का अभिवादन लेकर अगले स्टाल की ओर बढ जाती है।
दिव्यांगजनों की कलाकारी के कायल हो रहे लोग
नारी तुझे सलाम। विषेष योग्यजन पुरस्कार प्राप्त कर चुकी दिव्यांग सुनीता गुप्ता 32वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय हस्त षिल्प मेले के जोन-2 के स्टाॅल नंबर-591 पर बहुत ही खूबसूरत व नायाब डिजाईनदार कृत्रिम आभूषणों की एक लंबी श्रृंखला लेकर आई हैं। जिस पर मेले में भ्रमण करने आई महिला दर्षक विषेषतौर पर आकर्षित हो रही हैं। रखडी, बाजू, पौची, बंगडी, हार, रानी हार, कुंदन सैट, टीका सैट, चूडी व हाथ के कंगन, इतने सुंदर व आकर्षक हैं कि जिसकी प्रषंसा यहां से गुजरने वाली हर महिला दर्षक कर रही हैं।
आष्चर्य तो तब होता है जब उन्हें यह पता चलता है कि इन्हे बनाने वाला दंपत्ति जोडा सुनीता गुप्ता व उनके पति दोनों ही दिव्यांग हैं, जिनके हाथों से कच्चे माल पर निर्मित रतन जडित यह कलाकारी इन्हें देखने वाले हर दर्षक को इनकी प्रषंसा करने से नहीं रोक पाती।
इन नायाब अभूषणों बारे पूछे जाने पर सुनीता गुप्ता बताती हैं कि नैषनल हेंडिकेप्ट फाईनैंस एंड डैवलेपमेंट कारपोरेषन दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा उन्हें दी गई ऋण राषि से शुरू किए गए अपने इस पारिवारिक व्यवसाय से वे बहुत खुष हैं। यह स्टाॅल महिला सषक्तिकरण व दिव्यांगजनों के हौसले का सजीव चित्रण दर्षाने में पूरी कामयाबी के साथ मेले की शोभा बढा रहा है।
मेला में लोगों की सुविधा के लिए चलता-फिरता एटीएम
हरियाणा के जिला फरीदाबाद के सूरजकुंड में चल रहे 32वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड षिल्प मेला में आने वाले लोगों की सुविधा के लिए देष के सबसे बडे बैंक स्टेट बैंक आॅफ इंडिया द्वारा एक व्यापक कार्यक्रम मेला के दौरान आयोजित किया जा रहा है। इस व्यापक कार्यक्रम को फरीदाबाद के क्षेत्रीय प्रबंधक अनिरूद्ध कुमार चैधरी की अगुवाई में चलाया जा रहा है।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए फरीदाबाद के लघु सचिवालय में स्थित स्टेट बैंक आॅफ इंडिया के ब्रांच मैनेजर श्री हरीष आहुजा ने बताया कि वे मेला में आने वाले आगंतुकों की सहुलियत के लिए एक एक्सटेंषन काउंटर भी खोला गया है ताकि लोगांे को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत का सामना न करना पडे।
उन्होंने बताया कि सूरजकुंड मेला में 70 प्रषिक्षु अधिकारियों के एक समूह की व्यवस्था की गई है जो मेला में आने वाले लोगों को स्टिक के माध्यम से डिजिटल बैंकिंग, डिजिटल बैंकिंग पर फलैष मोब, ऋण उत्पादों पर स्किट, नकली व झूठी काॅल्स के बारे में एक जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है और लोगों को जानकारी दी जा रही है। इसी प्रकार प्रष्नोतरी के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
श्री आहुजा ने बताया कि बैंकांे में साईबर क्राईम तथा अन्य जानकारी के बारे में भी मेला में आने वाले लोगों को बताया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एसबीआई डिजिटल खाते खोल रहा है और इसके अलावा उनका प्रसिद्ध योनो एप भी उपभोक्ताअंांे को मुहैया कराया जा रहा है जिसकी शुरूआत हाल ही में केन्द्रीय वित मंत्री श्री अरूण जेटली ने की थी। इसके अतिरिक्त भीम पे, भीम आधार पे, मुद्रा ऋण, अटल पैंषन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्टैंडअप एंड स्टार्टअप इंडिया, प्रधानमंत्री बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना की जानकारी भी मेला में आने वाले लोगों को दी जा रही है।