एचएसआईआईडीसी के प्लाट की बढ़ी कीमत एक मुश्त चुकाएं , भारी छूट पायें

Font Size

मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर की अध्यक्षता में हुई बैठक में रहत देने का निर्णय 

 
चंडीगढ़, 29 जनवरी :  हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत अवसंरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) के बोर्ड की मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव  राजेश खुल्लर की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में बढ़ी कीमत की समस्त बकाया राशि का एक बार में ही भुगतान करने वाले आबंटियों को ब्याज एवं जुर्माने की अदायगी में राहत प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. राजा शेखर वुंडरू ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि इस निर्णय के अनुसार बढ़ी कीमत की बकाया राशि पर आबंटियों से वही ब्याज लिया जाएगा जो 31 जुलाई, 2017 को बनता था। 
 
उन्होंने कहा कि 3 प्रतिशत तक के जुर्माना ब्याज को अदायगी के टाइम स्लैब में माफ किया जाएगा। यदि आबंटी 15 दिनों के भीतर अदायगी करते हैं तो शत-प्रतिशत राहत दी जाएगी। इसी प्रकार, 16 से 30 दिनों के भीतर अदायगी करने पर 75 प्रतिशत और अंतिम 31 से 45 दिनों के भीतर अदायगी करने पर केवल 50 प्रतिशत राहत दी जाएगी।
 
उन्होंने कहा कि 31 जुलाई 2017 तक ब्याज को स्थिर करके बकाया राशि के निपटान का यह लाभ दिया जा रहा है। जुर्माना ब्याज माफी योजना की सुविधा केवल उन आबंटियों को प्राप्त होगी जो निर्धारित दिनों के भीतर एक बार में ही समस्त बकाया राशि का निपटान करेंगे। यह योजना पहली फरवरी, 2018 से प्रभावी होगी। योजना के अनुसरण में अदा की गई कोई भी राशि जो कि इस योजना के तहत समस्त भुगतान की राशि नहीं है, को रिफंड नहीं किया जाएगा, लेकिन उस राशि को सामान्य प्रक्रिया के अनुसार आबंटी की बकाया राशि के विरूद्घ समायोजित कर लिया जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि यह योजना पंचकूला में निगम कार्यालय स्तर पर संचालितहोगी। निगम ने योजना के सुचारू एवं प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सहायक महाप्रबंधक श्री एस.बी.कौशिक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। निगम द्वारा अपने ग्राहकों के साथ इंटरफेस को सुधारने एवं आबंटियों को और अधिक सुविधा प्रदान करने तथा प्रदेश में कारोबार की सहूलियत की दिशा में उठाया गया एक अन्य महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि चुनौतीपूर्ण आर्थिक परिदृश्य के मद्ïदेनजर ब्याज और जुर्माने की अदायगी में राहत देना आवश्यक हो गया है और उद्यमियों को राहत प्रदान करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

You cannot copy content of this page