देश में लड़की गोद लेने वालों की संख्या बढ़ी : डॉ. वीरेन्‍द्र कुमार

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नई दिल्ली : सीएआरए के साथ 18 हजार संभावित दत्‍तकग्रहण माता पिता (पीएपी) पंजीकृत हैं और इनमें से 50 से 60 प्रतिशत संभावित माता – पिता ने कन्‍या गोद लेने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की है। लोग अब लडकियों के जन्‍म पर उत्‍सव मनाते हैं . यह प्रधानमंत्री द्वारा लॉच की गई बेटी बचाओं बेटी पढाओं योजना की लोकप्रियता का परिणाम है। शरीरिक और मानसिक रूप से कमजोर बच्‍चों को गोद लेने के मामले में भारत के लोग पीछे हैं. ऐसे बच्‍चों को गोद लेने की इच्‍छा अधिकतर विदेशी संभावित माता – पिता ने व्‍यक्‍त की है।

यह जानकारी बाल विकास मंत्री डॉ. वीरेन्‍द्र कुमार ने दी . उन्होंने कहा कि सरकार शीघ्र ही दत्‍तकग्रहण एजेंसियों के कार्य प्रदर्शन के आधार पर उनकी श्रेणी और रैंक तय करने की प्रक्रिया लॉंच करेंगी। 

बाल उत्‍सव ‘हौसला 2017’ के सिंहावलोकन के रूप में आज गोद लेने के विषय पर एक दिन की राष्‍ट्रीय संगोष्‍ठी आयोजित की गई। यह संगोष्‍ठी महिला और बाल‍ विकास मंत्रालय द्वारा मनाये जा रहे बाल अधिकार सप्‍ताह के सिलसिले में आयोजित की गई। इसका आयोजन केन्‍द्रीय दत्‍तकग्रहण संसाधन प्राधिकरण (सीएआरए) ने किया था। संगोष्‍ठी का अदघाटन महिला और बाल विकास मंत्री डॉ. वीरेन्‍द्र कुमार ने किया इसमें महिला और बाल विकास मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारियों, सीएआरए के अधिकारियों, राज्‍यों के महिला और बाल विकास विभागों के अधिकारियों, एसएआरए, गोद लेने वाली एजेंसियों, बाल कल्‍याण समितियों, जिला बाल निगरानी के अधिकारियों ने भाग लिया।

      महिला और बाल विकास राज्‍य मंत्री डॉ. वीरेन्‍द्र कुमार ने अपने उद्घाटन भाषण में गोद लेने वाली एजेंसियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रशंसा की बात है कि इन एजेंसियों ने कार्य का ऐसा क्षेत्र चुना है जिसमें संवेदनशीलता और समर्पण की आवश्‍यकता है। डॉ. वीरेन्‍द्र कुमार ने कहा कि गोद लेने में राज्‍यों की बड़ी भूमिका है और इसीलिए सीएआरए राज्‍य सरकारों तथा राज्‍य एजेंसियों की मदद से गोद लेने की प्रक्रिया में समन्‍वय करता है। इस क्षेत्र में कुछ राज्‍यों का प्रदर्शन काफी अच्‍छा है, लेकिन कुछ राज्‍यों की प्रगति बहुत धीमी है। उन्‍होंने कहा कि बाल देखभाल संस्‍थानों में रहने वाले बच्‍चों के प्‍यार, देखभाल, लगाव को समझना और गोद लेने के काम में उचित ध्‍यान देना प्रत्‍येक व्‍यक्ति के लिए महत्‍वपूर्ण है।

      डॉ. वीरेन्‍द्र कुमार ने बताया कि सीएआरए के साथ 18 हजार संभावित दत्‍तकग्रहण माता पिता (पीएपी) पंजीकृत हैं और इनमें से 50 से 60 प्रतिशत संभावित माता – पिता ने कन्‍या गोद लेने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की है। लोग अब लडकियों के जन्‍म पर उत्‍सव मनाते हैं और हम मानते हैं कि यह प्रधानमंत्री द्वारा लॉच की गई बेटी बचाओं बेटी पढाओं योजना की लोकप्रियता का परिणाम है। उन्‍होंने कहा कि शरीरिक और मानसिक रूप से कमजोर बच्‍चों को गोद लेने के मामले में हम पीछे हैं और ऐसे बच्‍चों को गोद लेने की इच्‍छा अधिकतर विदेशी संभावित माता – पिता ने व्‍यक्‍त की है। डॉ. वीरेन्‍द्र कुमार ने कहा कि सरकार शीघ्र ही दत्‍तकग्रहण एजेंसियों के कार्य प्रदर्शन के आधार पर उनकी श्रेणी और रैंक तय करने की प्रक्रिया लॉंच करेंगी। श्रेष्‍ठ प्रदर्शन करने वाली एजेंसियों को पुरस्‍कृत किया जाएगा और उन्‍हें रोल मॉडल के रूप में पेश किया जाएगा।

      महिला और बाल विकास मंत्रालय की संयुक्‍त सचिव आस्‍था सक्‍सेना खटवानी ने कहा कि घर में पालन पोषण प्रत्‍येक लडकी का अधिकार है। यहां तक कि नया किशोर न्‍याय कानून भी अनाथ / परित्‍यक्‍त बच्‍चों की गैर संस्‍थागत देखभाल उपलब्‍ध कराने पर बल देता है। उन्‍होंने कहा कि इसे देखते हुए सभी हित धारकों को गोद लेने की प्रक्रिया में अति सक्रिय होना पड़ेगा ताकि प्रत्‍येक अनाथ बच्‍चे को प्‍यार और देखभाल वाला घर मिले। सीएआरए के सचिव श्री दीपक कुमार ने संगोष्‍ठी के उद्देश्‍यों की जानकारी दी।

      ‘हौसला 2017’ के हिस्‍से के रूप में बाल संसद, बाल उत्‍सव, एथलीट और खेल स्‍पर्धा, चित्रकारी प्रतियोगिता और भाषण लेखन जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। हौसला 2017 का उद्देश्‍य बाल देखभाल संस्‍थानों में रहने वाले बच्‍चों को अभिव्‍यक्ति भागीदारी और मनोरंजन के लिए एक मंच उपलब्‍ध कराना है। उत्‍सव 15 से 20 नवम्‍बर 2017 तक चलेगा।

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