सोनिया राहुल पर चला गहलोत का जादू
सोनिया के बाद प्रियंका ने भी की गहलोत की सूझबूझ से पंजाब में सत्ता वापसी की तारीफ
गहलोत जनता के बीच गांधीवादी नेता की रखते हैं पहचान
नई दिल्ली : राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए एक बार फिर से अब आशोक गहलोत कांग्रेस का चेहरा होंगे। उन्हें प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट किया जायेगा साथ ही फ्री हैंड देते हुए टिकट बांटने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। जबकि प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट को विधानसभा चुनाव होने तक प्रदेश की राजनीति में हस्तक्षेप करने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।
सोमवार को दिल्ली में राहुल गांधी के बंगले पर आयोजित की गई कांग्रेस हाईपाॅवर कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
उत्तर प्रदेश में मिली करारी हार की समीक्षा के लिए आयोजित इस बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल बोरा, सुरेश पचोरी,अहमद पटेल मुकुल वासनिक गुरूदास कामत अशोक गहलोत शीला दीक्षित, अंबिका सोनी, मनीष तिवारी,कमलनाथ, कैप्टन अमरिंदर सिंह गिरीजा व्यास सचिन पायलट और नवजोत सिंह सिद्धू सहित अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
बैठक मेें यह निष्कर्ष निकला कि उत्तर प्रदेश में पार्टी का कोई चेहरा न होने और सपा से गठबंधन हार का कारण। जबकि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह और अशोक गहलोत के नेतृत्व में चुनाव लड़ने पर पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला। इसी को आधार बनाते हुए राजस्थान में सत्ता हासिल करने और गुटबाजी को समाप्त करने के लिए अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित करने का निर्णय लिया गया। कैप्टन अमरिंदर सिंह और मुकुल वासनिक ने अशोक गहलोत के नाम का प्रस्ताव रखा और मोतीलाल बोरा अहमद पटेल ने समर्थन किया।
गहलोत के नाम को हरी झंडी मिलने के साथ ही राहुल गांधी ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अब राजस्थान में चुनाव होने तक सचिन पायलट या किसी अन्य नेताओ का कोई दखल नहीं रहेगा। उन्हें प्रदेश की राजनीति से दूर रखा जाएगा। यदि उनका कोई समर्थक है तो उसे टिकट देने की अनुशंसा कर सकेंगे लेकिन टिकट देना या न देना उनके हाथ में नहीं होगा।
गहलोत को मिला फ्री हैंड
विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के लिए किसे चुनना है और किसे नहीं यह सब गहलोत पर निर्भर करेगा। क्योंकि कांग्रेस आलाहाईकमान ने गहलोत को फ्री हैंड जो दिया है। लेकिन डा सी पी जोशी व गिरीजा व्यास आपसी सामंजस्य से अशोक गहलोत का मार्गदर्शन करते रहेंगे। ताकि पिछले दो वर्षों मै पैदा हुई गुटबाजी से बचा जा सकेगा। जिसका परिणाम सबके सामने हैं धोलपुर उप चुनावो मै सचिन पायलट ने अपना पूरा दमखम लगा दिया उसके बावजूद कांग्रेस को हार का मुँह देखना पडा लेकिन अब देरी करना और भी खतरनाक हो सकता है।
प्रदेश देख रहा है गहलोत की राह
प्रदेश में अशोक गहलोत एक मात्र ऐसे नेता हैं जो निर्विवाद होने के साथ ही हर वर्ग के चहेते हैं। युवाओं की पहली पसंद बने हुए हैं। लंबे अर्से से प्रदेश वासी गहलोत को पुनः एक बार सीएम प्रोजेक्ट करने की मांग कर रहे थे। अब जाकर उनकी यह मांग पूरी हो पाई है।
सोशल मीडिया पर जाहिर किए थे इरादे
गहलोत पिछले दो महीने से सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। फेसबुक पर क्यू एंड आस्क गहलोत के तहत उन्होंने जनवरी और फरवरी में अपने प्रशंसकों और समर्थकों से लाइव चैट की थी। इस दौरान उन्होंने लोगों के सवालों का जवाब देते हुए उन्हे हर तरह से संतुष्ट करने का प्रयास किया था
प्रदेश की कमान भी गहलोत व सी पी जोशी के किसी नजदीकी को ही संभालने को मिल सकती है इनमे ममता शर्मा लालचंद कटारिया मोहन प्रकाश को जिम्मेदारी मिल सकती है
2 लाख लोगों ने भेजे पोस्टकार्ड
गहलोत के फेसबुक पर अपने इरादे जाहिर करने और राजस्थान में सीएम प्रत्याशी घोषित करने के लिए सोनिया से बात करने के लिए अपने प्रशंसको से कहने पर उनके समर्थकों ने सोनिया गांधी को 2 लाख पोस्ट कार्ड भेजे थे। जिसमें सभी ने एक ही मांग की थी कि जल्द से जल्द गहलोत को राजस्थान का मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किया जाए।
16 को करेंगे देवपूजन
गहलोत को राजस्थान की कमान मिलने के बाद वे 16 को सुबह जोधपुर आएंगे । परिवार के साथ गणेश मंदिर में जाकर देवपूजा करेंगे। इसके बाद में अपने समर्थकों से मिलेंगे और शाम को पांच बजे अपने खास और चुनिंदा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर आगामी रणनीति बनाएंगे।