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लोगों को जागरूक करने के निर्देश , आरडब्ल्यू से सहयोग करने की अपील
गुरुग्राम, १७ अक्टूबर। जिला परिषद् गुरुग्राम की मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं जन सेवा सर्वेक्षण की नोडल अधिकारी चिनार चहल ने बताया कि गुरुग्राम में २३ अक्टूबर से जन सेवा सर्वेक्षण की शुरूआत होने जा रही है, इसलिए यह जरूरी है कि सभी संबंधित अधिकारी इस कार्य को गंभीरता से लेते हुए इसमें तत्परता से काम करें।
उन्होंने इस बारे में जन सेवा सर्वेक्षण से जुड़े अधिकारियों की बैठक ली व उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने जिला के सभी तहसीलदारों, जेडटीओ तथा नगरपालिका व नगर परिषद् के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे सभी चार्ज अधिकारी प्रगणकों का पंजीकरण कार्य शीघ्र पूरा करवाने के साथ साथ रिजर्व प्रगणकों का पंजीकरण करवाना व उनके आईकार्ड जारी करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि वे अपने स्तर पर शिकायत निवारण समिति का गठन करके रिपोर्ट उनके कार्यालय में प्रस्तुत करें। शिकायत निवारण समिति में जूनियर प्रोग्रामर व कम्प्यूटर ऑपरेटर को शामिल किया जाना अनिवार्य है।
उन्होंने जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, जिला राजस्व अधिकारी, क्षेत्रीय कराधान अधिकारियों तथा नगर निगम के अधिकारियों से कहा कि वे सभी गांवो में ग्रामीणों को जन सेवा सर्वेक्षण के बारे में सहयोग करने के लिए जागरूक करें व सर्वेक्षण के लिए लगाए जाने वाले प्रगणकों को वांछित डाटा उपलब्ध करवाने हेतु पटवारियों व ग्राम सचिवों के माध्यम से मुनादी करवाएं । इस कार्य में आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जा सकता है। उन्होंने जिला सूचना अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि वे जन सेवा सर्वेक्षण के लिए एक वीडियो क्लिप तैयार करवाएं ताकि जिला प्रशासन गुरुग्राम की वैबसाईट पर व अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जन सेवा सर्वेक्षण के बारे में जानकारी दी जा सके। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि वे स्टाफ की नवीनतम सूची आधार नंबर व मोबाईल नंबर सहित उपलब्ध करवाएं। सुश्री चिनार ने जिला रोजगार अधिकारी को निर्देश दिए कि वे जन सेवा सर्वेक्षण के कार्य हेतु सक्षम युवा उपलब्ध करवाएं।
गौरतलब है कि सरकार द्वारा लागू की जा रही जन कल्याण की योजनाओं का लाभ वास्तविक लाभपात्रों तक पहुंचे, इसके लिए यह जन सेवा सर्वेक्षण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान व्यवस्था में लाभपात्र सरकारी विभागों के चक्कर लगाते हैं और लाभ लेने के लिए सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के पीछे भागते रहते हैं, राज्य सरकार इस व्यवस्था को बदलकर उलट करना चाहती है जिसका तात्पर्य है कि सरकार के अधिकारी व कर्मचारी वास्तविक लाभपात्र के पास जाकर योजना का लाभ उन्हें दें।