वाराणसी, 6 अक्टूबर : राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने दावा किया है कि हिंदू विश्व विद्यालय (बीएचयू) में पिछले दिनों छात्राओं ने जो आंदोलन किया था, उसे विश्व विद्यालय से बाहर के तत्वों ने ‘हाइजैक’ कर लिया था. वह मामले की जांच करने बीएचयू पहुंचीं थी. उन्होंने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि छात्राओं का प्रदर्शन शांतिपूर्ण चल रहा था। उनके पास कई मुद्दे थे, लेकिन अचानक वहां पहुंचे बाहरी तत्वों ने प्रदर्शन को हाइजैक कर लिया और हिंसा को जानबूझ कर भडकाने की कोशिश की.
उन्होंने स्पष्ट किया कि मदन मोहन मालवीय की मूर्ति पर कालिख नहीं पोती गई थी. उनके अनुसार लड़कियों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करना निंदनीय है लेकिन इस स्थिति को उत्पन्न करने वाले कुछ बाहरी तत्व प्रदर्शन में शामिल हो गए थे और हिंसा भड़काने लगे थे.
रेखा ने यह भी दावा किया कि यहाँ के “हॉस्टल में कुछ लड़के अनधिकृत रूप से रह रहे हैं. उन्होंने लड़कियों से कहा है कि ऐसे लोगों को की पहचान करें और उनकी लिस्ट बनाएं. उन्होंने आश्वासन दिया कि उस लिस्ट को एसएसपी को सौंप कर कार्रवाई की मांग की जाएगी.
पत्रकारों से बातचीत में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने माना कि परिसर में नवीन होस्टल के पास स्थिति बेहद भयावह है. प्रशासन से नवीन होस्टल के आसपास सुरक्षा बढ़ाने को कहा गया है. इसके अलावा कैंपस में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. जल्द ही और हाईटेक कैमरे भी लगाने की तैयारी है.
उल्लेखनीय है कि बीएचयू परिसर में 21 सितंबर को कला संकाय की एक छात्रा के साथ तीन लड़कों ने छेड़खानी की थी छात्राओं ने इस घटना की शिकायत वार्डन और चीफ प्रॉक्टर से की, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. 22 सितंबर की सुबह छात्राओं ने धरना शुरू किया। वे जब कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी से मिलने उनके बंगले की तरफ बढ़ीं, तब उन्हें रोकने में नाकाम पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कई छात्राएं घायल हो गईं थीं. लाठीचार्ज के विरोध में गत 23 सितंबर को विश्वविद्यालय की छात्राओं का प्रदर्शन अचानक उग्र हो गया था. इस घटना की जाँच कर रहे बनारस के कमिश्नर ने रिपोर्ट में हिंसा के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को ही जिम्मेदार ठहराया था.
रेखा ने कहा कि वह जाँच क्र रही हैं कि छात्राओं पर लाठीचार्ज क्यों किया गया और किसके आदेश पर ऐसा किया गया. उन्होंने कहा कि वह अपनी जांच रिपोर्ट केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय और प्रदश सरकार को सौंपेंगी.
गौरतलब है कि बीएचयू परिसर में गत 21 सितंबर की घटना के 14 दिन बाद गुरुवार को भी ऐसी ही एक और घटना देखने को मिली जब परिसर में रेखा शर्मा की मौजूदगी में ही एमए (लोक प्रशासन) के एक छात्र ने परास्नातक की एक छात्रा को कक्षा से बाल पकड़कर खींचते हुए बाहर लाया था. उक्त छात्र ने उसे पीटा और उसका फोन जमीन पर पटक दिया. बताया जाता है कि दोनों में तीन साल से दोस्ती थी, उस दिन कुछ फोटोग्राफ को लेकर दोनों के बीच विवाद बढ़ गया था. जाहिर है इन घटनाओं ने विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा सवालों के घेरे में ला दिया है.