चंडीगढ़। दुष्कर्म मामले में दोनों पीडि़ताओं ने सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम सिंह को आजीवन कारावास की सजा दिलवाने के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने गत 28 अगस्त को दो साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में राम रहीम को 10- 10 साल अलग अलग यानि कुल 20 वर्ष कारावास की सजा सुनाई थी।
बताया जाता है कि चंडीगढ़ उच्च न्यायालय में दोनों की ओर से दाखिल याचिका में राम रहीम की हैवानियत की शिकार हुई दोनों साध्वियों ने कहा कि इस जघन्य अपराध के लिए 10 वर्ष की सजा पर्याप्त नहीं है।
गौरतलब है कि सी बी आई अदालत ने अपने निर्णय में कहा था कि दोनों मामलों में 10 वर्ष की सजा की अवधि क्रमागत (एक के बाद एक) पूरी की जाएगी। अदालत ने 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। पीडि़ताओं ने अपनी याचिका में कहा है कि दुष्कर्म मामलों में जब कोई व्यक्ति अपने ताकत का गलत इस्तेमाल कर दुष्कर्म करता है तो उसे अधिकतम सजा दी जानी चाहिए. अधिकतम सजा आजीवन कारावास है।