नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी एवं राजीव गांधी के नजदीकी समझे जाने वाले माखनलाल फोतेदार का आज निधन हो गया. कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के समीप गुड़गांव के एक अस्पताल में उनका निधन हुआ. मूल रूप से कश्मीर के रहने वाले फोतेदार को 1950 के दशक में जवाहरलाल नेहरू राजनीति में लेकर आये थे और उन्होंने धीरे धीरे कांग्रेस में अपनी स्थिति काफी मजबूत कर ली थी. बाद में वह पार्टी में काफी मजबूत हो गये. इंदिरा गांधी ने 1980 में उन्हें अपना राजनीतिक सचिव बनाया था. उनकी मृत्यु के बाद राजीव गांधी ने भी उन्हें तीन वर्ष तक अपना राजनीतिक सचिव बनाये रखा और बाद में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फोतेदार के निधन पर शोक जताते हुए कहा, ‘‘उनके पांच दशक के लंबे राजनीतिक जीवन में उन्होंने लोगों के अधिकार के लिए अथक संघर्ष किये और पूरी गंभीरता के साथ उनकी सेवा की.’’ सोनिया ने कहा कि फोतेदार कांग्रेस पार्टी के लिए मार्गदर्शन करने वाले व्यक्तित्व थे और उनके स्थान को कभी नहीं भरा जा सकता.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के निधन पर शोक व्यक्त किया. राहुल गांधी ने लिखा “फोतेदार जी कांग्रेस पार्टी में एक मजबूत स्तंभ की तरह थे, उनका जाना हमारे लिए बड़ी हानि है, दुख की इस घड़ी में फोतेदार जी के परिवार के प्रति मैं संवेदना व्यक्त करता हूं ‘
फोतेदार काफी समय तक पार्टी की शीर्ष निकाय कांग्रेस कार्य समिति के भी सदस्य रहे. वह अभी तक सीडब्ल्यूसी में स्थायी सदस्य थे. फोतेदार जम्मू कश्मीर विधानसभा के पूर्व सदस्य थे और उन्होंने पहलगाम विधानसभा क्षेत्र का 1967 से 1977 तक प्रतिनिधित्व किया. वह दो बार राज्यसभा के सदस्य भी रहे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम एल फोतेदार ने अपनी पुस्तक ‘द चिनार लीव्स’ में लिखा है कि राहुल अपने पिता की ही तरह राजनीति नहीं करना चाहते और उनकी सीमाएं हैं और उन्हें उनके पिता की तरह इस काम के लिए तैयार नहीं किया गया है जैसा कि उनके पिता को स्वयं इंदिरा गांधी ने तैयार किया था.
पूर्व केंद्रीय मंत्री फोतेदार ने सोनिया की आलोचना करते हुए कहा कि उनमें कई गुण होने के बावजूद राजनीतिक प्रबंधन की कमी है और राहुल को आगे बढ़ाने की उनकी इच्छा से पार्टी के अंदर समस्याएं खड़ी हुई हैं. राहुल के कांग्रेस की सत्ता संभालने के समय को लेकर चल रही चर्चा के बीच फोतेदार ने कहा है कि राहुल में ‘कुछ अड़ियलपन’ है और नेता बनने की उनकी प्रेरणा ‘बहुत मजबूत’ नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी का नेतृत्व इस देश के लोगों को स्वीकार्य नहीं है और सोनिया गांधी का बेहतरीन समय पीछे छूट गया है. पार्टी को नेतृत्व देने वाला कोई नहीं है. इसने सीखना छोड़ दिया है.’ उन्होंने कहा, ‘संसद के दोनों सदनों में विपक्षी नेताओं की नियुक्ति में इसने गलत चुनाव किए हैं. विधानसभा चुनावों में चुनौतियों से निपटने में इसने गलत विकल्प चुने. वास्तव में पार्टी ने कुछ भी सही नहीं किया है या नहीं कर रही है. यह दुख है कि नेहरू इंदिरा की विरासत इतने निचले स्तर पर पहुंच गई है.’