आवारा घूमते पाए गए पशुओं को जुर्माना अदा करने पर भी छोड़ा नहीं जाएगा-उपायुक्त

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– अगले एक सप्ताह में गुरुग्राम की सडक़ों को आवारा पशुओं से मुक्त करने का लक्ष्य

 
गुरुग्राम, 08 सितंबर। गुरुग्राम जिला प्रशासन ने शहर की सडक़ों पर खुले छोड़े जाने वाले पशुओं के मामले में सख्त रवैया अपनाते हुए कहा है कि सडक़ो पर  आवारा घूमते पकड़े गए पशुओं को जुर्माना अदा करने पर भी नही छोड़ा जाएगा। ऐसे आदेश आज उपायुक्त विनय प्रताप सिंह द्वारा दिए गए हैं। 
उन्होंने कहा कि सडक़ दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए राज्य सरकार ने यह पहल की है कि कोई भ्भी पशु सडक़ पर घूमता नजर ना आए और  सडक़ें आवारा पशुओं से मुक्त हों। उपायुक्त ने कहा कि आवारा पशुओं को पकडक़र गऊशालाओं में भेजा जा रहा है और उन्हें पूर्ण रूप से जब्त किया जा रहा है। जिला प्रशासन की टीम द्वारा पकड़े गए किसी भी आवारा पशु को नहीं छोड़ा जाएगा। 

इससे पहले मुख्यमंत्री द्वारा आवारा पशुओं के मामले मे वीडियों कान्फें्रसिंग के माध्यम से ली गई रिपोर्ट में उपायुक्त ने मुख्यमंत्री को बताया कि शहरी क्षेत्र में आवारा पशुओं को पकडऩे का काफी अच्छा काम हुआ है और सडक़ों को आवारा पशुओं से मुक्त करने के मामले में हम अंतिम चरण में हैं। उन्होंने बताया कि गुरुग्राम जिला में एक अनुमान के अनुसार लगभग 6550 आवारा पशु थे जिनमें से लगभग 5 हजार पशुओं को पकडक़र विभिन्न गऊशालाओं में भेजा जा चुका है। इनमें से ज्यादा पशु काटरपुरी गौ धाम, सिलानी गऊशाला तथा फरूखनगर व रामपुर की गऊशालाओं में भेजे गए हैं। इसके साथ उपायुक्त ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि हालांकि राज्य सरकार का ध्येय सडक़ों को आवारा पशुओं से 30 सितंबर तक मुक्त करने का है लेकिन गुरुग्राम जिला प्रशासन द्वारा एक सप्ताह में इस लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिला में 15 टीमें आवारा पशुओं को पकडऩे के कार्य में लगी हुई हैं। 

भ्रूण की लिंग जांच करने वालों पर प्रशासन की कड़ी नजर-उपायुक्त 
– विश्ववसनीय सूत्रों से सूचना एकत्रित कर की जा रही है छापेमारी।
– जिला का जन्म के समय लिंगानुपात पहुंचा 893 पर।
 
वीडयों कान्फें्रसिंग में बेटी बचाओ-बेटी पढाओ योजना पर भी चर्चा हुई जिसमें उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि कन्या भ्रूण हत्या में संलिप्त व्यक्तियों को पकडऩे के लिए गुरुग्राम की टीम द्वारा दूसरे राज्यों में भी रेड की जा रही है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों गुरुग्राम की टीम ने रूडक़ी में जाकर कन्या भ्रूण हत्या करने वाले व्यक्ति को पकड़वाया है। श्री सिंह ने यह भी कहा कि अब गुरुग्राम की टीम पूरी मुस्तैदी से इस कार्य में लगी हुई है और जहां कहीं से भी भ्रूण के लिंग जांच करने या भू्रण हत्या करने की सूचना मिलती है, टीम द्वारा छापेमारी की जा रही है। साथ ही श्री सिंह ने कहा कि अंतर राज्य रेड डालने के साथ-साथ जिला के भीतर की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है। इस बैठक में बताया गया कि वर्ष 2017 के पहले 6 महीनों में गुरुग्राम जिला का जन्म के समय लिंगानुपात 893 हो गया है, जबकि इस अवधि में राज्य का लिंगानुपात 907 का है।
आज की वीडियों कान्फें्रसिंग में शहरी क्षेत्रों को खुले में शौचमुक्त बनाने पर भी चर्चा की गई। उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि गुरुग्राम जिला की तीन नगरपालिकाओं तथा एक नगर परिषद ने अपने-अपने क्षेत्र को खुले में शौचमुक्त घोषित किया है। इनमें फरूखनगर, पटौदी व हेलीमण्डी की नगरपालिकाएं तथा सोहना की नगर परिषद शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में समाचार पत्रों में विज्ञापन भी दिया गया है और अब थर्ड पार्टी अर्थात् निष्पक्ष ऐजेंसी से इसकी पुष्टि करवाई जाएगी। यह थर्ड पार्टी केंद्र सरकार द्वारा भ्भेजी जाएगी। नगर निगम गुुरुग्राम क्षेत्र के बारे में संयुक्त आयुक्त अनु श्योकंद ने मुख्यमंत्री को बताया कि पूरे नगर निगम क्षेत्र को खुले में शौचमुक्त करने के लिए सत्त प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि श्रमिकों की बस्तियों तथा अनाधिकृत कॉलोनियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और नगर निगम की टीमें हर रोज ऐसी बस्तियों में प्रातकाल के दौरान जाकर लोगों को शौचालयों का प्रयोग करने क े लिए प्रेरित कर रही हैं। उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों में घरों में शौचालय नहीं है वहां पर सामुदायिक शौचालय बनवाए जा रहे हैं। हर साईट पर शौचालय की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने इस पर कहा कि गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों में श्रमिक बस्तियों की संख्या अधिक होने के कारण यह एक चुनौती है और इन जिलों के अधिकारियों को ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्र पहले ही ओडीएफ अर्थात् खुले में शौचमुक्त हो चुके हैं और अब शहरी क्षेत्रों के लिए राज्य सरकार ने 25 सितंबर तक की समय सीमा तय की है। 
इस अवसर पर गुरुग्राम में मण्डलायुक्त डा. डी सुरेश, उपायुक्त विनय प्रताप सिंह, नगर निगम की संयुक्त आयुक्त अनु श्योकंद, मुख्यमंत्री की सुशासन सहयोगी गुंजन गहलोत तथा पशुपालन विभाग की उपनिदेशक डा. पुनीता भी उपस्थित थे, जबकि चण्डीगढ़ में मुख्यमंत्री के साथ शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन, मुख्य सचिव डी एस ढेसी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. राकेश गुप्ता, शहरी स्थानीय निकाय के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरन सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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