शिकरावा हाई स्कूल का डीडीए पॉवर मामला पहुंचा हाईकोर्ट

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हाईकोर्ट ने मेवात जिला शिक्षा अधिकारी से 4 जुलाई तक मांगा जवाब

 

यूनुस अलवी

मेवात: पुन्हाना उपमंडल के गांव शिकरावा हाई स्कूल में जूनियर और सीनियर प्राध्यापकों के बीच आहरण एवं वितरण अधिकारी (ड्राविंग एंड डिसबर्सिंग ऑफिसर) का चल रहा विवाद अब हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। हरियाणा एंव पंजाब हाईकोर्ट ने जिला नूंह (मेवात) के जिला शिक्षा अधिकारी से आगामी 4 जुलाई 2017 तक सीनियर अध्यापक को डीडी पावर ना देने के बारे में जवाब तलब किया है।
     शिकरावा हाई स्कूल के प्राध्यापक गिर्राज प्रशाद ने पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा कि वह 8 फरवरी 1988 को बतौर जेबीटी अध्यापक शिक्षा विभाग में नियुक्त हुआ था। उसके बाद शिक्षा ने विभाग ने पदोन्नति कर 29 दिसंबर 1999 को एसएस अध्यापक और 24 फरवरी 2004 को प्राध्यापक बनाया था। वह करीब पांच महिने बीसरू हाई स्कूल का इंचार्ज भी रहा है। उसके बाद विभाग ने शिकरावा हाई स्कूल में 4 जनवरी 2017 को तबादला कर दिया था। शिक्षा विभाग के वर्ष 2006, 2007/8 और 22/1/2016 और 9 सितंबर 2016 के आदेशों के अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी को प्राध्यापक गिर्राज प्रशाद को डीडीए पावर देनी चाहिये थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। याचिकाकर्ता के वकील अमर सिंह तेवतिया ने बताया कि हाईकोर्ट ने नूंह जिला शिक्षा अधिकारी से 4 जुलाई 2017 तक जवाब मांगा है कि गिर्राज प्रशाद के स्कूल में सबसे सीनियर होने के बावजूद किन नियमों के तहत डीडीए शक्तियां देने से महरूम रखा गया उसका हल्फनामा सहित जवाब दाखिल करें।
 
   याचिकाकर्ता गिर्राज प्रशाद ने बताया कि शिकरावा स्कूल में पहले से ही शमीम को स्कूल की डीडी पावर दे रखी थी। शमीम मेवात शिक्षा केडर के माध्यम से वर्ष 2013 में बतौर प्राध्यापक शिक्षा विभाग में नियुक्त किया गया है जबकि वह वर्ष 2004 से प्राध्यापक हैं। वरिष्ठता के आधार पर वह शमीम से करीब 13 साल सीनियर है। इन सबके बावजूद खंड शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी से प्राध्यापक शमीम ने सांठ-गांठ कर उसे शिक्षा विभाग के आदेशों के अनुसार डीडीए पॉवर देने की बजाऐ उसे प्रताडित करना शुरू कर दिया।
    गिर्राज प्रशाद का कहना है कि सरकार ने उसे वर्ष 2005 में प्राध्यापक बनाकर राजपत्रित अधिकारी के अधिकार दे दिये थे। जिसके तहत हरा पैन इस्तेमाल करने और टूकोपी सत्यापित करने की पावर होती है। इसके बावजूद भी शमीम ने अपनी डीडीए पावर का गलत इस्तेमाल करते हुए गिर्राज प्रशाद द्वारा हस्ताक्षर में हरा पैन इस्तेमाल करने पर कारण बताओ नोटिस जारी तक कर दिया। गिर्राज प्रशाद का कहना है कि वह दलित समाज से ताल्लुक रखता है इसी वजह से सभी मिलकर उसे प्रताडित कर रहे हैं।

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