जर्मनी में आज पीएम मोदी ने क्या कहा ?

Font Size

योर एक्सेलेंसी, चांसलर अंगेला मर्कल,

फ्रेंड्स,

गुटेन टाग डोएषलैंड!

मेरी यह जर्मनी की दूसरी ऑफिसियल यात्रा है। 2015 में जब हन्नोवर फेयर में भारत पार्टनर कंट्री था, तब भी मेरा आना हुआ था।इसी प्रकार आइ.जी.सी. का भी यह मेरा दूसरा अनुभव है। 2015 में हमें भारत में चांसलर मर्कल को होस्ट करने का सौभाग्य मिला था।किन्तु हमारी भेंट तथा वार्ताओ का सिलसिला केवल आइ.जी.सी. की मीटिंग्स तक सीमित नहीं है । चांसलर मर्कल और मैने कई बार मल्टीलेटरल सममिट्स के अवसर पर भी बातचीत की है। एक्सेलेंसी मर्कल, बात चाहे बायलैटरल संबंधों की हो; या मानवता वादी समस्याओ की; क्षेत्रीय विषयों का मुद्दा हो, अथवा वैश्विक परिपेक्ष के प्रशन हो – आप के साथ हर वार्ता हर प्रकार से मेरे लिए अत्यंत ज्ञानकारी और लाभकारी रही है। आप से मुझे हर बार कुछ न कुछ नया सीखने को मिला है ।एक्सेलेंसी, मैं अपने और हमारे डेलीगेशन के हार्दिक स्वागत और सम्मान के लिए आपका औजर्मनी में आज पीएम मोदी ने क्या कहा ? 2र आपकी सरकार का आभार व्यक्त करता हूं।
फ्रेंड्स,

आज के इंटर गवर्नमेंटल कंसल्टेशन्स में चांसलर मर्कल और उनकी पूरी टीम के साथ हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों का कम्प्रेहैन्सिव रिव्यु किया है। किन्तु भारत और जर्मनी की स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप का महत्त्व केवल द्विपक्षीय संदर्भ में नहीं है, बल्कि हमारे संबंधो का एक अत्यंत प्रभावशाली क्षेत्रीय और वैश्विक परिपेक्ष भी है। एशिया मे उभरती नई चुनौतिया, एवं यूरोप, तथा पूरे विश्व के समक्ष ओप्पोर्तुनिटीज तथा चैलेंजेस पर भी हमने विस्तार से चर्चा की। मुझे प्रसन्नता है कि पिछले तीन वर्षों में हमारे उच्चस्तरीय संपर्कों में काफी बढ़ोतरी हुई है। आइ.जी.सी. की मीटिंग दो वर्षों में एक बार होती है, लेकिन हमारे संबंधों का एक प्रकार से कन्टीन्यूस रिव्यु चलता रहता है, और इससे अच्छा मोमेंटम बनता है।
फ्रेंड्स,

भारत के तेज गति से हो रहे विकास में हम अपने मित्र देशों की सकारात्मक भूमिका का स्वागत करते हैं। और जर्मनी इसमें अग्रिम देशो मे से एक हैं।जर्मन बिज़नेस तथा इंडस्ट्री भारत की आर्थिक प्राथमिकताओ की बढती हुई उपलब्धियों मे एक महत्वपूर्ण पार्टनर है ।पिछली आइ.जी.सी. मीटिंग के समय हमने जर्मनी की कंपनियों के लिए एक फ़ास्ट ट्रैक सुविधा शुरू करने का निर्णय लिया था, जो कि बहुत अच्छा काम कर रही है। हमने मेक इन इंडिया के हमारे मिशन में जर्मनी की कंपनियों के निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि का अनुभव किया है, विशेष रूप से मिटलश्टांड (मिटलश्टांड) कंपनियों से।भारत की विशाल युवा जनसंख्या को रोजगार से जोड़ने के लिए हमारे स्किल इंडिया के मिशन में भी जर्मनी की अहम् भागीदारी है। भारत की स्किल्ड वर्कफोर्स केवल भारत ही के ट्रांसफॉर्मेशन का एक पिलर नहीं है अपितु हम इसे पूरे विश्व के विकास एक महत्वपूर्ण रिसोर्स मानते है। आज मशीन टूल्स सेक्टर में स्किलिंग के काम पर सहयोग पर सहमति दोनों देशों के लिए लाभकारी होगी। जर्मनी की हाई टेक्नोलॉजी कुशलता, और भारत की फ्रूगल इंजीनियरिंग की जुगलबंदी विश्व को बहुत कुछ दे सकती है।ऑफ़ कोर्स, स्किल की आवश्यकता सिर्फ़ इंडस्ट्री को ही नहीं है। शायद कम ही लोगों को जानकारी होगी कि बंडेसलीगा (बंडेसलीगा) भारत में भी काफी लोकप्रिय है, विशेष रूप से युवा वर्ग में। हम फुटबॉल में अपने सहयोग को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
फ्रेंड्स,

पर्यावरण की रक्षा हर देश का अहम् कर्तव्य है। इसी कारण हमारे सहयोग का एक अहम् क्षेत्र है रिन्यूएबल एनर्जी का। भारत 2022 तक 175 गीगावाट रिन्यूएबल पॉवर जेनेरेट करना चाहता है। इस वर्ष March तक हमने लगभग 57 गीगावाट तक का काम पूरा भी किया है। इस सेक्टर में जर्मनी की कंपनियों के लिए और हमारी डेवलपमेंट पार्टनरशिप के लिए, अनेक अवसर बन रहे हैं।इस के अतिरिक्त, रेलवेज, सिविल एविएशन, इंफ्रास्ट्रक्चर, अर्बन मोबिलिटी और स्मार्ट सिटीज जैसे सेक्टर्स में भी हम दोनों देशों की मजबूत साझेदारी मे भरपूर विकास हुआ है ।साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हमारा सहयोग दोनों समाजो के लिए लाभकारी सिद्ध हो रहा है। इस सहयोग को हम अत्यंत मूल्यवान मानते हैं।इस क्षेत्र मे जर्मनी हमारा सेकंड लार्जेस्ट पार्टनर है। हम इसे और एक्सपैंड करना चाहते हैं।
फ्रेंड्स,

आज यूरोप तथा पूरा विश्व कई चुनौतियों का मुकाबला कर रहा है। मेरा यह मानना है की इन चैलेंजेस का सफलता पूर्वक सामना करने के लिए आज विश्व को चांसलर मर्कल जैसे सुदृढ़ तथा सशक्त नेतृत्व की आवश्यकता है। हमारे समाज की संपन्नता के मार्ग में आतंकवाद तथा अतिवाद बड़ी सुरक्षा चुनौतियां है। हम हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ मजबूत और एकजुट एक्शन चाहते हैं। आज हमने इस विषय पर द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की संभावनाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की है। साइबर सिक्योरिटी और एविएशन सिक्योरिटी में भी हम सहयोग मजबूत करेंगे।वैश्विक मंच पर अनेक विषयों पर भारत और जर्मनी न सिर्फ़ क्लोस्ली कंसल्ट करते हैं, बल्कि हमारे विचार भी मिलते जुलते हैं। हम दोनों देश डेमोक्रेसी और डाइवर्सिटी की नींव पर खड़े हैं, और इसी प्रकार के ग्लोबल आर्डर की अपेक्षा रखते हैं। यु.एन.एस.सी के रिफॉर्म्स की प्रक्रिया में हम दोनों मिल कर काम करते रहेंगे।
फ्रेंड्स,

भारत जर्मनी सम्बन्ध चौमुखी है।इन के विकास की गति तेज़, दिशा सकारात्मक तथा गंतव्य स्पष्ट है। हमारे संबंधो को सफलता को चरम सीमा पर ले जाने मे जर्मनी भारत को सदैव एक सशक्त, तैयार तथा सकारत्मक पार्टनर के रूप मे पायेगा ।इन्हीं शब्दों के साथ मैं एक बार फ़िर, चांसलर मर्कल और जर्मनी की सरकार को इस आइ.जी.सी. मीटिंग होस्ट करने के लिए, और इस यात्रा को सुखद और सफल बनाने के लिए, ह्रदय से धन्यवाद देता हूं।धन्यवाद।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

You cannot copy content of this page