लोगों को पीने का पानी नसीब नहीं और जंगल में बेकार बेह रहा है हजारों लीटर पानी

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करीब तीन महिने से लोग गंदा पानी पीने को हो रहे हैं मजबूर

जंगल में पाईप लाईन टूटन से किसानों की करीब पांच एकड जमीन खराब हो रही है

 

यूनुस अलवी

मेवात:जनस्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से हजारों लीटर पीने का पानी जंगल में बेकार बेह रहा है। जंगल में पाईप लाईन टूटने की वजह से किसानों की जहां करीब पांच एकड जमीन खराब हो रही है वहीं लोगों को भी गंदा पानी सप्लाई हो रहा है। गंदा और बदबूदार पानी आने की वजह से लोग उसको किसी भी काम में इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। लोगों को मजबूर होकर घर की जरूरतें पूरी करने के लिये करीब एक हजार रूपये में पानी का टेंकर डलवाना पड रहा है।
 
   गांव बीरसीका निवासी इरशाद ने बताया कि गांव संगेल से उनके गांव बीरसीका और अखनाका के लिऐ और दिहाना व मालब गांव के लिये अलग-अलग रेनीवैल की पाईप लाईन आ रही है। गांव बीरसीका और अखनाका के लिये आने वाली पाईप लाईन उनके गांव के पास टूटी हुई है जिससे मम्मल, हारून और नसरू के खेतों के पास पाईप लाईन टूटी हुई है, जिसकी वजह से करीब दो-दो फीट तक खेतों में पानी भरा हुआ है। गांव दिहाना निवासी सलीम का कहना है कि उनके गांव के पास करीब तीन माह से पाईप लाईन टूटी हुई है। गांव के जुम्मा, हसन मोहम्मद आदि के खेतों में पाईप लाईन टूटी हुई है।  जिसकी वजह से लोगो के खेत खराब हो रहे हैं। खेतों में पानी भरा होने की वजह से लोग अपने खेतों की बिजाई भी नहीं कर सकते हैं। पाईप लाईन को जोडने के लिये कई बार अधिकारियों से शिकायत की लेकिन कोई सुनने वाला नहीं हैं।
 
   गांव मालब निवासी समाजसेवी साहून खान ने बताया कि संगेल गांव से उनके गांव को पीने के पानी की सप्लाई की जाती है। पिछले तीन महिने से बीरसीका और दिहाना के बीच रैनीवैल की पाईप लाईन टूटी हुई है। उनका कहना है कि जब शुरू में वाटर सप्लाई चलती है तो वाटर टेंक और लोगों के घरों में गंदा पानी आ जाता है। जिससे वाटर टेंकों का पानी गंदा और बदबूदार हो जाता है। गंदा पानी आने की वजह से लोग उसे ना तो पीने, नहाने यहां तक की कपडे धोने में भी इस्तेमान नहीं कर पाते हैं। उन्होने बताया कि जब गंदा पानी आना रूक जाता है तो लोग वाटर टेंक में गिर रहे पाईप से थोडा बहुत पानी घर के इस्तेमाल के लिये भर लेते हैं। उन्होने कहा जिस जगह पानी पाईप लाईन टूटी हुई है वहां पर दो-दो फीट पानी भरा हुआ है। उस पानी में कुत्ता आदि जानवर नहाते हैं। जब वाटर सप्लाई चलती है तो वहीं गंदा पानी वापिस पाईप लाईन के जरिये टेंकों तक आता है।

 

क्या कहते हैं अधिकारी

 
 रैनीवैल परियोजना के कार्यकारी अभियंता फैसल इब्राहीम का कहना है कि लोगों ने इस बारे में उनको कोई शिकायत नहीं दी है। अगर रास्ते में कहीं पाईप लाईन टूटी हुई है तो उसे जल्द ठीक कराया जाऐगा।
 
 

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