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मेवात कि चरितार्थ कहावत आज यहां के नेताओं पर सटीक बेठी कि ‘‘मेवात के नेता लेने को बने हैं देने को नहीं’’
यूनुस अलवी
मेवात: घर के लिये राजस्थान के जयपुर से दूधारू गाय लेकर आ रहे पहलू खान कि गोरक्षकोंं द्वारा बहरोड में हत्या किये जाने के बाद किसी भी राजनेता द्वारा उनके परिवार की आर्थिक मदद ना करने बल्कि पीडित परिवार द्वारा ही नेताओं कि आवभगत में करीब 80 हजार रूपये खर्च करा दिये जाने कि खबर अमर उजाला ने प्रमुखता से छापी थी। अमर उजाला में खबर छपने के बाद अखिल भारतीय किसान सभा ने 19 अप्रैल को दिल्ली में मृतक परिवार को 3 लाख रूपये तथा घायल को 50 हजार रूपये कि मदद की थी। सोहना से बसपा नेता जावेद अहमद ने शुक्रवार को नूंह के गांधी पार्क में आयोजित युवा प्रदर्शन के मौके पर पहलू कि 85 वर्षीय मां अंगूरी को एक लाख 21 हजार रूपये कि नगद आर्थिक मदद की। इस मौके पर बेठे मेवात के बडे-बडे नेताओं ने पहलू के परिवार को एक बार फिर निराश ही किया और किसी भी नेता ने अपनी या पार्टी कि ओर से पहलू कि 85 वर्षीय मां और परिवार कि कोई मदद करने की कोई पहल नहीं की। जावेद अहमद इससे पहले डीगरहेडी डबल मर्डर मामले के पीडितों को पांच लाख रूपये कि मदद कर चुके हैं। वहीं पहलू कि मां ने आर्थिक मदद करने पर जावेद अहमद का शुक्रिया अदा किया है। काश जावेद अहमद कि ही इस पहल से मेवात के राजनेता कुछ सबक ले लेते तो शायद मृतक पहलू के परिवार का अच्छे से गुजारा हो जाता। मेवात कि चरितार्थ कहावत आज यहां के नेताओं पर सटीक बेठी कि ‘‘मेवात के नेता लेने को बने हैं देने को नहीं’’