टी.बी. के मरीज द्वारा हवा में छोड़े गए कीटाणुओं से सक्रमण
झज्जर24 मार्च : सोनू धनखड़:- विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर स्वास्थ विभाग की ओर से सामान्य अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जागरूकता कार्यक्रम में टी.बी. रोग से बचाव और ईलाज के बारे में विशेषज्ञों डाक्टरों ने विस्तार से जानकारी दी। यह जानकारी देते हुए टी.बी. नियंत्रण समिति झज्जर के अध्यक्ष एवं डिप्टी सिविल सर्जन डॉ ईशवर सिंह ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ जितेंद्र कादियान एमएस बहादुरगढ़ ने की।
डॉ ईशवर सिंह ने बताया कि टी.बी. की अस्सी प्रतिशत बिमारी फेफड़ों में होती है। उन्होंने बताया कि बिमारी होने का मुख्य कारण जागरूकता की कमी होना है। टी.बी. के मरीज द्वारा हवा में छोड़े गए कीटाणुओं के फैलने से दूसरे व्यक्ति को बीमारी होने की ज्यादा आशंका होती है। इसलिए टी.बी. के मरीज को खांसते समय मुह पर कपड़ा रखना चाहिए। पीडि़त व्यक्ति अपना बलगम पानी में डाले या फिर गड्ढे में दबाना चाहिए।
डॉ ईशवर ने बताया कि यह बीमारी बड़ो के साथ बच्चों में भी गाठ के रूप में फैलती है। इसलिए इसका ईलाज करवाना अतिआवश्यक है। अज्ञानता, अनियमित ईलाज, स्वास्थ सुविधाओं की अधूरी जानकारी के कारण बिमारी का ईलाज पूरी तरह से नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी होने पर अपने नजदीक के स्वास्थ केंद्र में अपने बलगम की जांच करवानी चाहिए। सरकारी अस्पतालों में टी.बी. से संबंधित सभी प्रकार की जांच और उपचार निशुल्क किया जाता है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी डाटॅ्स केंद्र खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि बिमारी के उपचार के लिए विभाग की ओर से समय -समय पर जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। कार्यक्रम में विशेषज्ञ डाक्टरों ने टी.बी. की बिमारी और उपचार से संबंधित विचार रखे। कार्यक्रम डा दिनेश, डॉ विनित, डा कुलदीप भी उपस्थित रहे।