राष्ट्रपति भवन में आयोजित ‘नवाचार महोत्सव’
जमीनी स्तर के अविष्कारकों को पुरस्कृत किया
नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को देश के विभिन्न क्षेत्रों से से आए जमीनी स्तर के अविष्कारकों को पुरस्कृत किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यदि देश भर के लाखों गांवों की अनसुलझी समस्याओं का अंबार नए-नए शोधों और आविष्कारों के लिए प्रेरणास्रोत बन सके तो भारत को समावेशी नवोन्मेष का वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनने से कोई नहीं रोक सकता. इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रपति भवन में आयोजित ‘नवाचार महोत्सव’ के नाम से किया गया था. राष्ट्रपति भवन और भारतीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान के सहयोग से आयोजित यह ‘नवाचार महोत्सव’ 10 मार्च तक चलेगा।
श्री मुखर्जी ने देश के उच्च शैक्षणिक संस्थानों और जमीनी स्तर के नवोन्मेषकों के बीच तारतम्य स्थापित करने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि शैक्षणिक समुदाय को इस बात का अध्ययन करना चाहिए कि किस तरह आम लोगों के सृजनशील मस्तिष्क बिना किसी बाहरी मदद के ही अपने आसपास की समस्याओं को हल कर लेते हैं. ऐसे में यदि उन्हें स्थापित संस्थानों से सहयोग मिल जाए तो वे और अधिक अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में बनाए जाने वाले नवोन्मेषी क्लब छात्रों को अपने आसपास की सामाजिक समस्याओं को खोजने, समझने, हल करने और नवोन्मेष का जश्न मनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं.
उनके अनुसार बच्चों में वैज्ञानिक उत्सुकता को बढ़ावा देना चाहिए और उन्हें कुछ नया सृजन करने के लिए प्रेरित हमेशा करना चाहिए. जमीनी स्तर के नवोन्मेषों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रपति भवन की ओर से उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश भर की सांस्कृतिक रचनात्मकता को, शैक्षणिक, संस्थागत एवं तकनीकी नवोन्मेषों को रेखांकित करने के लिए राष्ट्रपति भवन में समावेशी नवोन्मेष की एक स्थायी प्रदर्शनी लगाई गई है. यह प्रदर्शनी यहां आने वालों को नए-नए प्रयोग करने के लिए प्रेरित कर सकती है.
राष्ट्रपति भवन में मेहमान के रूप में नवोन्मेषकों, कलाकारों और लेखकों को एक सप्ताह से अधिक समय तक रहने का अवसर दिए जाने का भी जिक्र किया. इस अवसर पर नवोन्मेषों की प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया.