नई दिल्ली : न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने आज यानी 11 नवंबर को गणतंत्र मंडप, राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई. उनका कार्यकाल 13 मई 2025 तक लगभग छह महीने का होगा मुख्य न्यायाधीश का पद ग्रहण करने पर न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी शुभकामनाएं दी । वे देश के 51 वे मुख्य न्यायाधीश हैं .
प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा कि “न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुआ। उन्होंने भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली है। उनके कार्यकाल के लिए मेरी शुभकामनाएँ।”
दिल्ली निवासी जस्टिस संजीव खन्ना ने अपनी पढ़ाई दिल्ली में ही पूरी की है। 14 मई, 1960 को जन्मे जस्टिस खन्ना के पिता न्यायमूर्ति देश राज खन्ना भी न्यायिक दुनिया से जुड़े थे और दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। जस्टिस संजीव खन्ना की मां सरोज खन्ना दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज में हिंदी की लेक्चरर थीं।
न्यायमूर्ति खन्ना ने अपनी स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से की। स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ लॉ के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का न्यायिक करियर चार दशकों से अधिक का है। साल 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में शामिल होने के बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में जाने से पहले दिल्ली की तीस हजारी जिला अदालतों में प्रैक्टिस की।
उन्होंने आयकर विभाग के लिए वरिष्ठ स्थायी वकील और दिल्ली के लिए स्थायी वकील के रूप में काम किया। इसके साथ ही 2005 में दिल्ली हाईकोर्ट में पदोन्नत होकर वे 2006 में स्थाई न्यायाधीश बन गए। किसी भी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवा किए बिना जनवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश बने।
अपने कार्यकाल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों पर फैसले दिए। इनमें चुनावी बॉन्ड योजना और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से जुड़े मामलों में भागीदारी शामिल है।