टीबी जागरूकता के लिए एडीसी ने प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

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  • जिला को टीबी मुक्त बनाने के लिए आगे आएं सामाजिक संस्थाएं: एडीसी

गुरूग्राम, 22 मार्च। जिला में क्षय रोग (टीबी) के बारे लोगों को जागरूक करने के लिए एडीसी हितेश कुमार मीणा ने तीन प्रचार वाहन को लघु सचिवालय परिसर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वाहन जिलाभर में घूमकर लोगों को टीबी से बचाव के बारे जागरूक करेंगे। एडीसी ने कहा कि टीबी को जड़ से खत्म करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 24 मार्च को विश्व भर में विश्व टीबी दिवस मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि इस साल का थीम यस वी केन एंड टीबी दिया गया है अर्थात हाँ, हम टीबी को ख़त्म कर सकते हैं।

एडीसी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा संकल्प लिया है कि वर्ष 2035 तक विश्व को टीबी मुक्त किया जायेगा तथा भारत को 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि अनेक ऐसे अभियान होते हैं, जिसमें सामाजिक संस्थाओं का सहयोग जरूरी है। ऐसे में टीबी मुक्ति का यह अभियान आमजन की सहभागिता व सामाजिक संस्थाओं के सहयोग के बिना पूरी तरह से सफल नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि जिला को टीबी फ्री बनाने को लेकर जिला में सामाजिक संस्थाओं द्वारा स्वास्थ्य विभाग का बहुत सहयोग किया जा रहा है, जो कि सराहनीय है। उन्होंने सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे लोगों में टीबी से बचाव को लेकर जागरूकता लाएं और टीबी का उपचार ले रहे लोगों की मदद करें।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव ने कहा कि
दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी होना, सांस फूलना, सांस लेने में तकलीफ होना, शाम के दौरान बुखार का बढ़ जाना, सीने में तेज दर्द होना, अचानक से वजन का घटना, भूख में कमी आना, बलगम के साथ खून आना आदि टीवी के लक्षण हैं। रोकथाम के लिए टीबी का मुफ्त जांच, दवाएं, परामर्श सहायता, निक्षय पोषण योजना अंतगर्त सभी टीबी रोगी को उपचार अवधि में पोषण सहायता राशि 500 रुपये प्रतिमाह के दर से देने का भी प्रावधान है। उन्होंने कहा कि जिस किसी नागरिक को यह लक्षण दिखे तो वे तुरंत ही अपनी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर अपनी स्वास्थ्य जांच अवश्य कराएं। इस अवसर पर उप सिविल सर्जन डॉ केशव सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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