– साइबर फ्रॉड संबंधी कॉल का अंदेशा होने पर तुरंत डायल करें 1930 तथा करें अपना बचाव
– ट्रिप मॉनिटरिंग सर्विस को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए जल्द ही किया जाएगा सर्वे, किया जा रहा है प्रोफॉर्मा तैयार
– डीजीपी ने नशा मुक्ति को लेकर प्रदेश में किए जा रहे कार्यों की भी समीक्षा की
चंडीगढ, 6 मार्च। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि यदि आमजन को साइबर अपराध या ऑनलाइन फ्रॉड का अंदेशा होता है तो वे बेझिझक एवं तुरंत हरियाणा पुलिस के हेल्पलाइन नंबर- 1930 पर संपर्क करें। ऐसा करने पर लोग साइबर अपराध से स्वयं का बचाव कर सकते हैं। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति साइबर फ्राॅड का शिकार हो जाए तो जल्द से जल्द इसकी जानकारी हैल्पलाइन नंबर-1930 पर दें क्योंकि शुरूआती कुछ घंटों में साइबर फ्राॅड की गई राशि को ब्लाॅक करने की संभावना अपेक्षाकृत अधिक होती है।
श्री कपूर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। इस दौरान साइबर अपराध को रोकने को लेकर कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि साइबर अपराधियों द्वारा लोगों को अलग-अलग प्रकार के प्रलोभन देते हुए साइबर फ्रॉड का शिकार बनाया जाता है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी कई बार सीबीआई या ईडी का प्रतिनिधि बताकर लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनाते हैं। इसी प्रकार, साइबर अपराधियों द्वारा टीआरएआई अर्थात् ट्राई का प्रतिनिधि बताते हुए फोन नंबर बंद करने का डर दिखाकर लोगों के साथ ठगी की जाती है। कई बार साइबर अपराधी रिश्तेदारों के नाम पर तो कभी टास्क बेस्ड फ्राॅड जैसे वर्क फ्राॅम होम का प्रलोभन देकर लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं।
इसी प्रकार, साइबर अपराधी नौकरी का झांसा देकर, पॉलिसी मैच्योर होने के बारे, फर्जी लिंक भेजकर, केवाईसी अपडेट करने के नाम पर, कोरियर कंपनी का प्रतिनिधि बनकर आदि द्वारा भी साइबर फ्राॅड करतेे हैं। इन तरीकों के बारे में आमजन को जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है। यदि लोगों को इस बारे में कोई भी कॉल अथवा मैसेज प्राप्त होता है तो वे हेल्पलाइन नंबर-1930 पर संपर्क करें और मामले की पुष्टि अवश्य करें अन्यथा उनकी जरा सी लापरवाही उन्हें साइबर फ्रॉड का शिकार बना सकती है।
उन्होंने बताया कि साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए टेलीकॉम कंपनियों से भी संपर्क किया जा रहा है और जल्द ही इसे लेकर कार्ययोजना तैयार करते हुए काम किया जाएगा। इसके अलावा श्री कपूर ने प्रदेश में बनाए गए साइबर थानों की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने जिला पुलिस अधीक्षकों से कहा कि वे साइबर थानों की कार्यप्रणाली की समय-समय पर समीक्षा करते रहें और साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए कार्ययोजना बनाएं। इसके अलावा, साइबर सुरक्षा संबंधी बरती जाने वाली सावधानियों के बारे मे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तथा मैसेज आदि भेज कर उन्हें जागरूक किया जाए ।
बैठक में श्री कपूर ने महिला सुरक्षा को लेकर किए गए कार्यों की भी समीक्षा की। इस दौरान पुलिस अधीक्षकों द्वारा महिला सुरक्षा को लेकर किए गए कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। श्री कपूर ने कहा कि महिलाओं में सुरक्षा को लेकर आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए निर्धारित बिंदुओं जैसे महिलाओं के साथ छेड़छाड़ वाले स्थान को सुरक्षित करना, सीसीटीवी कैमरो के माध्यम से अपराधियों पर नजर रखना, स्कूल, यूनिवर्सिटी तथा कालेज आदि के बाहर मनचलों पर लगाम लगाना तथा शिक्षण संस्थानों में महिलाओं के साथ बातचीत करते हुए उन्हें आ रही समस्याओं के बारे में पता लगाकर उनका समाधान करना आदि पर प्रभावी तरीके से कार्य करें। बैठक में बताया गया कि महिला सुरक्षा को लेकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे कैब तथा ऑटो आदि में लेबलिंग का काम भी लगभग पूरा हो चुका है।
इसके अलावा, प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए ट्रिप मॉनिटरिंग सेवा को भी प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। ट्रिप मॉनिटरिंग सेवा को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सर्वे के लिए प्रोफॉर्मा भी तैयार किया जा रहा है ताकि फीडबैक लेकर इस दौरान आ रही दिक्कतों को दूर किया जा सके। बैठक में यह भी बताया गया कि मनचलों को सबक सिखाने के लिए उनके परिजनों के साथ मिलकर उनकी काउंसलिंग की जानी चाहिए। ऐसे मनचले युवा जो महिलाओं पर फब्तियां कसते हैं उनसे सख्ती से निपटा जाता है। इसके साथ ही, जो लोग महिला विरुद्ध अपराध में सजा काटकर अथवा बेल पर बाहर आए हैं उन्हें लेकर भी संबंधित महिला से फीडबैक लिया जा रहा है कि कहीं महिला को अपराधी द्वारा परेशान तो नहीं किया जा रहा।
इसके अलावा बैठक में नशा मुक्ति अभियान को लेकर किए गए कार्यों की भी समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक प्रदेश को नशा मुक्त बनाने के लिए समय-समय पर ग्राम प्रहरियों तथा वार्ड प्रहरियों की बैठक लें और उनके कार्यों की समीक्षा करते रहें। उन्होंने कहा कि ग्राम तथा वार्ड प्रहरी गांव अथवा वार्ड को एक यूनिट मानते हुए उन्हें नशामुक्त बनाने के लिए कार्य करें। उन्होंने यह भी कहा कि वे नशा बेचने वालों का डाटा बेस तैयार करके नियम अनुसार कार्यवाही करें और नशे के शिकार लोगों का उपचार करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि वे अपने-अपने थानों अथवा चैकियों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले गांवों तथा अन्य क्षेत्रों को चिन्हित करके उसे नशा मुक्ति करें। श्री कपूर ने कहा कि पुलिस अधीक्षक समय-समय पर नशा मुक्ति केंद्रों की चेकिंग करें और यह सुनिश्चित करें कि वहां पर कोई अवैध गतिविधियां न चल रही हों।