हरियाणा में कबूतरबाजी पर लगाम लगाने के लिए विधेयक विधानसभा से पारित :अनिल विज

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– हरियाणा ट्रेवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2024 हुआ पारित 
-कबूतरबाजी के मामलों से निपटने के लिए एसआईटी-1 ने 593 अभियुक्तों को किया गिरफतार
-लगभग एक करोड 81 लाख 57 हजार 800 रूपए किए रिकवर – अनिल विज
-एसआईटी-2 ने अब तक 604 अभियुक्तों को किया गिरफतार
-लगभग 3 करोड 3 लाख 4 हजार रूपए किए रिकवर 
-हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक, 2024 हुआ पारित
चण्डीगढ, 28 फरवरी :  हरियाणा के गृह मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि कबूतरबाजी पर लगाम लगाने के लिए हरियाणा विधानसभा में आज हरियाणा टैªवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2024 पारित किया गया है ताकि भोले-भाले लोग और युवा ऐसे कबूतरबाजों के चंगूल में न फंस सकें।
श्री विज ने कहा कि टैªवल एजेंटों की पारदर्शिता, उत्तरदायित्व, अखण्डता सुनिश्चित करने और उनकी अवैध और कपटपूर्ण गतिविधियों की जांच करने और अंकुश लगाने, हरियाणा राज्य के निवासियों के हितों की रक्षा करने के लिए ढांचा स्थापित करने और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक मामलों के लिए यह विधेयक लाया गया है।
हरियाणा में कबूतरबाजी पर लगाम लगाने के लिए विधेयक विधानसभा से पारित :अनिल विज 2उन्होंने सदन में सदस्यों को अवगत करवाते हुए बताया कि कबूतरबाजी एक गंभीर बीमारी का रूप ले चुकी है जिसके लिए यह विधेयक लाया गया है क्योंकि भोले-भाले लोग टैªवल एंजेंटों के चंगुल फंसकर अपना सब कुछ गवां रहे थे। श्री विज ने बताया कि कबूतरबाजी के मामलों के लिए उनके द्वारा पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती अरोडा की अध्यक्षता में एक एसआईटी-1 गठित की गई थी और इस एसआईटी ने अपने कार्यकाल के दौरान 593 अभियुक्तों को गिरफतार करने में सफलता हासिल की थी तथा कबूतरबाजों से लगभग एक करोड 81 लाख 57 हजार 800 रूपए रिकवर किए थे। गृह मंत्री ने बताया कि इसके बाद गत 17 अप्रैल, 2023 में आईपीएस अधिकारी सिवाश कविराज की अध्यक्षता में एक ओर एसआईटी-2 गठित की गई और इस एसआईटी ने अब तक 604 अभियुक्तों को गिरफतार करके 3 करोड 3 लाख 4 हजार रूपए रिकवर करने में सफलता हासिल की है।
गृह मंत्री ने कहा कि कबूतरबाजी इतनी गंभीर बीमारी है पंरतु इस पर कोई कानून नहीं था। कबूतरबाजों के चंगुल में फंस कर अनेकों युवा बताए गए विदेशों में पहुंच ही नहीं पाए, कईयों का पता ही नहीं है और कई डंकी रूट के माध्यम से फंस जाते हैं तथा पीछे से उनके मां-बाप तडपते हैं। उन्होंने हाल की एक खबर का जिक्र करते हुए कहा कि वे अभी हाल ही में एक खबर देख रहे थे कि टैªवल एजेंटों ने युवाओं को रूस में भेजा परंतु ये रूस में जब पहुंचे तो उन्हें यूके्रन युद्ध में लडाई करने के लिए खडा कर दिया गया है और आज ये युवा वहां पर फंसे हुए हैं।
श्री विज ने बताया कि आज विधानसभा में इस पर लगाम लगाने के लिए सख्त कानून लाया गया है ताकि हमारी तरूणाई का भविष्य सुरक्षित रहें। उन्हांेने बताया कि इस विधेयक के तहत 3 से 10 साल की सजा के प्रावधान और दो से पांच लाख रूपए तक जुर्माना होने के साथ-साथ संपति जब्त करने का प्रावधान भी किया गया है। उन्होंने बताया कि अब कोई भी टैªवल एजेंट बिना पंजीकरण के कार्य नहीं कर सकेंगा। श्री विज ने, उप-मुख्यमंत्री के सुझाव कि ऐसे नकली टैªवल एजेंटों के वित्तीय लेनदेन को भी नियम बनाते समय फ्रीज करने का प्रावधान होना चाहिए, के संबंध में कहा कि उप-मुख्यमंत्री का सुझाव अच्छा है और पर अवश्य ही विचार करके सम्मिलित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि गत दिवस भी युवाओं के भविष्य और समाज को सही दिशा देने के दृष्टिगत सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) हरियाणा संशोधन विधेयक, 2024 पारित किया गया ताकि युवाओं को नशे की लत से दूर रखते हुए उन्हें बर्बादी से बचाया जा सकें।
हरियाणा ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2024
ट्रैवल एजेंटों की पारदर्शिता, उत्तरदायित्व, अखण्डता सुनिश्चित करने और उनकी अवैध और कपटपूर्ण गतिविधियों की जांच करने और अंकुश लगाने, हरियाणा राज्य के निवासियों के हितों की रक्षा करने के लिए ढांचा स्थापित करने और उससे सम्बन्धित या उसके आनुषंगिक मामलों के लिए विधेयक, हरियाणा ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन अधिनियम, 2024 कहा जाएगा।
हरियाणा के निर्दोष और बेरोजगार युवाओं को नाजायज तरीकों से बड़े पैमाने पर अवैध अप्रवास के जाल में फंसाया जा रहा है। बेईमान और अपंजीकृत ट्रैवल एजेंट ऐसे व्यक्तियों को विदेशों में आसान और त्वरित आप्रवासन का वादा करके धोखा देते हैं। ये एजेंट विदेशों में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से प्रस्ताव पत्र के जरिए वर्क वीजा, वर्क परमिट, स्टडी वीजा की व्यवस्था करने का वादा करते हैं, लेकिन कई मामलों में, वे अपने वादे पूरे करने में विफल रहते हैं। कई मामलों में, ये एजेंट नकली प्रस्ताव पत्र प्रदान करते हैं और कभी-कभी नकली या गैर-मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज भी बनाते हैं। वे अत्यधिक फीस वसूलते हैं और विभिन्न चरणों में बड़ी रकम की मांग करते हैं। कई बार ये एजेंट निर्दोष व्यक्तियों को अवैध तरीके से विदेश भेज देते हैं और ऐसे लोगों को उन देशों की पुलिस पकडकर सलाखों के पीछे डाल देती है, इसलिए ऐसे ट्रैवल एजेंटों की अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने की सख्त जरूरत है।
जनता के व्यापक हित में, एक कानून यानी ‘हरियाणा ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन अधिनियम, 2024’ जो कि ट्रैवल एजेंटों की गैरकानूनी और धोखाधड़ी वाली गतिविधियों की जांच एवं निगरानी करने, ऐसे लोगों को दंडित करने, कानून के अनुसार गलत काम करने वालों के लिए एक तंत्र की स्थापना करेगा और उससे जुड़े या उसके आनुषंगिक मामलों के लिए यह आवश्यक है।
हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक, 2024
हरियाणा राज्य में शव के बुनियादी मानवाधिकारों को बनाए रखने और शव के सम्मानपूर्वक अंतिम निपटान के लिए और उससे सम्बन्धित और आनुषंगिक मामलों के लिए विधेयक को संशोधित करने के लिए हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक, 2024 पारित किया गया।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निहित जीवन का अधिकार के दायरे में ‘मृतकों के अधिकार और सम्मान’ भी शामिल हैं। भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गरिमा और उचित व्यवहार का अधिकार न केवल जीवित व्यक्ति को बल्कि उसकी मृत्यु के बाद उसके शरीर को भी प्राप्त है। मृतकों के प्रति आदर और सम्मान मानवीय गरिमा की पहचान है। मृत व्यक्ति के अधिकार और सम्मान को ध्यान में रखते हुए किसी को भी मृत शरीर का समय पर अंतिम संस्कार न करके किसी भी विरोध या आंदोलन के माध्यम से किसी भी मांग को उठाने या आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक हो गया है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन के लिए किसी शव का स्वयं उपयोग न करे या उपयोग करने की अनुमति न दे।
यह विधेयक ‘हरियाणा शव का सम्मान जनक निपटान अधिनियम, 2024’ एक मृत शरीर के गरिमापूर्ण और समय पर अंतिम संस्कार के लिए प्रावधान करता है और यदि परिवार के सदस्य किसी शव को अस्वीकार कर देते है और जिससे वह अंतिम संस्कार से वंचित हो जाता है तो सार्वजनिक प्राधिकरण द्वारा ऐसे शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा और उससे जुड़े या उसके आनुषंगिक मामलों के लिए यह आवश्यक है। इसलिए यह बिल लाया गया है।

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