किसानों के खेत में ड्रोन से होगा नैनो यूरिया का छिड़काव, पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी

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प्रति एकड़ सौ रुपये का किसान को करना होगा भुगतान, सरकार मुफ्त में उपलब्ध करवा रही ड्रोन की सुविधा

हर जिले में उपलब्ध होगी सुविधा, कृषि अधिकारी करेंगे किसानों को जागरूक, लक्ष्य भी किया गया निर्धारित

नई दिल्ली, 18 जनवरी : प्रदेश सरकार ने किसान हित में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए यूरिया के छिड़काव में ड्रोन तकनीक उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है। सरकार ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि हर किसान के खेत तक यह सुविधा पहुंचनी चाहिए ताकि उसका लाभ प्रदेश के सभी किसानों तक पहुंच पाए। यहां यह गौरतलब है कि सरकार नैनो यूरिया के छिड़काव के लिए किसानों की राह आसान बना रही है। प्रदेश में मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 2023-24 के अगस्त माह तक खरीफ फसल के लिए 8.87 लाख किसानों द्वारा पंजीकरण करवाया गया है। प्रदेश की 60.40 लाख एकड़ भूमि का पोर्टल पर पंजीकरण हो चुका है।

किसानों के खेत में ड्रोन से होगा नैनो यूरिया का छिड़काव, पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी 2


प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल कृषि क्षेत्र में ड्रोन तकनीक को बढ़ावा दे रहे है। साथ ही महिलाओं को भी ड्रोन तकनीक में प्रशिक्षित किया जा रहा है।नैना यूरिया का छिड़काव ड्रोन से करने की सुविधा सभी को उपलब्ध करवाने का फैसला लेते हुए उसे किसानों को बड़े पैमाने पर उपलब्ध करवाने की सरकार ने तैयारी कर ली है। प्रत्येक जिले में नैना यूरिया का छिड़काव अब ड्रोन से करवाने की सुविधा उपलब्ध रहेगी। कोई भी किसान इसके लिए आवेदन कर सकता है। यह आवेदन आनलाइन पंजीकरण से ही हो पाएगा। इसके लिए किसान को अपने मोबाइल या फिर सीएससी सेंटर से मेरी फसल मेरा ब्यौरा के पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। इस पंजीकरण के दौरान ही उसे नैनो यूरिया के लिए भी आवेदन करना होगा और आनलाइन आवेदन के साथ ही फीस भी जमा करवानी होगी।

प्रति एकड़ सौ रुपये ही देना होगा शुल्क

प्रवक्ता के अनुसार किसान को ड्रोन से छिड़काव के लिए प्रति एकड़ सौ रुपये का शुल्क देना होगा। उदाहरण के लिए किसान पांच एकड़ में छिड़काव करना चाहता है तो उसे पांच सौ रुपये का शुल्क देना होगा। ड्रोन कृषि विभाग की ओर से निशुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है। इस समय किसानों द्वारा सरसों व गेहूं में यूरिया का छिड़काव किया जा रहा है। किसान बड़ी संख्या में नैनो यूरिया का प्रयोग भी कर रहे हैं। विभाग की ओर से नैनो यूरिया भी किसानों को उपलब्ध करवा जा रहा है।

कृषि विभाग को जिलों के आधार पर मिले लक्ष्य

सरकार ने इस तकनीक को जल्द किसान तक पहुंचाने के लिए प्रत्येक जिले का लक्ष्य निर्धारित किया है। एक जिले की बात करें तो पलवल जिले में ड्रोन से नैनो यूरिया का छिड़काव चार हजार एकड़ में करने का लक्ष्य रखा गया है। पलवल के कृषि उपनिदेशक डा. बाबू लाल ने बताया कि सबसे पहले पोर्टल पर किसान को पंजीकरण करना होगा और इसके बाद सौ रुपये प्रति एकड़ के शुल्क भुगतान के साथ ड्रोन की सुविधा विभाग द्वारा निशुल्क प्रदान की जाएगी। किसान यह जानकारी विभाग के एडीओ को देगा। शुल्क भुगतान करने वाले किसान के खेत में ड्रोन से नैनो यूरिया का छिड़काव विभाग द्वारा करवाया जाएगा।

जागरूकता के लिए किसानों के बीच जाएंगे अधिकारी

प्रवक्ता ने बताया कि इस योजना को ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी कृषि विभाग को सौंपी गई है। इस विभाग के अधिकारी हर गांव तक किसानों को जानकारी उपलब्ध करवांएगे और उन्हें कम समय में यूरिया के छिड़काव व नैनो यूरिया के लाभ बताएंगे। इससे किसान का छिड़काव में लगने वाला समय कम होगा। प्रत्येक जिले में किसानों को जागरूक करने के लिए गांव स्तर पर तैनात एडीओ इसका प्रचार कर रहे है। उन्हें योजना की ज्यादा से ज्यादा जानकारी किसानों के साथ सांझा करने को कहा गया है।

ड्रोन से किसानों को मिलेंगे कई फायदे

प्रवक्ता ने बताया कि एक बारी में ड्रोन 10 लीटर तक लिक्विड लेकर उड़ सकता है और इससे आसानी से खेतों में स्प्रे किया जा सकता है।
फसल में यूरिया के छिड़काव को एक जगह खड़े होकर ड्रोन की सहायता से कम समय में अधिक दूरी तक पहुंचाया जा सकता है।
अहम बात यह है कि स्प्रे का दुष्प्रभाव भी मानव शरीर पर नहीं पड़ेगा।
एक दिन में आसानी से 20 से 25 एकड़ में किसान कीटनाशक स्प्रे का छिड़काव भी ड्रोन की मदद से कर सकता है। खेतों में स्प्रे करते समय जहरीले जीव जन्तु के काटने का डर भी नहीं रहेगा। साथ ही किसान को खेत में फसल के बीच नहीं जाना पड़ेगा और फसल के टूटने का खतरा भी नहीं रहेगा।

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