उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू कल्याण सिंह की 92वीं जयंती मनाई
राष्ट्रवादी मातेश्वरी अहिल्याबाई होल्कर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेन्द्र विक्रम ने कल्याण सिंह के योगदान को अतुलनीय बताया
समाज के सभी वर्गों के प्रमुख लोगों ने दी श्रद्धांजलि
बरेली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू कल्याण सिंह की 92वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर राष्ट्रवादी मातेश्वरी अहिल्याबाई होल्कर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेन्द्र विक्रम ने बाबू जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए रामजन्म भूमि के संघर्ष में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका और योगदान को याद किया। उन्होंने जयंती समारोह को सम्बोधित करते हुए प्रदेश सरकार से अयोध्या धाम में बाबू जी की आदमकद भव्य मूर्ति स्थापित करवाने की मांग की। इस पर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए। उनके व्यक्तित्व से आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरणा मिलती रहेगी।
उल्लेखनीय है कि पूर्व सीएम कल्याण सिंह का जन्म प्रत्येक पांच जनवरी को मनाया जाता है। इस बार उनका जन्मदिवस लखनऊ में धूमधाम से मनाया जा रहा है। बरेली में आयोजित जयंती समारोह में राष्ट्रवादी मातेश्वरी अहिल्याबाई होल्कर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेन्द्र विक्रम ने कहा कि अयोध्या में विवादित ढांचे को ढहाने की घटना के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे बाबू जी की बदौलत आज अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना संभव हो सकी है। उन्होंने अपने मुख्यमंत्री पद की चिंता किये बिना विवादित ढांचे को ढहा रहे कार सेवकों, स्वयंसेवकों और लाखों रामभक्तों पर केंद्र सरकार के गोली चलवाने के आदेश को मानने से इनकार कर दिया था। परिसर में तैनात केंद्रीय बालों को कार्रवाई करने का आदेश नहीं दिया था। इसी का परिणाम आज हमारे सामने है। अन्ततः उनकी पूर्ण बहुमत वाली सरकार को तत्कालीन कांग्रेस पार्टी की नरसिम्हा राव सरकार ने बर्खास्त कर दिया था।
शैलेंद्र विक्रम ने कहा कि उन्होंने हिंदू संस्कृति की रक्षा के लिए अपनी सरकार की शहादत दी। उन्होंने प्रदेश सरकार से उनके योगदान को सदियों तक यादगार बनाने के लिए अयोध्या धाम में पूर्व मुख्यमंत्री बाबू कल्याण सिंह जी की आदम कद प्रतिमा की स्थापना करवानी चाहिए। उनसे हमारी आने वाली पीढ़ियां सदैव प्रेरणा लेती रहेगी क्योंकि उत्तर प्रदेश के निर्माण में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
कल्याण सिंह के उदार व्यक्तित्व के एक संस्मरण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मसीहा कोई एक दिन में नहीं बन जाता। सालों साल लग जाते हैं। त्याग, तपस्या और सादगी की भट्टी में तप कर ही कोई कुंदन बनते हैं। ऐसे महान व्यक्तित्व के धनी बाबूजी अपनी सादगी के लिए भी मिसाल हैं। उन्होंने बताया कि जुलाई 1971 में लोकसभा चुनाव के दौरान वे एटा लोकसभा चुनाव के लिए पटियाली जा रहे थे। कार्यकर्ताओं को आने में देर हो गई तो स्वयं पदयात्रा करते हुए गंतव्य की ओर चल दिए। रास्ते में पदाधिकारी ने देखा की बाबूजी पैदल चले आ रहे हैं तो उनको बहुत ग्लानि महसूस हुई । बाबूजी ने मुस्कुराते हुए कहा अरे कोई बात नहीं समय का सदुपयोग करना चाहिए। ऐसे थे हमारे बाबू कल्याण सिंह जी।
शैलेन्द्र विक्रम ने जोर देते हुए कहा कि हिंदुत्व की रक्षा करने वाले पिछड़ों के मसीहा बाबू कल्याण सिंह जी का योगदान अतुल्य रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में राम मंदिर में भगवान श्रीराम की होने वाली प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर बाबू कल्याण सिंह की भव्य एवं दिव्य प्रतिमा अयोध्या में स्थापित हो ऐसी मांग सरकार से हमारा संगठन करता है।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में पहुंचे समाज के विभिन्न वर्गों के प्रमुख समाजसेवियों एवं संगठन के कार्यकर्ताओं बाबू कल्याण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी।