गुरुग्राम : मुख्यमंत्री मनोहर लाल आज अचानक गुरुग्राम पहुंचे और शहर की सफाई व्यवस्था का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कन्हई रोड पर सफाई व्यवस्था देख रही एजेंसी पर गैरजिम्मेदाराना रवैये के लिए 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाने के निर्देश दिए . उन्होंने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए निगम कमिशनर के 15 दिन के वेतन जबकि ज्वाईंट कमीश्नर की 1 महीने की सैलरी काटने के निर्देश दिए . सीएम ने 1 सप्ताह तक शहर की सफ़ाई व्यवस्था ठीक करने को भी कहा है.
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुग्राम में बदहाल सफाई व्यवस्था को लेकर सफ़ाई कर्मचारियों के सुपरवाइज़र से लेकर ज्वाइंट कमिश्नर तक पर जुर्माना लगाया है . खबर है कि सफाईकर्मियों के सुपरवाइज़र पर 10 रुपये,फिल्ड ऑफ़िसर अजय कुमार पर एक हज़ार रुपये,एडिशनल सैनेटरी इंस्पेक्टर पर दो हज़ार रुपये, सीनियर सेनेटरी इंस्पेक्टर पर तीन हज़ार रुपया और ज्वाईंट कमिश्नर संजय सिंगला पर 5000 रुपया का जुर्माना लगाया है. अगले तीन दिन में सफाईकर्मियों की सैलरी रिलीज़ करने का भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया.
उल्लेखनीय है कि शहर की सफाई और सीवर व्यवस्था की बदहाली को लेकर पिछले छह माह से अभी अधिक समय से शिकायतें मिल रही थीं. पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने प्रदेश के मुख्यसचिव और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में भी इसे दुरुस्त करने नसीहत दी थी. उन्होंने सफाई व्यवस्था में कोताही बरतने वाली एजेंसियों एवं अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी.
समझा जाता है कि गुरुग्राम शहर से मिलने वालीसैकड़ो शिकायतों के मध्य नजर आजप्रदेश के मुख्यमंत्री ने औचक निरीक्षण कर गुरुग्राम नगर निगम क्षेत्र में सफाई व्यवस्था का जायजा लिया.उन्हें लोगों की शिकायतों की अनुरूप ही संबंधित इलाके में बदतर हालत दिखे. कन्हई रोड ही नहीं साथ लगते अन्य सड़कों मैं भी जगह-जगह कूड़े की ढेर पड़े हुए मिले. बताया जाता है कि सफाई के लिए अधिकृत एजेंसी के कर्मी भी मौके से नदारत थे.मुख्यमंत्री ने मौके पर ही संबंधित एजेंसी पर ₹100000 का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया.
जनता त्रस्त है और इस दुर्व्यवस्था से प्रदेश सरकार की छवि धूमिल हो रही है क्योंकि पिछले 30 वर्षों में कभी गुरुग्राम के लोगों ने सफाई को लेकर इतनी अव्यवस्था नहीं देखी थी .
गुरुग्राम नगर निगम की लापरवाही की वजह से आज भी जगह-जगह कूड़े के अंबार लगे हुए हैं. जहां देखों हर सड़क में कूड़ा ही नजर आता है. शहर की कोई ऐसी गली या सड़क नहीं है, जहां कूड़े के ढेर नजर न आए. गुरुग्राम में काफी दिन से अनियमित और नियमित सफाई कर्मियों की हड़ताल के कारण यह व्यवस्था चरमरा गई थी . निगम के अधिकारी और जिला प्रशासन लगातार दावे करते रहे लेकिन न तो सफाई कर्मियों की हडताल समाप्त हो पाई और न ही कोई मुक्कमल वैकल्पिक व्यवस्था.
नगर निगम के अधिकारियों ने एक तरफ नए गुरुग्राम में सफाई का दावा किया वहीं पुराने गुरुग्राम को राम भरोसे छोड़ दिया है. लगभग दो माह से अधिक समय तक तो डोर टू डोर कूड़े उठाने वाली गाडी भी नहीं आई.इसलिए लोगों ने घरों के कूड़े सडकों और खाली प्लाट में फेंकने शुरू कर दिये जिससे हर मोड़ पर कूड़े के अम्बार लगने लगे. यह शहर नरक में तब्दील होते दिखा और अधिकारियों की फ़ौज बैठकों की ओपचारिक्ताओं में व्यस्त रही लेकिन सफाई कर्मी को काम लौटाने में पूरी तरह विफल रहे..
गुरुग्राम के प्रमुख बाजार सदर बाजार समेत स्कूल,कॉलेज, अस्पताल और मंदिर सहित अन्य सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी का साम्राज्य बन गया. यहाँ तक कि इस बार नवरात्र, दशहर और दिवाली भी सड़ांध मारती गंदगी के बीच ही मनाई गई. गुरुग्राम नगर निगम के सफाई कर्मचारी लगातार हड़ताल पर अड़े रहे और निगम के अधिकारी सफाई अभियान चलाने का दावा ठोंकते रहे जबकि आम नागरिक कूड़े के ढेर पर चलने को मजबूर रहे. सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई. हड़ताली कर्मचारियों व सरकार के बीच ठनी रही.
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लंबे समय से सफाई कर्मचारियों की हड़ताल को देखते हुए नगर निगम गुरुग्राम ने शहर में अपने स्तर पर सफाई करवाना शुरू किया. नए गुरुग्राम में सफाई व्यवस्था में सुधार दिखा लेकिन पुराना शहर आज भी गंदगी से अटा पड़ा है. सदर बाजार, भीम नगर , जैकम पूरा, न्यू कालोनी , अर्जुन नगर , खांडसा रोड, न्यू रेलवे रोड, ओल्ड रेलवे रोड, बस अड्डा, शीतला माता रोड, पालम विहार रोड, लक्ष्मण विहार, अशोक विहार, शीतला कालोनी, भीमगढ़ खेरी, रेलवे स्टेशन , राजेन्द्र पार्क, विष्णु गार्डेन, आनंद गार्डेन न्यू पालम विहार, सूरत नगर, दौलताबाद रेलवे क्रोसिंग और फ्लाईओवर के नीचे एवं बझघेरा रोड बाजार सहित दर्जनों कालोनियों व सडकों में सैकड़ों टन कूड़े पड़े हुए हैं लोगों को आने जाने में भी कठिनाई हो रही है. निगम के अधिकारी दवा करते थकते नहीं कि जॉइंट कमिशनर से लेकर सफाई इंस्पेक्टर तक सभी फिल्ड में जाकर सफाई व्यवस्था की मोनिटरिंग कर रहे हैं.