नई दिल्ली : केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री, पीयूष गोयल ने कल नई दिल्ली के वाणिज्य भवन में तीन दस्तावेज, जिनके नाम हैं, “पीएम गतिशक्ति का संग्रह: खंड-II”, “पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान पर भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का संग्रह” और “जिला कलेक्टरों के लिए हैंडबुक: क्षेत्र विकास दृष्टिकोण के लिए पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान” जारी किए।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह, डीपीआईआईटी की विशेष सचिव (लॉजिस्टिक्स) सुमिता डावरा, बीआईएसएजी-एन के महानिदेशक टी.पी. सिंह, नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप के सदस्य और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी विमोचन के दौरान उपस्थित थे।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले दो वर्षों में पीएम गतिशक्ति के तहत किए गए प्रयासों और महत्वपूर्ण उपलब्धियों के प्रचार-प्रसार के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने एकीकृत डेटा-संचालित तंत्र के माध्यम से महत्वपूर्ण समस्याओं के समाधान, समयबद्ध तरीके से परियोजना योजना और कार्यान्वयन में लागत प्रभावशीलता सुनिश्चित करने और त्वरित एनओसी अनुमोदनों और भूमि अधिग्रहण में पीएम गतिशक्ति एनएमपी के लाभों को रेखांकित किया।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने अवसंरचना, आर्थिक और सामाजिक मंत्रालयों/विभागों को शामिल करने पर जोर दिया, जिन्होंने पीएम गतिशक्ति सिद्धांतों पर संपूर्ण क्षेत्रों की समग्र और एकीकृत योजना को सक्षम बनाया है। उन्होंने बल देकर कहा कि इन तीन दस्तावेजों के विमोचन से हमारे देश की बुनियादी ढांचा योजना अधिक समकालिक हो जाएगी और इससे भारत की लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार करने में मदद मिलेगी।
डीपीआईआईटी के सचिव राजेश कुमार सिंह ने हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर और सॉफ्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जिला/स्थानीय मूल स्तर पर क्षेत्र नियोजन के संदर्भ में किए गए उल्लेखनीय सुधार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन दस्तावेजों से सभी हितधारकों को लाभ होगा और एकीकृत योजना बनाने, तदर्थ मुद्दों को खत्म करने और केंद्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर पर सभी प्रासंगिक हितधारकों के बीच तालमेल लाने में सहायता मिलेगी।
डीपीआईआईटी की विशेष सचिव (लॉजिस्टिक्स) श्रीमती सुमिता डावरा ने अपनी आरंभिक टिप्पणी में रेखांकित किया कि डीपीआईआईटी के लॉजिस्टिक्स प्रभाग ने डेटा स्वामित्व और गुणवत्ता प्रबंधन तथा पीएमजीएस के उपयोग के मामलों से संबंधित ठोस प्रयास किए हैं। पिछले सप्ताह में, इनमें से कई पहलें अपने लक्ष्य तक पहुंचने में सफल रही हैं। इनमें शामिल हैं (i) “भारत में लॉजिस्टिक्स लागत: आकलन और दीर्घकालिक रूपरेखा” पर रिपोर्ट जारी करना; (ii) “विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक्स ईज (लीड्स) – 2023” का विमोचन; (iii) नई दिल्ली में बीआईएसएजी-एन कार्यालय-सह-प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन। उन्होंने इस पर भी जोर दिया कि विमोचन किए गए तीनों दस्तावेज़ पीएम गतिशक्ति में हितधारकों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को युक्तिसंगत बनाएंगे, जिला/स्थानीय स्तर पर क्षेत्र विकास योजना की सुविधा प्रदान करेंगे और हितधारकों के बीच परस्पर ज्ञान को बढ़ावा देंगे।
“पीएम गतिशक्ति का संग्रह: खंड II”
पीएम गतिशक्ति के लॉन्च के दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, 13 अक्टूबर, 2023 को एक “पीएम गतिशक्ति का संग्रह” जारी किया गया था। इसकी निरंतरता में विविध क्षेत्रों में विभिन्न संबंधित मंत्रालयों और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा पीएम गतिशक्ति एनएमपी को अपनाने के 11 सफल उपयोग के मामलों को प्रदर्शित करने के लिए एक दूसरा संस्करण “पीएम गतिशक्ति का संग्रह: खंड-II” विकसित किया गया है। ।
इन मामलों में परियोजनाओं, जिसमें बरेली, गोरखपुर और सिलीगुड़ी को जोड़ने वाले हाई-स्पीड राजमार्ग का निर्माण; बेंगलुरु में शहरी भीड़ को व्यवस्थित करने; और कनेक्टिविटी में सुधार लाने और समुदायों को सशक्त बनाने के लिए अरुणाचल प्रदेश में पर्यटन पहल की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है ।
यह पीएम गतिशक्ति को अपनाने के लाभों को रेखांकित करता है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ त्वरित निर्णय लेना, एकीकृत योजना बनाना, समय और लागत में वृद्धि को कम करना तथा मैन्युअल योजना निर्माण प्रक्रियाओं को डिजिटल टूल से बदलना शामिल है। संग्रह का लक्ष्य एक मूल्यवान संसाधन बनना है, जो व्यापार करने में सरलता और जीवनयापन में सुगमता लाने के लिए सभी हितधारकों के बीच परस्पर सीखने की सुविधा प्रदान करता है।
“जिला कलेक्टरों के लिए हैंडबुक: क्षेत्र विकास दृष्टिकोण के लिए पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान”
चूंकि, पीएम गतिशक्ति व्यापक क्षेत्र-आधारित सामाजिक-आर्थिक विकास पर बल देती है, इसलिए जिला/स्थानीय स्तर की योजना में इसे अपनाया जाना आवश्यक है। जिला स्तर के अधिकारियों को शामिल करने की सुविधा के लिए “जिला कलेक्टरों के लिए हैंडबुक: क्षेत्र विकास दृष्टिकोण के लिए पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान” का भी विमोचन किया गया।
यह पुस्तिका क्षेत्र विकास योजना के सिद्धांतों और वांछित उद्देश्यों की प्राप्ति में जिला/स्थानीय स्तर के प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका का विस्तृत अवलोकन प्रदान करती है।
एक व्यापक मार्गदर्शिका के रूप में, यह पीएम गतिशक्ति को जिला स्तर पर निर्बाध रूप से अपनाने के लिए सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचे की योजना और कार्यान्वयन में शामिल जिला/स्थानीय स्तर पर हितधारकों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों की पूरी समझ प्रदान करता है। यह आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम जैसी केंद्र/राज्य सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
“पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान पर भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का संग्रह”
कार्यक्रम के दौरान, “पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान पर भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का एक संग्रह” का भी विमोचन किया गया, जिसे मंत्रालयों/राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में वितरित किया जाएगा। यह संबंधित मंत्रालयों/विभागों, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों, बीआईएसएजी-एन और लॉजिस्टिक्स प्रभाग सहित हितधारकों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का विवरण प्रदान करता है।
यह दस्तावेज़ प्रत्येक मंत्रालय/विभाग/राज्य/केंद्रशासित प्रदेश द्वारा डेटा प्रबंधन मानकों को स्थापित करने के लिए एक चेकलिस्ट के निर्माण पर जोर देने के जरिये स्पष्टता, सहयोग और कुशल डेटा प्रबंधन प्रथाओं, गुणवत्ता और अद्यतन तंत्र, डेटा संपादन, डेटा इंटरऑपरेबिलिटी, डेटा संवेदनशीलता, एनएमपी प्लेटफ़ॉर्म की साइबर सुरक्षा आदि को बढ़ावा देने के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में कार्य करेगा।