प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना में किसको बताया अपना नेता ?

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सिकंदराबाद :   प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सिकंदराबाद में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कांग्रेस और तेलांगना में सत्तारूढ़ बी आर एस पार्टी को एक ही सिक्के के दो पहलू बताते हुए जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बी आर एस की तरह ही कांग्रेस का इतिहास भी दलितों से, पिछड़ों से नफरत का रहा है।  इस रैली का आयोजन मडिगा रिजर्वेशन पोराटा समिति ने किया था. उन्होंने कहा कि इन दलों द्वारा दलितों का आपमान करने का एक बड़ा उदाहरण बाबू जगजीवन राम थे, जिन्हें कांग्रेस के अपमान का सामना करना पड़ा।

पीएम नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना में अनुसूचित जाति के सबसे बड़े घटकों में से एक मडिगा समुदाय की रैली को संबोधित किया। इस रैली को संबोधित करने के बाद मंच पर कुछ ऐसा हुआ जो चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, मंच पर एम् आर पी एस प्रमुख मंदा कृष्णा मडिगा भावुक हो गए और रोने लगे। पीएम मोदी ने उन्हें गले लगा लिया और सांत्वना दी। उन्होंने अपने भाषण में कृष्णा मडिगा की जमकर तारीफ़ की और उन्हें अपना नेता मानने की घोषणा कर दी.  जाहिर उनका यह अप्रत्याशित कदम  उस समुदाय में मजबूत पैठ बनाने की एक कोशिश है . पीएम ने अपने भाषण में स्वयं को कृष्णा मडिगा का असिटेंट बता दिया और उसे गले लगाकर सबको चौका दिया. उन्होंने उसके संघर्ष की खुलकर तारीफ़ की और इस समुदाय को ब्याय दिलाने के लिए पुरजोर कोशिश करने का वायदा किया .

जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बल देते हुए कहा कि जब बीजेपी ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया, तो कांग्रेस ने उन्हें हराने के लिए पूरी ताकत लगा दी और जब वे राष्ट्रपति बने तो भी कांग्रेस ने उनका तिरस्कार किया।  उनका कहना था कि जब बीजेपी ने एक महिला को भारत का पहला आदिवासी राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव रखा, तो कांग्रेस ने श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी का भी विरोध किया।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना में किसको बताया अपना नेता ? 2उन्होंने कहा कि जब दलित सरकारी अफसर हीरालाल सामरिया को चीफ इन्फॉर्मेशन कमिश्नर बनाया गया, तो कांग्रेस ने उनका शपथ समारोह का भी विरोध किया। कांग्रेस नहीं चाहती थी एक दलित अफसर इतना बड़ा सरकारी पद पर जाए। हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता गरीबों का कल्याण और वंचितों को प्राथमिकता है…पीएम ने कहा कि हम सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम श्री गुर्रम जशुवा और उनके सामाजिक न्याय के कार्यों को अपनी प्रेरणा मानते हैं। अपने साहित्य में उन्होंने एक दलित भाई का चित्रण किया है जिसने अपनी दुर्दशा बाबा विश्वनाथ से साझा की थी..

इस अवसर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलांगना में एम् आर पी एस प्रमुख मंदा कृष्णा मडिगा की जमकर तारीफ़ की . उन्होंने कहा कि कृष्णा ने पिछले कई दशक से जो आन्दोलन राज्य में चलाया है वह उसके कायल हैं. उन्होंने कृष्णा के माता पिता की चर्चा करते हुए प्रशंसा की. उन्होंने यहाँ तक कहा कि आज से कृष्णा उनके नेता हैं और वे तेलांगना में कृष्णा के असिस्टेंट के रूप में काम करेंगे . इस पर जनसभा में मौजूद हजारों की भीड़ ने उनकी बात का जोरदार समर्थन किया. पीएम मोदी ने एम् आर पी एस प्रमुख मंदा कृष्णा मडिगा को अपने भाषण के बाद बारम्बार गले लगाया और कृष्णा भी भावुक होते दिखे. 

पीएम की इस घोषणा ने जनसभा में मंच पर मौजूद केन्द्रीय मंत्री जी कृष्णा रेड्डी सहित कई प्रमुख नेताओं को चौका दिया. इस पर जनसभा में जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली क्योंकि उन्होंने भीड़ से मोबाइल की लाइट ऑन करवा कर कृष्णा का समर्थन करने की अपील की जिसका लोगों ने खूब समर्थन किया.  इस दौरान दोनों लोगों को आपस में बात करते देखा गया। वहीं पीएम से बात करते करते अचानक मडिगा भावुक हो गए और रो पड़े। इसके बाद पीएम ने मडिगा का हाथ पकड़कर उन्हें सांत्वना दी। साथ ही पीएम मोदी ने उन्हें गले भी लगाया। बता दें कि इस रैली का आयोजन मडिगा रिजर्वेशन पोराटा समिति ने किया था । प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना में किसको बताया अपना नेता ? 3

यह रैली राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। एमआरपीएस मडिगा समुदाय के लोगों पर खासा प्रभाव रखता है। वहीं, तेलंगाना में अनुसूचित जाति में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी मडिगा समुदाय की है। ये करीबन 60 फीसदी है। इतना ही नहीं राजनीतिक जानकारों का यह भी दावा है कि राज्य की 20 से 25 विधानसभा सीटों पर मडिगा समुदाय ही परिणाम तय करने वाली भूमिका में हैं।

रैली में उन्होंने कहा कि 10 साल पहले यहां बनी सरकार तेलंगाना के गौरव और सम्मान की रक्षा करने में सक्षम नहीं थी। दुनिया तेलंगाना के लोगों की क्षमताओं की सराहना करती है। हालाँकि, तेलंगाना सरकार ने लोगों को निराश किया है। इन दस वर्षों में, तेलंगाना सरकार ने मडिगा समुदाय सहित सभी को धोखा दिया…

पीएम ने कहा कि आंदोलन के समय लोगों से वादा किया गया था कि किसी दलित को तेलंगाना का पहला सीएम बनाया जाएगा. हालाँकि, राज्य के गठन के बाद केसीआर सीएम बने और इस तरह उन्होंने दलितों की आकांक्षाओं को कुचल दिया। बीआरएस ने दलितों को जमीन देने का वादा किया. उन्होंने दलित बंधु योजना के तहत पैसा देने का वादा किया.

 

 

उनका कहना था कि बीआरएस दलित विरोधी है और कांग्रेस भी उन्हीं की तरह है। बीआरएस ने नए संविधान की मांग करके बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान किया। कांग्रेस का भी यही इतिहास है. कांग्रेस ने बाबा साहेब को दो बार चुनाव नहीं जीतने दिया.

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