बिहार के अररिया में लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया को मिला आवासीय भवन, गृह मंत्री ने किया उदघाटन

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अररिया / बिहार :  केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज बिहार के अररिया में लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (LPAI) की जोगबनी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट पर 27 करोड़ रूपए की लागत से नवनिर्मित आवासीय भवनों का उद्घाटन किया। उन्होंने बथनाहा में सशस्त्र सीमा बल (SSB) के 35 करोड़ की लागत से नवनिर्मित कार्यालय भवनों का वर्चुअल उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, सचिव सीमा प्रबंधन, अतुल दुल्लो, महानिदेशक, सशस्त्र सीमा बल, रश्मि शुक्ला और अध्यक्ष, लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, आदित्य मिश्रा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज भारत के वीर सपूत परमवीर चक्र विजेता श्री तारापोर जी की पुण्यतिथि है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने परमवीर चक्र विजेता तारापोर जी की स्मृति में अंडमान निकोबार में एक द्वीप का नाम तारापोर द्वीप रखकर भारत के नक्शे पर हमेशा के लिए श्री तारापोर जी की स्मृति को अंकित करने का काम किया है।

अमित शाह ने कहा कि बिहार में घुसपैठ, भूमि पर कब्जा करना और अवैध व्यापार आदि सीमा संबंधित कई मुद्दें हैं। गृह मंत्री ने कहा कि सीमांत क्षेत्रों की सभी समस्याओं का हल केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर तुष्टिकरण की नीति के बिना कठोर कदमों के साथ कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में इन सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि भारत 15 हज़ार किलोमीटर से अधिक लंबी भूमि सीमा पड़ोसी देशों के साथ साझा करता है। इस भूमि सीमा का उपयोग ना केवल व्यापार बढ़ाने बल्कि पड़ोसी देशों के साथ सांस्कृतिक, सामाजिक और व्यापारिक संबंधों को सुदृढ़ करने के लिए भी किया जा सकता है। श्री शाह ने कहा कि इसी दिशा में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया को अधिक सक्षम बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। आने वाले 5-6 साल में इस अथॉरिटी के सभी संस्थान भारत के पड़ोसी देशों की सीमा पर हमारे सांस्कृतिक और वाणिज्यिक राजदूत की तरह भी काम करेंगे। उन्होंने कहा कि लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया हमारे पड़ोसी देशों के लिए भारत का पहला संवाद केन्द्र है। आधुनिक सुविधाओं और तकनीक का इस्तेमाल करना और आवागमन व व्यापार को सुचारू रूप से चलाने के लिए सक्षम व्यवस्था खड़ी करना ही लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया का उद्देश्य है।

श्री शाह ने कहा कि आज लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा जोगबनी में सुरक्षाकर्मियों और अन्य कर्मियों के लिए 27 करोड़ रूपए की लागत से बने आवासों का लोकार्पण हुआ है। इसके अलावा एसएसबी, बथनाहा में 35 करोड़ रूपए की लागत से बने कार्यालय भवनों का भी लोकार्पण हुआ है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र सीमा बल हमारे दो मित्र देशों, नेपाल और भूटान की सीमा पर सुरक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक मेलजोल बढ़ाने का काम भी करता है। श्री शाह ने कहा कि 1962 के भारत-चीन युद्ध से लेकर आज तक भारत के सीमा सुरक्षा बलों के समर्पित जवानों ने ना केवल सीमाओं की सुरक्षा की है, बल्कि सीमांत क्षेत्रों में स्थित गावों की सांस्कृतिक पहचान और भारत के साथ जुड़ाव को और अधिक सुदृढ़ करने करने का काम भी किया है। उन्होंने कहा कि भारत के सभी सीमा सुरक्षा बल, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा, गरीबों के लिए चलाई जा रही सभी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भी पूरे उत्साह के साथ काम करते हैं। उन्होंने कहा कि चाहे कोरोना महामारी हो या बाढ़, हर जगह हमारे सीमा सुरक्षा बलों के जवानों ने मानवता का उत्कृष्ट संदेश सीमांत क्षेत्रों में पहुंचाने का काम किया है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि यहां लगभग 7,485 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में बनी लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया का औसत व्यापारिक आंकड़ा 10,500 करोड़ रूपए है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले दिनों में नेपाल के साथ जुड़ी बाकी तीन लैंड पोस्ट बनने के साथ ही ये आंकड़ा और बढ़ेगा। श्री शाह ने कहा कि लैंड पोर्ट के माध्यम से नेपाल के साथ हमारे कोऑर्डिनेशन, कोलैबोरेशन और कोऑपरेशन में बहुत प्रगति हुई है। रोज़ाना 7,000 ट्रकों की आवाजाही यहीं से होती है और भारत-नेपाल के बीच कुल व्यापार का 14 प्रतिशत लैंड पोर्ट अथॉरिटी की इसी चेक पोस्ट के ज़रिए होता है।

श्री शाह ने कहा कि पहले किसी को बॉर्डर पर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की चिंता नहीं होती थी। श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत काम हुआ है और आज भारत के अंतिम गांव को प्रथम गांव बनाने का काम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया है। श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने कनेक्टिविटी की दिक्कतों को दूर कर कल्याणकारी योजनाओं को गाँवों तक पहुंचाया है। भू-सीमा से पहले व्यापार लगभग असंभव था और जो होता था, वो ज्यादातर अवैध रूप से चलता था, लेकिन आज वैधानिक रूप से व्यापार बढ़ा है। इसके साथ-साथ पीपल टू पीपल संबंध बहुत मजबूत हुए हैं, जो बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी देशों के साथ हमारा पीपल टू पीपल कनेक्ट बढ़े यह बहुत जरूरी है और इन सब कामों के लिए लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी एक वन स्‍टेप सॉल्यूशन है। श्री शाह ने कहा कि एक ही जगह पर इन सारे उद्देश्यों की पूर्ति लैंड पोर्ट अथॉरिटी के माध्यम से हो रही है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा अब तक 11 लैंड पोर्ट्स का विकास किया जा चुका है और कई अन्य पर काम प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के बीच 19 लैंड कस्टम्‍स स्टेशनों की भी पहचान कर ली गई है। इनमें से 10 कस्टम्स स्टेशन बिहार सीमा पर हैं, जिससे बिहार के लोगों का व्यापार निश्चित रूप से बढ़ेगा।

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