पश्चिम बंगाल के रघुनाथपुर में 1,320 मेगावाट की ताप विद्युत परियोजना होगी स्थापित

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-आरईसी दामोदर वैली कॉरपोरेशन को ऋण प्रदान करेगा

नई दिल्ली :  विद्युत मंत्रालय के अधीन केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के महारत्न उद्यम आरईसी लिमिटेड ने दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) के साथ एक समझौता किया है। इसके तहत पश्चिम बंगाल के रघुनाथपुर में 1,320 मेगावाट की ताप विद्युत परियोजना (2×660 मेगावाट) स्थापित करने के लिए आरईसी डीवीसी को 4,527.68 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान करेगा ।

आरईसी और डीवीसी के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास से रघुनाथपुर थर्मल पावर स्टेशन द्वितीय चरण परियोजना ,पश्चिम बंगाल में बिजली उत्पादन क्षमता में महत्वपूर्ण योगदान देगी । 1,320 मेगावाट की संयुक्त क्षमता के साथ , यह परियोजना क्षेत्र के ऊर्जा परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है ।

परियोजना जैसे-जैसे आगे बढ़ती है , आरईसी और डीवीसी दक्षता , नवाचार और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के उच्चतम मानकों का पालन करते हुए इसके सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए समर्पित रहते हैं । आरईसी और डीवीसी के बीच यह रणनीतिक साझेदारी सतत विकास को बढ़ावा देने और बिजली क्षेत्र को मजबूत करने के लिए उनकी सामूहिक प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है ।

राम नरेश सिंह, अध्यक्ष, अरूप सरकार, सदस्य (वित्त) , डॉ जॉन मथाई , सदस्य सचिव, एम. रघु राम , सदस्य (तकनीकी) ,  जॉयदीप मुखर्जी, कार्यकारी निदेशक (वित्त) और दामोदर वैली कॉर्पोरेशन से वरिष्ठ महाप्रबंधक (वित्त)  सुमित कुमार दास, और आरईसी लिमिटेड से सीपीएम पंकज वर्मा की उपस्थिति में हस्ताक्षर किये गये ।

 

आरईसी लिमिटेड एक गैर बैंकिंग वित्त कंपनी ( एनबीएफसी ) है जो पूरे भारत में ऊर्जा क्षेत्र के वित्त पोषण और विकास पर ध्यान केंद्रित करती है। यह राज्य बिजली बोर्डों, राज्य सरकारों, केंद्र / राज्य बिजली उपयोगिताओं, स्वतंत्र बिजली उत्पादकों, ग्रामीण विद्युत सहकारी समितियों और निजी क्षेत्र की जन उपयोगी सेवाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करता है । आरईसी की फंडिंग से भारत में हर चौथा बल्ब रोशन होता है ।

इसकी व्यावसायिक गतिविधियों में संपूर्ण बिजली क्षेत्र मूल्य श्रृंखला में उत्पादन, पारेषण, वितरण और नवीकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण शामिल है । डीवीसी केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है, जो देश के पूर्वी क्षेत्र की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए बिजली उत्पादन और ट्रांसमिशन में लगा हुआ है ।

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