सुभाष चौधरी /The Public World
नई दिल्ली : लोकसभा में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी की ओर से अविश्वास प्रस्ताव रखते हुए पार्टी के संसदीय दल के उप नेता गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री से तीन सवाल किए और तीन मांगे भी रखी. उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की पीछे के कारणों का उल्लेख करते हुए तीन गंभीर आरोप लगाए. कांग्रेस सांसद ने कहा कि मणिपुर में एनडीए की सरकार उसके मुख्यमंत्री पूरी तरह विफल साबित हुए हैं जबकि इस मामले में केंद्रीय ग्रह मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दोनों ही विफल रहे. उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री मणिपूर में हुई उनकी सरकार की चूक को कबूल नहीं करना चाहते हैं इसलिए ही मणिपुर के मामले पर मौन है. प्रधान मंत्री के मौन रहने के कारणों को हो विपक्ष को सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मज़बूरी बताया . कांग्रेसी सांसद ने कहा कि मणिपुर पर प्रधानमंत्री को संसद में बोलने के लिए मजबूर करने की दृष्टि से विपक्ष के पास और कोई विकल्प नहीं बचा था.
अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री को छवि से बेहद लगाव है और अगर वह बोलेंगे तो मणिपुर की वर्तमान सरकार और केंद्रीय गृह विभाग एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की विफलता को उन्हें स्वीकार करनी पड़ेगी जो वह नहीं कर सकते. इसलिए ही मौन धारण किए हुए हैं.
गौरव गोगोई ने कहा कि मणिपुर के वर्तमान मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह भड़काऊ बयान देकर वहां समाज में तनाव पैदा कर रहे हैं. उन्होंने कहा की भारत की बात करने वाली एनडीए सरकार ने अपने करतूतों से दो मणिपुर बना दिया है. कांग्रेस सांसद ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का उल्लेख करते हुए मणिपुर मामले में राज धर्म का पालन करने की याद दिलाई. उन्होंने आरोप लगाया कि मणिपुर में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के साथ अत्याचार हुआ है और केंद्र सरकार वहां न केवल सामाजिक विभेद को समाप्त करने में नाकाम रही है बल्कि कानून व्यवस्था स्थापित करने में भी विफल रही है.
गौरव गोगोई ने कहा कि अगर महिला उत्पीड़न वाली वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल नहीं होती तो प्रधानमंत्री अब तक भी मौन ही रहते. उन्होंने सवाल किया कि आखिर 80 दिनों बाद प्रधानमंत्री इस अति गंभीर मुद्दे पर क्यों बोले और अगर बोले तो केवल 30 सेकंड. उन्होंने मणिपुर की जनता से आज तक शांति बहाल करने की अपील नहीं की.
उनका कहना था कि मणिपुर में आज बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. लोग अपनी दिनचर्या नियमित तौर पर नहीं कर पा रहे हैं. आम लोग उनके साथ हुई ज्यादती के बारे में बात करने की स्थिति में नहीं है. दूसरी तरफ मणिपुर के मुख्यमंत्री एक समाज पर ड्रग माफिया होने का आरोप लगाकर स्थिति को भड़का रहे हैं. कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि मणिपुर में भाजपा के ही एक नेता को ड्रग माफिया के रूप में पकड़ा गया था जिसे बचाने के लिए सीएम कार्यालय से दबाव डाला गया.
उन्होंने कहा कि बीजेपी शासन काल में मणिपुर में जंगलों को काटा जा रहा है. केंद्रीय गृहमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि हर रोज ड्रग माफिया पर नियंत्रण करने संबंधी उनके बयान आते हैं लेकिन पिछले 5 से 6 सालों में इस प्रकार के घटनाएं बढ़ी हैं.
गृह विभाग की नाकामी को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि मणिपुर में हजारों हथियार लूटे गए. 6 लाख गोलियां भी लूट ली गई जो चिंता का विषय है. उन्होंने आशंका जताई कि इन लूटे गए हथियारों और गोलियों का दुरुपयोग पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में हो सकता है. इसका उपयोग भारतीय सेना के खिलाफ, मणिपुर की पुलिस के खिलाफ और यहां तक कि आम जनता के खिलाफ भी किए जाने की प्रबल आशंका है.
उन्होंने सवाल किया कि आज एनडीए के मुख्यमंत्री, केंद्र सरकार और असम राइफल को ही कटघरे में खड़े कर रहे हैं. उनका कहना था कि केंद्रीय गृहमंत्री मणिपुर गए . उन्होंने शांति कमेटी के लोगों से बातचीत की और 15 दिन बाद दोबारा राज्य में वापस आने का वायदा किया. लेकिन वह दोबारा नहीं गए. उन्होंने आरोप लगाया की भारतीय जनता पार्टी ने पूर्वोत्तर के उग्रवादियों का समर्थन अपने राजनीतिक फायदे के लिए. एन डी ए की सरकार को देश की अखंडता से कुछ लेना-देना नहीं बल्कि अपने राजनीतिक फायदे को ध्यान में रखकर किसी से भी समझौता कर सकती है.
गौरव गोगोई ने कहा की भाजपा सरकार केवल वादे करती है अमल नहीं. उन्होंने आरोप लगाया कि असम में ना तो एनआरसी लागू की गई ना ही सी ए ए पर काम हुआ. उन्होंने कहा कि आज स्थिति यह बनी हुई है कि असम और मिजोरम जैसे राज्यों की पुलिस ही एक दूसरे पर गोलियां चला रही है.
गौरव गोगोई ने चीन के साथ भारत के सीमा विवाद को लेकर भी केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि बाली में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्या बातचीत हुई उसे दबाया गया. जब चीनी विदेश मंत्रालय ने मामले का खुलासा कर दिया तब देश की विदेश विभाग की ओर से स्थिति स्पष्ट की गई. इस पर भी प्रधानमंत्री बन रहे.
कांग्रेस सांसद ने जम्मू और कश्मीर में हुई पुलवामा घटना की चर्चा करते हुए कहा कि पूर्व राज्यपाल ने प्रधानमंत्री पर इस मामले में चुप रहने का निर्देश देने का आरोप लगाया था लेकिन प्रधानमंत्री इस पर भी मौन रहे. उन्होंने सवाल किया आखिर यह कैसा राष्ट्रवाद है जो केवल सत्ता लोलुपता को दर्शाता है. कांग्रेस सांसद ने वीडियो समझौता 1986 सहित नागा समझौता की याद दिलाते हुए कहा कि पूर्वोत्तर में शांति स्थापित करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने विशेष पहल की थी. उन्होंने अपनी चुनी हुई सरकारों को शांति स्थापित करने के लिए बर्खास्त कर दिया था.
गौरव गोगोई ने संसद में प्रधानमंत्री से तीन मांगें रखी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को संसद के दोनों सदनों में आकर मणिपुर पर अपनी बात रखनी चाहिए. पीएम को सर्वदलीय समिति के साथ मणिपुर का दौरा करना चाहिए जबकि शांति की पहल करने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों से बात करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए.