उपायुक्तों को हर स्थिति पर नजर बनाए रखने के दिए निर्देश, इलाकों में समयबद्ध तरीके से पानी की निकासी और ट्रैफिक आवाजाही लगातार करें सुनिश्चित
यदि इलाकों में पानी भरता है तो लोगों तक खाने के पैकेट पहुंचाने के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाना करें सुनिश्चित
उत्तर हरियाणा से आने वाले पानी को दक्षिण हरियाणा तक पहुंचाया जाए, ताकि उत्तर हरियाणा के जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न न हो- मुख्यमंत्री
घग्घर नदी का पानी खतरे के निशान पर पहुंचा, निचले इलाकों को खाली करवाया जा चुका
नई दिल्ली, 10 जुलाई ; हरियाणा में पिछले 3 दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के मद्देनजर स्थिति का जायजा लेने हेतु मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज चंडीगढ़ मुख्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला उपायुक्तों के साथ आपात बैठक की। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि आम नागरिक को किसी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
मनोहर लाल ने अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर जिलों के उपायुक्तों को विशेष निर्देश देते हुए कहा कि लोगों को नदियों के पास न जाने दें। यमुना, घग्घर व अन्य छोटी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, क्योंकि हिमाचल प्रदेश में भी लगातार बारिश होने के चलते नदियों में पानी लगातार बढ़ रहा है। इसलिए निचले इलाकों को खाली करवाना सुनिश्चित करे। नरवाना ब्रांच और एसवाईएल में भी पानी अपनी पूरी क्षमता तक बह रहा है। इसलिए जिला उपायुक्त नजर बनाये रखें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि बोरियों में मिट्टी भरवाकर तैयार रखें, ताकि यदि कहीं कोई नदी या ड्रेन में कोई कटाव होता है तो उसे तुरंत कंट्रोल किया जा सके।
उन्होंने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश देते हुए कहा कि राज्य में औसत से कई अधिक बारिश हो रही है, इसलिए उपायुक्त अपने-अपने जिलों में हर स्थिति पर कड़ी नजर बनाए रखें। यदि किसी इलाके में पानी भरता है तो लोगों को रेस्क्यू करने के साथ-साथ लोगों के लिए भोजन के पैकेट पहुंचाना व स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाना सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने कुरुक्षेत्र के उपायुक्त को निर्देश दिए कि पिहोवा -अंबाला सड़क पर कुछ किनारों से मिट्टी खिसकने की सूचना मिली है, इसलिए इस पर नजर बनाए रखें और मिट्टी के कटाव को रोकें। इसके अलावा, उन्होंने पंचकूला की उपायुक्त को भी पिंजौर -बद्दी सड़क पर पुल टूटने के कारण लोगों को हो रही परेशानी का समाधान निकालने व हिमाचल के अधिकारियों से समन्वय स्थापित करके कोई अन्य मार्ग की व्यवस्था करवाने के प्रयास करें।
उत्तर हरियाणा से आने वाले पानी को दक्षिण हरियाणा तक पहुंचाया जाए, ताकि उत्तर हरियाणा के जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न न हो
मनोहर लाल ने निर्देश दिए कि दक्षिण हरियाणा के जिलों में पानी पहुंचाने वाली नेचुरल और कृत्रिम ड्रेन पूरी तरह से कार्यात्मक हों। इसके अलावा, दक्षिण हरियाणा के जिन-जिन इलाकों में लिफ्ट करके पानी पहुंचाया जाता है, वहां भी उत्तर हरियाणा से आने वाले पानी को इन इलाकों में पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तर हरियाणा से बहने वाला बरसाती पानी को दक्षिण हरियाणा तक पहुंचाया जाए, जिससे न केवल इन इलाकों में वर्षभर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी और उत्तर हरियाणा में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने से भी निजात मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि नदियों के तल में कुछ अवैध निजी बिल्डिंग बनी हुई हैं, उन्हें हटाया जाए, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। उन्होंने नगर एवं ग्राम आयोजना तथा शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि भविष्य में शहरीकरण के दौरान पानी की निकासी की प्लानिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि ड्रेनों की सफाई, मरम्मत और रखरखाव के लिए भी एसओपी तैयार की जाए। बरसात के मौसम से 3 महीने पहले सभी ड्रेनों की मॉनिटरिंग करें ताकि कहीं कोई कमी हो तो उसे ठीक किया जा सके।
अंबाला जिला में नदियां उफान पर, लोग नदी के पास जाने से बचें
बैठक में अंबाला के उपायुक्त ने बताया कि पिछले 3 दिनों में अभी तक 493 एमएम बारिश हुई है, जिससे नदियों में पानी ज्यादा आ गया है। घग्घर नदी का जलस्तर 16,500 क्यूसिक रहता है, जबकि इस समय 21 हजार क्यूसिक चल रहा है। टांगरी नदी का जलस्तर भी स्वाभाविक 13 हजार क्यूसिक की बजाय इस समय 21 हजार क्यूसिक पर है। इसके अलावा, मारकंडा नदी का जलस्तर, सेफ जोन 50 हजार क्यूसिक है और अभी 50 हजार क्यूसिक ही पानी है। यदि बारिश की यही संभावना रही तो शायद पानी अंबाला ड्रेन में बैक-फ्लो होगा, जिससे शहर में पानी भरने की आशंका है। इसलिए प्रशासन ने पूरी तैयार कर रखी है। निचले इलाकों से लोगों को रेस्क्यू करना शुरू कर दिया है और भोजन की व्यवस्था भी कर दी गई है। गांवों में मुनादी करवाई गई है कि लोग नदियों के पास न जाएं। जिला प्रशासन हर स्थिति के लिए तैयार है। आर्मी की टुकड़ी नरवाना ब्रांच पर तैनात भी की गई है।
बैठक में बिजली निगमों के चेयरमैन श्री पीके दास ने बताया कि अंबाला सिटी व अंबाला कैंट के कुछ इलाकों में बिजली नहीं है, उन इलाकों को बिजली की आपूर्ति किसी अन्य स्त्रो से करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
घग्घर नदी का पानी खतरे के निशान पर पहुंचा, निचले इलाकों को खाली करवाया जा चुका
पंचकूला की उपायुक्त ने बताया कि पंचकूला जिले में औसत से कई अधिक बारिश हुई है। घग्घर नदी के साथ लगते इलाकों को खाली करवाया जा चुका है। घग्घर नदी का पानी खतरे के निशान पर पहुंच चुका है। कुरुक्षेत्र के उपायुक्त ने जानकारी दी कि मारकंडा नदी में वर्ष 1978 में 256.4 मीटर पानी रिकॉर्ड किया गया था, जबकि इस समय 255 मीटर पर चल रहा है। अधिक बारिश होने की संभावना को देखते हुए निचले इलाकों को खाली करवाया जा चुका है। इसके अलावा, यमुनानगर में भी यमुना नदी के जल स्तर को देखते हुए इलाकों को खाली करवाने की प्रक्रिया अमल में लाई जा चुकी है। जिला प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। एसडीआरफ और एनडीआरफ टीमों के साथ सभी स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं।
बैठक में मुख्य सचिव संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी एस ढेसी, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित्त आयुक्त राजस्व राजेश खुल्लर, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल मलिक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ जी अनुपमा, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, पुलिस महानिदेशक पीके अग्रवाल, एडीजीपी सीआईडी आलोक मित्तल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।