दिल्ली में 8 वर्षों की अवधि में पहली बार सबसे अच्छी वायु गुणवत्ता दर्ज की गई

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नई दिल्ली :  30 जून यानी शुक्रवार तक, दिल्ली की औसत वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी में है यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 200 से कम है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट -सीएक्यूएम) और विभिन्न हितधारकों के लगातार, व्यापक एवं ठोस प्रयासों के साथ-साथ अनुकूल मौसम संबंधी / मौसम की स्थिति ने चालू वर्ष की पहली छमाही के दौरान दिल्ली में बेहतर समग्र वायु गुणवत्ता प्राप्त करने में सहायता की है।

वर्तमान वर्ष के पहले छह महीनों की अवधि में दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) पर ‘अच्छे से मध्यम’ के रूप में वर्गीकृत दिनों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है । पिछले 08 वर्षों के दौरान अर्थात 2016 से 2023 (जनवरी- जून की अवधि के लिए) की अवधि में दिल्ली ने, जैसा कि नीचे दिए गए ग्राफ़ में दर्शाया गया है- (कोविड-19 लॉकडाउन के कारण वर्ष 2020 के दौरान बहुत कम मानवजनित, औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों की अवधि को छोड़कर) वर्तमान जारी वर्ष में अपनी सर्वश्रेष्ठ वायु गुणवत्ता दर्ज की और इसमें ‘अच्छी से मध्यम’ वायु गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या सबसे अधिक है।
2016-2023 के बीच प्रत्येक वर्ष की पहली छमाही के दौरान देखी गई ‘अच्छी से मध्यम’ वायु गुणवत्ता वाले दिनों का तुलनात्मक चार्ट नीचे प्रदर्शित किया गया है :

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वर्ष 2016 में पहली छमाही अवधि (यानी जनवरी से जून) के लिए ‘अच्छी से मध्यम’ वायु गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या 30 थी; यह 2017 में 57; 2018 में 65; 2019 में 78; 2020 में 126; 2021 में 84; 2022 में 54; और वर्तमान वर्ष 2023 में 101 है ।
इस अवधि के दौरान, दिल्ली में 2023 में ‘खराब से गंभीर’ वायु गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या सबसे कम रही, जबकि 2016 के बाद से पिछले 07 वर्षों की इसी अवधि की तुलना में (2020 को छोड़कर – जब कोविड के कारण लॉकडाउन हुआ था)। पहली छमाही की अवधि (जनवरी से जून) के लिए ‘खराब से गंभीर’ वायु गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या भी वर्ष 2016 में 147 से कम होकर वर्तमान वर्ष 2023 में 80 रह गई है।
इस अवधि के दौरान दिल्ली का औसत एक्यूआई भी मध्यम वायु गुणवत्ता सूचकांक की श्रेणी अर्थात 200 से नीचे रहा। जैसा कि ग्राफ़ में दर्शाया गया है -दिल्ली ने पिछले 07 वर्षों यानी 2016 (2020- कोविड के कारण लॉकडाउन का वर्ष को छोड़कर) की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष (जनवरी-जून) के दौरान अपना सबसे कम औसत एक्यूआई दर्ज किया है ।
नीचे दिया गया चार्ट 08 वर्षों (2016-2023) के दौरान पहली छमाही की अवधि के लिए औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) प्रदर्शित करता है :

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दैनिक औसत पीएम10 और पीएम2.5 के सांद्रता स्तर को ध्यान में रखते हुए, 2023 की पहली छमाही की अवधि के दौरान दिल्ली में कोविड के कारण लॉकडाउन का वर्ष सांद्रता का दैनिक औसत स्तर वर्ष 2016 से (जैसा कि ग्राफ़ में दर्शाया गया है- कोविड के कारण लॉकडाउन का वर्ष- 2020 को छोड़कर) पिछले 07 वर्षों की इसी अवधि की तुलना में सबसे कम देखा गया है ।

08 वर्षों (2016-2023) के दौरान पहली छमाही की अवधि के लिए PM10 और PM2.5 के जारी (रनिंग) औसत (µg/m3) को दर्शाने वाला एक तुलनात्मक चार्ट नीचे दिया गया है :

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यह सुधार पीएम2.5 और पीएम10 के कण पदार्थो (पार्टिकुलेट मैटर) और अन्य हानिकारक उत्सर्जनों (हार्मफुल इमीशंस) के निम्न स्तर के साथ वायु प्रदूषक तत्वों में पर्याप्त कमी का संकेत देता है । गिरावट की इस प्रवृत्ति लम्बे समय से बनाए रखा गया है और यह दिल्ली- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की समग्र वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट -सीएक्यूएम) और विभिन्न हितधारकों द्वारा दिखाई गई प्रतिबद्धता और की गई कार्रवाई का प्रमाण भी है।
आयोग ने दोहराया है कि इस गति को बनाए रखना और आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर में बेहतर वायु गुणवत्ता के लिए प्रयासों को जारी रखना आवश्यक है । सीएक्यूएम वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और उसमे कमी लाने के लिए प्रभावी उपाय करने और इस क्षेत्र में समग्र वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए विभिन्न संबंधित हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

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