नई दिल्ली : केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज यहां स्वास्थ्य मंत्रालय और डीजीएचएस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य सेवाओं और पर्याप्त गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रावधान की समीक्षा की।
उन्हें आधार शिविर (बेस कैंप) और यात्रा के रास्ते में उपलब्ध कराई जा रही चिकित्सा संबंधी देखभाल एवं अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी दी गई। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को यात्रियों के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं और चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित करने में केन्द्र-शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर को पूरी सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है ताकि इस कठिन यात्रा के दौरान यात्रीगण पूरी तरह स्वस्थ रहें और उनकी शारीरिक स्थिति अच्छी बनी रहे। केन्द्रीय मंत्री ने कहा, “ हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यात्रा के दौरान सभी भक्तों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं और चिकित्सा सुविधाएं मिले।”
अमरनाथ यात्रा भू-जलवायु संबंधी चुनौतियों, विशेषकर ऊंचाई वाले स्थानों पर होने वाली विभिन्न समस्याओं की दृष्टि से असाधारण है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशानुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय इस यात्रा के दौरान पर्याप्त स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को बेहतर बनाने और उसका पूर्वानुमान लगाने के प्रयासों के तहत स्वास्थ्य संबंधी देखभाल की उपयुक्त व्यवस्था के साथ केन्द्र-शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर की सरकार की पूरी सहायता कर रहा है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आधार शिविर (बेस कैंप) और यात्रा के रास्ते में आवश्यक बुनियादी ढांचे के साथ चिकित्सा सुविधाएं स्थापित की गई हैं।
बालटाल और चंदनवाड़ी में 100 -बिस्तरों वाले अस्पतालों की स्थापना
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बालटाल और चंदनवाड़ी से होकर जाने वाले दो अक्ष मार्गों पर डीआरडीओ द्वारा दो 100-बिस्तरों वाले अस्पतालों की स्थापना के लिए पूर्ण वित्त पोषण और सहायता प्रदान किया है। इन दोनों अस्पतालों में कामकाज शुरू हो चुका है। इन अस्पतालों में इस यात्रा के लिए तैनात कर्मचारियों की आवासीय सुविधाएं शामिल होंगी। इन अस्पतालों में लैब सुविधाएं, रेडियो डायग्नोसिस, स्त्री रोग, आईसीयू, हाइपरबेरिक ऑक्सीजन चैंबर सहित निदान और उपचार की सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
ये दोनों अस्पताल चौबीसों घंटे कार्यरत रहेंगे और एक स्वतंत्र ट्रॉमा यूनिट के साथ विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा संचालित होंगे।
स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति
डीजीएचएस (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय) ने 11 राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों और केन्द्र सरकार के अस्पतालों से नामांकन मांगकर स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति भी शुरू कर दी है। इन टीमों को 4 बैच/शिफ्ट में तैनात किया जाएगा। ऊंचाई वाले स्थानों पर होने वाली अस्वस्थता और आपात स्थिति के प्रबंधन के बारे में प्रतिनियुक्ति के लिए चुने गए डॉक्टरों/पैरामेडिक्स की क्षमता का निर्माण केन्द्र-शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर के साथ समन्वय में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। डीटीईजीएचएस की आपातकालीन चिकित्सा राहत प्रभाग की एक टीम इस वर्ष की यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के लिए मौजूदा स्थानीय चिकित्सा बुनियादी ढांचे/सुविधाओं और अस्थायी अस्पतालों का स्थल पर जाकर आकलन कर रही है।
वेब पोर्टल/आईटी एप्लीकेशन
बेहतर आपातकालीन तैयारी, बीमारियों के पैटर्न को समझने और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की निगरानी हेतु इस यात्रा के दौरान एक अनुकूलित वेब-सक्षम वास्तविक समय में डेटा संग्रह का मॉड्यूल एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) – राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के एकीकृत स्वास्थ्य सूचना प्लेटफार्म (आईएचआईपी) पोर्टल के जरिए विकसित किया जा रहा है।
जागरूकता संबंधी परामर्श
स्वास्थ्य मंत्रालय ने तीर्थयात्रियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए क्या करें और क्या न करें के रूप में परामर्श विकसित की है। पर्याप्त चिकित्सा प्रबंधन के लिए ऊंचाई वाले स्थानों पर होने वाली आपात स्थितियों के चिकित्सीय प्रबंधन के लिए एसओपी भी तैयार किए गए हैं।