गुरुग्राम। सामाजिक विकास, एसजीटी का प्रयास के तहत एसजीटी विश्वविद्यालय द्वारा आज सुल्तानपुर गांव में ‘शिक्षा सदन पुस्तकालय’ का उद्घाटन किया गया। जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के साथ एसजीटी यूनिवर्सिटी का जुड़ाव बनाना और ग्रामीण बच्चों को शिक्षित करना है। पुस्तकालय का उद्घाटन सुल्तानपुर गांव की सरपंच श्रीमती सीमा व लोक पंचायत एवं विकास अधिकारी हितेश मेहला द्वारा किया गया।
सामाजिक विकास, एसजीटी का प्रयास की सेंट्रल कॉर्डिनेटर नेहा शर्मा ने कहा कि इस पहल की शुरुआत एसजीटी विश्वविद्यालय द्वारा ‘वन बुक वन स्माइल’ के साथ की गई, जिसमें विश्वविद्यालय के संकाय सदस्य और छात्र छात्राओं के द्वारा किताबें दान दी गई, इन्हीं किताबों को आज सुल्तानपुर गांव में नवनिर्मित पुस्तकालय में रखा गया है।
एसजीटी विश्वविद्यालय के आउटरीच एक्टिविटी के एड्वाइजर और ‘सेल्फ़ी विद डॉटर’ के जनक सुनील जागलान ने बताया कि ग्रामीण लोगों द्वारा भी 600 किताबें दान दी गई, जिन्हें आज लाइब्रेरी में रखा गया है, इतना ही नहीं पुस्तकालय के सुधार का जिम्मा भी खुद ग्राम पंचायत ने उठाया जिसके बाद पुस्तकालय में मूलभूत सुविधाएं प्रदान की गई।
उन्होंने बताया कि इस पहल का नाम ‘पंचायत पब्लिक यूनिवर्सिटी मॉडल’ दिया गया है, इस पुस्तकालय के माध्यम से विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे और विश्वविद्यालय के द्वारा जिन जिन गांव को गोद लिया गया है वहां पर भी जल्द पुस्तकालय बनाने का कार्य किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को शिक्षित करना ही नहीं बल्कि शिक्षा स्तर को भी सुधारना है। विश्वविद्यालय के संकाय सदस्य और विद्यार्थी समय-समय पर प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन भी पुस्तकालय में करते रहेंगे। जो भी विद्यार्थी पुस्तकालय में अपनी अटेंडेंस पूरी करता है, उसे पंचायत के द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा और आज गांव में यह शपथ भी दिलवाई गई कि जब किसी बच्चे का जन्म होगा तो उसके माता-पिता द्वारा एक पुस्तक पुस्तकालय को दान में दी जाएगी।
सुनील जगलान ने कहा कि विश्वविद्यालय के मास कम्युनिकेशन संकाय का भी इसमें अहम रोल होगा जिसके द्वारा डॉक्यूमेंट्री बनाकर लोगों को पुस्तकालय के फायदे भी आसानी से समझा जा सकेंगे।